रायपुर (विश्व परिवार)। राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान रायपुर के छात्रों ने प्लेसमेंट के क्षेत्र में नई उपलब्धियां हासिल की है। संस्थान के अंतिम वर्ष के छात्र दिव्यांश पांडे (कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग) और विराज चंद्रा (इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी) को गूगल से प्री-प्लेसमेंट ऑफर प्राप्त हुआ है, जो उनकी उत्कृष्ट क्षमताओं और समर्पण का परिणाम है।
लखनऊ में जन्मे विराज चंद्रा ने अपने दृढ़ संकल्प और कड़ी मेहनत से सफलता की नई मिसाल कायम की है। छात्र ने बचपन से ही पढ़ाई में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया और विज्ञान विषय का चयन करते हुए आईआईटी में दाखिले का सपना देखा। छात्र ने अपनी मेहनत और लगन के बल पर एनआईटी रायपुर में आईटी शाखा में प्रवेश प्राप्त किया।
छात्र ने पहले दिन से ही कंप्यूटर प्रोग्रामिंग (सीपी) और डेवलपमेंट में खुद को समर्पित कर दिया। गिटहब, प्रोजेक्ट्स और रिज़्यूमे को बेहतर बनाने के लिए दिन-रात मेहनत की। अपनी लगन मेहनत के दम पर उन्होंने अपने लक्ष्य को प्राप्त किया। विराज को गूगल में सॉफ़्टवेयर डेवलपमेंट इंजीनियर (एसडीई) के पद पर नियुक्ति का प्रस्ताव मिला है। विराज को इस पद के लिए 58 लाख रुपये प्रति वर्ष का प्री प्लेसमेंट ऑफर प्राप्त हुआ है। यह उपलब्धि उनके कठिन परिश्रम और कुशलता का परिणाम है।
एनआईटी रायपुर में प्रवेश लेने के बाद, विराज ने कॉलेज के म्यूजिक और कोडिंग क्लब का हिस्सा बनकर अपनी रुचियों को विकसित किया और अपना समय खुद को अपग्रेड करने में लगाया। विराज ने अपने लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित करने के लिए कई बार अपनी व्यक्तिगत इच्छाओं का त्याग किया। विराज का कहना है कि यह अनुभव उनके लिए एक सीखने का अवसर था, जिसने उन्हें अनुशासन और अपने काम के प्रति सम्मान करना सिखाया। विराज ने अपनी सफलता का श्रेय अपने दृढ़ संकल्प और लगातार मेहनत को दिया है। उन्होंने बताया कि किसी विशेष संसाधन या टूल पर निर्भर रहने के बजाय, उन्होंने जो सही और उपयुक्त लगा, उसे एक्सप्लोर किया। विराज ने कहा कि “संसाधन और उपकरण सिर्फ एक माध्यम हैं। मैंने जो कुछ भी पढ़ा, उसे समझने और आत्मसात करने की कोशिश की।” उनके मुताबिक, सफलता का असली मंत्र है “हर दिन मेहनत करते रहना।”
विराज ने यह भी बताया कि कॉलेज के ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट ऑफिस (टीपीओ) और वरिष्ठ छात्रों ने उनके इंटर्नशिप प्रोसेस को आसान बनाने में काफी मदद की। सीनियर्स के मार्गदर्शन ने उन्हें सही दिशा में तैयारी करने और बेहतर अवसरों का लाभ उठाने में मदद की। विराज ने अपनी सफलता का श्रेय सबसे पहले अपने माता-पिता को दिया, जिन्होंने हर कदम पर उनका साथ दिया। उन्होंने कहा कि उनके माता-पिता ने न केवल उन्हें प्रोत्साहित किया, बल्कि कठिन समय में मानसिक रूप से भी उनका संबल बने। विराज ने अपने पिता को अपनी सफलता का सबसे बड़ा प्रेरणास्त्रोत बताया है। उनके पिता ने अपना व्यवसाय शुरू किया था और आज वे आईटी इंडस्ट्री में अपनी पहचान बना चुके हैं। विराज ने बताया कि उन्होंने अपने पिता को हर दिन कड़ी मेहनत करते हुए देखा है, जो उन्हें हमेशा आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता है।
विराज की प्रेरणादायक कहानी में उन्होंने बताया कि कैसे कई कंपनियों के एचआर राउंड में असफलता मिलने के बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी और अंततः गूगल में नौकरी हासिल की। उन्होंने कहा, “कई बार असफलताओं का सामना करना पड़ा, लेकिन मैंने नकारात्मक सोच को अपने ऊपर हावी नहीं होने दिया। यह जरूरी है कि आप अपने लिए एक ऐसा आरामदायक माहौल बनाएं, जो आपको मानसिक शांति दे और नकारात्मक विचारों को दूर रखे।” उन्होंने यह भी कहा कि असफलताओं को अपनी कमजोरी न बनने दें। हर असफलता आपको एक कदम और आगे बढ़ने का मौका देती है। इस दौरान उन्होंने खुद को मजबूत बनाए रखा और कभी यह नहीं सोचा कि उन्होंने हार मान ली है।
