- दस दिवसीय जैन रामायण कथा आज होगा हनुमान जन्म का प्रसंग
- सायंकाल हुई महाआरती एवं भक्ति संध्या में झूमे श्रद्धालु
- प्रतिदिन प्रातः 8.15 बजे से 10.15 बजे तक हो रहा आयोजन – 27 मई को होगा भव्य समापन
जयपुर (विश्व परिवार)। महापुरुष का क्रोध हाथ जोड़ने से और क्षमा याचना से शांत हो जाता है इसलिए ही तो वह निकट मोक्षगामी जीव होता है। जिन भक्ति से ही निर्वाण सम्भव है। ये उदगार गुलाबी नगरी जयपुर की पावन धरा पर पहली बार दुर्गापुरा के श्री दिगम्बर जैन मंदिर चन्द्र प्रभजी में राजस्थान जैन युवा महासभा, जैन कनेक्ट, दुर्गापुरा जैन मंदिर ट्रस्ट एवं महिला मंडल दुर्गापुरा के संयुक्त तत्वावधान में दिगम्बर जैन मुनि जयकीर्ति के मुखारबिंद से चल रही दस दिवसीय जैन रामायण कथा के पांचवें दिन गुरुवार को मुनि जयकीर्ति महाराज ने व्यक्त किये।
उन्होंने कथा के दौरान रावण का सीता के साथ लंका प्रवेश, विभिषण-सीता संवाद, रावण का बाली मुनिराज पर उपसर्ग, सुग्रीव – राम मुलाकात, पवनंजय – अन्जना विवाह, लक्ष्मण का कोटि शीला उठाना सहित अन्जना का वनवास प्रसंग का बडा सुन्दर चित्रण किया।
राजस्थान जैन युवा महासभा के प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप जैन एवं प्रदेश महामंत्री विनोद जैन कोटखावदा ने बताया कि प्राचीन जैन ग्रन्थ ‘पद्मपुराण’ पर आधारित जैन रामायण कथा के संगीतमय आयोजन भगवान चन्द्र प्रभू के चित्र का अनावरण एवं दीप प्रज्जवलन समाज श्रेष्ठी शिखर चन्द कासलीवाल, श्री भारतवर्षीय दिगम्बर जैन महासभा के राजस्थान अंचल अध्यक्ष कमल बाबू जैन, कुसुम कासलीवाल, रत्ना गंगवाल आदि ने किया।
ब्रह्मचारिणी पल्लवी दीदी द्वारा मंगलाचरण प्रस्तुत किया।
मुनि श्री जयकीर्ति महाराज के पाद पक्षालन समाज श्रेष्ठी विनीत – रश्मि चांदवाड सिद्धार्थ नगर वालों ने किया।
कथा के प्रमुख श्रोता राजा श्रेणिक का पुण्यार्जन समाज श्रेष्ठी अनूप देवी, शिखर चन्द – कुसुम देवी, मनोज – स्मिता, कृश, सिद्धेश कासलीवाल साईवाड वाले ने किया । इस मौके पर पूर्व सांसद राम चरण बोहरा, जोधपुर एम्स के अध्यक्ष डॉ एस एस अग्रवाल, प्रसिद्ध विद्वान प्रो. श्रेयांस सिंघई, मनोनीत पार्षद राजेन्द्र सोगानी एवं चेतन जैन निमोडिया गौरवमयी अतिथि के रूप में शामिल हुए। आयोजन समिति की ओर से रुपल गंगवाल, हिमांशु बज, कमलेश जैन, रितेश जैन, संदीप जैन आदि ने अतिथियों का स्वागत एवं सम्मान किया।
कथा के मुख्य श्रोता राजा श्रेणिक के रुप में शिखर चन्द – कुसुम देवी, मनोज – स्मिता कासलीवाल परिवार साईवाड के सदस्यों का गाजों बाजों के साथ सभागार में जयकारों के बीच आगमन हुआ।
राजा श्रेणिक परिवार परिवार एवं पुलक मंच जयपुर शहर की संरक्षिका रत्ना गंगवाल द्वारा मुनि श्री को जिनवाणी भेट कर आशीर्वाद प्राप्त किया। राजा श्रेणिक बने शिखर चन्द कासलीवाल ने मुनि श्री से प्रश्न किया कि हे गुरुवर हनुमान का जन्म कैसे हुआ ? मुनि श्री द्वारा समाधान के रुप में रविषेणाचार्य द्वारा रचित प्राचीन जैन ग्रन्थ ‘पद्मपुराण’ में उल्लेखानुसार जैन रामायण कथा का वाचन प्रारम्भ किया।
गुरुदेव के मुखारविंद से राम कथा के पांचवें दिन
