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एनआईटी रायपुर और राष्ट्रीय तकनीकी शिक्षक प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान (एनआईटीटीटीआर), भोपाल, मध्य प्रदेश ने संस्थागत सहयोग के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए

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रायपुर(विश्व परिवार)। राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, रायपुर (एनआईटी रायपुर) और राष्ट्रीय तकनीकी शिक्षक प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान (एनआईटीटीटीआर), भोपाल, मध्य प्रदेश ने आपसी सहयोग और अनुसंधान के अवसरों को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बढ़ाते हुए 05 सितंबर 2024 को एक समझौता ज्ञापन (एम. ओ. यु.) पर हस्ताक्षर किये | इस समझौता ज्ञापन पर डॉ. (प्रो.) एन. वी. रमना राव, निदेशक, एनआईटी रायपुर और डॉ. (प्रो.) सी. सी. त्रिपाठी, निदेशक, एनआईटीटीटीआर, भोपाल द्वारा हस्ताक्षर किये गए | इस दौरान डॉ. पराग दुबे, प्रोफेसर, एनआईटीटीटीआर भोपाल, डॉ. श्रीश. वर्मा, डीन (अकादमिक), डॉ. प्रभात. दीवान, डीन (अनुसंधान और परामर्श), और डॉ. देबाशीष सान्याल, डीन (संकाय कल्याण), डॉ टी. मीनपाल, विभागाध्यक्ष, इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग, डॉ. चित्रकांत साहू और डॉ. ए. कुमार एम. ओ. यु. नोडल अधिकारी और फैकल्टी मेम्बर्स मौजूद रहे |
इस समझौता ज्ञापन का प्राथमिक उद्देश्य सेमीकंडक्टर पैकेजिंग और ओएसएटी के क्षेत्रों में उन्नत सहयोगी अनुसंधान के उद्देश्य से एनआईटी रायपुर और एनआईटीटीटीआर भोपाल के बीच सहयोग और सहभागिता स्थापित करना है। अपनी बौद्धिक क्षमताओं का लाभ उठाकर, दोनों संस्थानों के संकाय सदस्य उद्योगों की जरूरतों को पूरा करने के लिए अनुसंधान और शिक्षण के लिए कौशल वृद्धि प्रणाली विकसित करने के लिए मिलकर काम करेंगे।
समझौता ज्ञापन की शर्तों के तहत, दोनों संस्थान अपनी महत्वपूर्ण अनुसंधान एवं विकास सुविधाओं को साझा करने के लिए सहमत हुए हैं। संस्थान संयुक्त अनुसंधान परियोजनाओं के अवसरों की खोज करेंगे और उनके लिए बाहरी वित्त पोषण की तलाश करेंगे। संस्थान छात्रों को वर्तमान उद्योग व्यवस्था के लिए तैयार करने और प्रशिक्षण देने में सक्रिय रूप से शामिल होंगे। छात्रों की इंटर्नशिप के लिए संस्थानों द्वारा आवश्यक समर्थन और सहायता भी प्रदान की जाएगी। दोनों संस्थानों में आपसी रुचि और उपलब्ध विशेषज्ञता के आधार पर अल्पकालिक पाठ्यक्रम, प्रशिक्षण कार्यक्रम, सेमिनार, कार्यशालाओं और सम्मेलनों जैसी संयुक्त शैक्षणिक गतिविधियाँ भी कराइ जाएगी ।
यह समझौता शुरू में 5 साल के लिए वैध है और दोनों पक्षों की आपसी सहमति से इसे बढ़ाया जा सकता है। यह समझौता ज्ञापन तकनीकी शिक्षा, अनुसंधान और उद्योग सहयोग में उत्कृष्टता को बढ़ावा देने के लिए दोनों संस्थानों की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। यह रणनीतिक साझेदारी निस्संदेह दोनों संस्थानों के विकास में योगदान देगी और छात्रों व फैकल्टी मेम्बर्स को लाभान्वित करेगी।

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