- किसानों को सशक्त बनाने एनआईबीएसएम ने दी विज्ञान-आधारित खेती की तकनीकी जानकारी
- आईसीएआर-एनआईबीएसएम का अभिनव प्रयास: विज्ञान से खेत तक तकनीक पहुंचाने की पहल
रायपुर (विश्व परिवार)। विकसित कृषि संकल्प अभियान के तहत आईसीएआर-राष्ट्रीय जैविक तनाव प्रबंधन संस्थान (आईसीएआर-एनआईबीएसएम), रायपुर द्वारा छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों में व्यापक फील्ड आउटरीच कार्यक्रम आयोजित किए गए। निदेशक डॉ. पी.के. राय के मार्गदर्शन में डॉ. सौम्या दाश और डॉ. पी. मूवेंथन सहित वैज्ञानिकों की एक टीम ने रायपुर और दुर्ग समेत कई जिलों में प्रशिक्षण, क्षेत्र भ्रमण, किसान मेलों, संवाद कार्यक्रमों तथा जागरूकता शिविरों में भाग लिया।
इस अभियान का उद्देश्य लाभदायक, जलवायु अनुकूल और टिकाऊ कृषि हेतु विज्ञान-आधारित समाधानों को किसानों तक पहुँचाना था। प्रमुख गतिविधियों में पशुओं में नस्ल सुधार हेतु कृत्रिम गर्भाधान, प्राकृतिक एवं जैविक कृषि को बढ़ावा देना, प्रकाश जाल जैसी पर्यावरण अनुकूल कीट प्रबंधन विधियों का प्रदर्शन, प्रजनक बीज संग्रहण का महत्व, बायोफ्लॉक तकनीक पर मछली पालन प्रशिक्षण, एकीकृत कीट एवं खरपतवार प्रबंधन, संतुलित उर्वरक उपयोग, नमकीन घोल द्वारा बीज उपचार तथा धान की खेती में प्रत्यक्ष बीजरोपण (डीएसआर) तकनीक का प्रचार-प्रसार शामिल रहा।
इसके साथ ही किसानों को केंद्र सरकार की प्रमुख योजनाओं जैसे प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान), प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई), प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (पीएमकेएसवाई) तथा प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई) की जानकारी भी दी गई। टीम ने किसानों को उपयोगी मोबाइल एप्स से भी परिचित कराया एवं कृषि और बागवानी से संबंधित विभिन्न सरकारी योजनाओं के बारे में जागरूक किया।
यह पहल संस्थान की उस प्रतिबद्धता को दर्शाती है, जिसके तहत वह अनुसंधान और जमीनी स्तर पर इसके अनुप्रयोग के बीच की खाई को पाटने के लिए निरंतर प्रयासरत है, ताकि किसानों को आधुनिक वैज्ञानिक नवाचारों का प्रत्यक्ष लाभ मिल सके।