वैराग्य के बीज बोने वाली राम कथा में रावण सीता को बार-बार मनाते हैं लेकिन सीता तो सती है उनके लिए तो राम के सिवाय और कुछ भी नहीं फिर मंदोदरी भी सीता को मनाती है फिर रावण और मंदोदरी का भी संवाद होता है रावण का सीता के साथ लंका में प्रवेश होता है फिर विभीषण का सीता के साथ संवाद होता है और विभीषण फिर रावण को समझाता है…रावण बाली मुनिराज पर उपसर्ग करता है कैलाश पर्वत को उठा लेता है फिर बाली मुनिराज के द्वारा कैलाश पर्वत की रक्षा करना फिर मंदोदरी का बाली मुनिराज से रावण के लिए क्षमा याचना करना….और फिर रावण का अहंकार चूर-चूर हो जाता है और फिर रावण के द्वारा जबरदस्त जिनेन्द्र भक्ति की जाती है वीणा का तार टूटने पर अपने हाथ की नस लगा देता है… और बाली मुनिराज मोक्ष की और गमन कर जाते हैं……
है……फिर सुग्रीव राम से मिलते हैं राम सीता के बारे में पूछते हैं और फिर रत्नजडित विद्याधर से सीता की सूचना मिलती है…. लक्ष्मण का कोटी शीला को उठाना और सिद्ध भगवान की भक्ति करते हैं और इधर पवनंजय का अंजना से विवाह होता है…… अंजना का वनवास ….. सारे प्रसंग को गुरुदेव ने बहुत ही चिर परिचित शैली में राम कथा में समझाया है……
मुनि श्री ने गद्य एवं पद्य के माध्यम से मांगी तुंगी तीर्थ से मोक्ष गये जैन धर्म के आठवें बलभद्र श्री रामचन्द्र के जीवन चरित्र पर प्रकाश डाला।
इस मौके पर पूर्व सासंद राम चरण बोहरा, जोधपुर एम्स के अध्यक्ष डॉ एस एस अग्रवाल, मालपुरा गेट थाना प्रभारी मुनिन्द्र सिंह, प्रसिद्ध विद्वान प्रो. श्रेयांस सिंघई, नगर निगम ग्रेटर में मनोनीत सदस्य राजेन्द्र सोगानी, प्रदीप जैन, विनोद जैन कोटखावदा, जी सी जैन, मनोज सोगानी, चेतन जैन निमोडिया आदि ने श्रीफल भेट कर मुनि श्री से आशीर्वाद प्राप्त किया।
मंच संचालन राजस्थान जैन युवा महासभा के प्रदेश महामंत्री विनोद जैन कोटखावदा ने किया।
आभार मुख्य संऐअनुज जैन ने व्यक्त किया।
जैन कनेक्ट के अध्यक्ष एडवोकेट अंकुर पाटनी एवं महामंत्री अतीव जैन ने बताया कि सायंकाल 7.00 बजे राजा श्रेणिक परिवार एवं उपस्थित सैकडो श्रद्धालुओं द्वारा जिनेन्द्र देव की आरती के बाद मुनि श्री की भव्य आरती की गई।
गुरु भक्ति के आयोजन के बाद प्रसिद्ध गायक सुभाष बज द्वारा पदमप्रभू चालीसा का पाठ, आध्यात्मिक एवं संदेशात्मक भजनों की प्रस्तुति दी गई।
दिगम्बर जैन मंदिर चन्द्र प्रभजी ट्रस्ट दुर्गापुरा के अध्यक्ष प्रकाश चांदवाड एवं मंत्री राजेन्द्र काला के अनुसार जयपुर से पूर्व पद्मपुराण पर आधारित जैन रामायण कथा संगीतमय का आयोजन मुम्बई, नागपुर, पटना सहित अन्य कई शहरों में किया जा चुका है। कथा के संगीतमय आयोजन के लिए कोल्हापुर महाराष्ट्र से संगीतकारों की टीम बुलाई गई है ।
इस मौके पर समाज श्रेष्ठी चिन्तामणि बज, उदय भान जैन, मनीष बैद, कैलाश छाबड़ा,विनीत चांदवाड, महावीर रावका, कैलाश भौसा, मणि कुमार, सतीश बाकलीवाल
राजीव जैन लाखना, सहित बड़ी संख्या में गण मान्य लोग शामिल हुए।
विनोद जैन कोटखावदा ने बताया कि शुक्रवार , 23 मई को प्रातः 8.15 बजे से जैन रामायण कथा का व्याख्यान शुरु होगा।