रायपुर(विश्व परिवार)। एनआईटी रायपुर में आयोजित “IoT हेल्थ: IoT एनबलिंग टेक्नोलॉजी, सिक्योरिटी एंड इट्स एप्लिकेशन ऑन हेल्थकेयर” पर IBITF (NM-ICPS), डिपार्टमेंट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी प्रायोजित 5-दिवसीय कार्यशाला का 13 दिसंबर को सफलतापूर्वक समापन हुआ। यह कार्यशाला 9 दिसंबर 2024 से 13 दिसंबर 2024 तक आयोजित हुई। समापन कार्यक्रम में मुख्य अतिथि, श्री विलियम हैनलॉन जूनियर, चीफ ऑफ फील्ड ऑफिस, यूनिसेफ इंडिया और विशिष्ट अतिथि डॉ. बाल परितोष दाश ऑफिसर इंचार्ज यूनिसेफ इंडिया और डॉ. श्रीश वर्मा डीन अकादमिक, एनआईटी रायपुर की उपस्थिति रही। कार्यक्रम की अध्यक्षता सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के प्रमुख डॉ. संजय कुमार ने की, जबकि डॉ. राकेश त्रिपाठी, एसोसिएट प्रोफेसर और डॉ. चंद्रशेखर जटोथ, सहायक प्रोफेसर, एनआईटी रायपुर कार्यक्रम के समन्वयक के रूप में कार्यरत थे।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि, श्री विलियम्स ने कुपोषण, नीति संचालित शिक्षा और गंभीर तीव्र कुपोषण (एसएएम) जैसी सामाजिक चुनौतियों से निपटने में प्रौद्योगिकी की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने बाल अधिकारों के महत्व को भी रेखांकित किया, और प्रत्येक बच्चे के लिए एक सम्मानजनक और स्वस्थ जीवन जीने के अवसर की वकालत की, ताकि उन्हें अपने सपनों को पूरा करने में सक्षम बनाया जा सके।
कार्यशाला में राष्ट्रीय स्तर के प्रमुख संस्थानों के विशेषज्ञों जिनमें डॉ. अनिल कुमार, डॉ. डी. एल. गुप्ता, और डॉ. मानस (एम्स रायपुर); डॉ. संग्राम रे (एनआईटी सिक्किम); डॉ. आशीष पटेल (एनआईटी मिजोरम); प्रो. आर. वी. बी. सुब्रमण्यम और डॉ. ई. सुरेश बाबू (एनआईटी वारंगल); प्रो. वेंकट रमण (आईआईटी तिरुपति); प्रो. सतीश कुमार पी. (आईआईटी रुड़की); प्रो. श्रीश वर्मा, डॉ. राकेश त्रिपाठी, डॉ. बिकेश कुमार सिंह और डॉ. सुवेंदु रूप (एनआईटी रायपुर) के साथ-साथ देश भर के प्रतिष्ठित संस्थानों के कई अन्य प्रतिष्ठित विशेषज्ञ शामिल रहे।
कार्यशाला की शुरूआत में पहले दिन बच्चों में गंभीर तीव्र कुपोषण (एसएएम) पर एक आकर्षक सत्र आयोजित हुआ, जिसका नेतृत्व डॉ. अनिल कुमार गोयल और डॉ. मानस (एम्स रायपुर) और डॉ. सैकत मजूमदार (एनआईटी रायपुर) ने किया। इस सत्र में पोषण संबंधी चुनौतियों, वैश्विक एसएएम सांख्यिकी और इन दबावपूर्ण चिंताओं को दूर करने के लिए व्यावहारिक IoT एप्लिकेशन जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों की खोज की गई। दूसरा दिन, स्वायत्त नेविगेशन, IoT सुरक्षा और इंटरनेट ऑफ मेडिकल थिंग्स (IoMT) में उभरते नवाचारों पर केंद्रित रहा। प्रो. राजलक्ष्मी, वी. सिंह और डॉ. संग्राम रे सहित प्रतिष्ठित वक्ताओं ने डेटा सुरक्षा रणनीतियों, एन्क्रिप्शन तकनीकों और स्वास्थ्य सेवा में IoT के लिए तैयार ब्लॉकचेन समाधानों पर प्रकाश डाला। तीसरे दिन, डॉ. डी.एल. गुप्ता द्वारा प्रस्तुत विटामिन और खनिजों की अज्ञात कमियों के लिए समय पर हस्तक्षेप पर जोर दिया गया। प्रो. आर.के. श्यामसुंदर ने IoT क्रिप्टोग्राफी और हल्के एन्क्रिप्शन प्रोटोकॉल का गहन विश्लेषण किया, जबकि डॉ. राकेश त्रिपाठी ने IoT सिस्टम के मुख्य घटकों में मूलभूत अंतर्दृष्टि प्रदान की। चौथे दिन, प्रो. आर.वी.बी. सुब्रमण्यम और प्रो. वेंकट रमना ने IoT एनालिटिक्स और नेटवर्क पर चर्चा की, स्वचालन और डेटा-संचालित निर्णय लेने में उनके महत्व पर प्रकाश डाला। डॉ. आशीष पटेल ने एज कंप्यूटिंग पर विस्तार से चर्चा की, तथा रियल-टाइम हेल्थकेयर एपीकेशन्स और स्मार्ट सिस्टम में इसकी क्षमता का प्रदर्शन किया। कार्यशाला के अंतिम दिन का समापन IoT कमजोरियों, बायो-सिग्नल प्रोसेसिंग में मशीन लर्निंग अनुप्रयोगों, वीडियो एनालिटिक्स और IoT-संचालित समाधानों पर केंद्रित सत्रों के साथ हुआ। पांच दिनों तक चली यह कार्यशाला सभी प्रतिभागियों के लिए ज्ञानवर्धक साबित हुई |