इसी प्रकार दूसरे छात्र दिव्यांश पांडे, जिन्हें गूगल में सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट इंजीनियर के पद पर नियुक्त किया गया है, ने 58 लाख रुपये प्रति वर्ष का प्रभावशाली पैकेज हासिल किया है। उन्होंने इस सफलता पर गहरी संतुष्टि और खुशी व्यक्त की। दिव्यांश ने गूगल में बारह सप्ताह की इंटर्नशिप की थी, जिसने उनकी इस यात्रा की नींव रखी। छत्तीसगढ़ के रायपुर से आने वाले दिव्यांश एक समर्पित छात्र रहे हैं और उन्होंने आईसीएससी बोर्ड से माध्यमिक शिक्षा और छत्तीसगढ़ बोर्ड से उच्च माध्यमिक शिक्षा में उत्कृष्ट अंक प्राप्त किए थे।
सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट के प्रति उनकी रुचि जावा प्रोग्रामिंग भाषा से शुरू हुई। निरंतर अभ्यास और मेहनत ने उन्हें एक कुशल कोडर बना दिया। उन्होंने कोडफोर्सेस, कोडचेफ और लीटकोड जैसे प्रतिस्पर्धात्मक कोडिंग प्लेटफॉर्म्स पर उच्च रैंकिंग प्राप्त की है। वर्चुअल कोडिंग प्रतियोगिताओं में नियमित भागीदारी ने उनकी समस्या-समाधान की क्षमताओं को बढ़ाया। दिव्यांश ने यह भी बताया कि किसी एक क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित करना और रोजाना खुद को बेहतर बनाने की कोशिश करना सफलता का मूलमंत्र है।
दिव्यांश अपनी सफलता का श्रेय एनआईटी रायपुर के ट्रेनिंग और प्लेसमेंट सेल द्वारा प्रदान किए गए अनुकूल माहौल को देते हैं। सीनियर्स के मार्गदर्शन और सलाह ने उनकी आत्मविश्वास और तैयारी को और मजबूत किया।दिव्यांश सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट को एक ऐसा क्षेत्र मानते हैं जो दैनिक जीवन में वास्तविक समस्याओं के समाधान प्रदान कर दुनिया पर प्रभाव डालता है। वे इस क्षेत्र में गहराई तक जाने की इच्छा रखते हैं।
संस्थान की ही अंतिम वर्ष की दो छात्राओं ने अपने उत्कृष्ट प्रदर्शन से सेल्सफोर्स जैसी विश्व प्रसिद्ध क्लाउड-आधारित सॉफ्टवेयर कंपनी में शानदार प्री प्लेसमेंट ऑफर हासिल किया है। इलेक्ट्रॉनिक एंड कम्युनिकेशन ब्रांच से खुशी बंसल और कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग ब्रांच से प्रज्ञा दवे ने इस उपलब्धि को हासिल कर संस्थान का नाम रोशन किया है। छात्रों ने सेल्सफोर्स की ऑफ-कैंपस भर्ती प्रक्रिया को सफलतापूर्वक पार करते हुए अपने तकनीकी कौशल, समर्पण और प्रतिस्पर्धात्मक क्षमता का परिचय दिया। दोनों छात्राओं को सेल्सफोर्स में एसोसिएट मेंबर ऑफ टेक्निकल स्टाफ पद के लिए चयनित किया गया है। खुशी को 46 और प्रज्ञा को 40 लाख रुपये प्रति वर्ष का प्री प्लेसमेंट ऑफर प्राप्त हुआ है।
कोरबा छत्तीसगढ़ में रहने वाली खुशी बंसल ने बताया कि तीसरे सेमेस्टर से ही तैयारी शुरू की थी, जहां उन्हें सीनियर्स ने डेटा स्ट्रक्चर्स, वेब एंड ऐप डेवलेपमेंट और एल्गोरिदम (डीएसए) पर फोकस करने की सलाह दी थी। उन्होंने डीएसए की तैयारी को पूरा करने के बाद नियमित कोडिंग प्रतियोगिताओं में भाग लिया, जिससे उनकी कौशल क्षमता में सुधार हुआ। खुशी ने अपनी प्रॉब्लम-सॉल्विंग स्किल्स को निखारने के लिए लीट कोड, गीक्स फॉर गीक्स और कोड फोर्सेस जैसे प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल किया। डेटा स्ट्रक्चर और एल्गोरिदम (डीएसए) के लिए उन्होंने टेकयूफॉरवर्ड जैसे यूट्यूब चैनल पर आधारित ट्यूटोरियल्स को अपनी पढ़ाई का हिस्सा बनाया। खुशी ने कहा कि “मेरे माता-पिता और मेरे पूरे परिवार ने हमेशा मुझ पर विश्वास किया और मुझे प्रोत्साहित किया। उनकी प्रेरणा और समर्थन के बिना यह सफर संभव नहीं था।” उन्होंने अपने दोस्तों और बैचमेट्स का भी आभार व्यक्त किया, जिन्होंने कठिन समय में उनका मनोबल बढ़ाया और हर चुनौती में साथ खड़े रहे।
इसी प्रकार प्रज्ञा दवे ने भी ऑफर प्राप्त कर परचम लहराया है। दुर्ग, छत्तीसगढ़ की रहने वाली प्रज्ञा ने बचपन से ही तकनीक के प्रति गहरी रुचि दिखाई और यह जानने की उत्सुकता रही कि चीजें कैसे काम करती हैं। यही जिज्ञासा उन्हें इस क्षेत्र में लेकर आई। प्रज्ञा ने बताया कि अपनी तैयारी का सफर दूसरे वर्ष से शुरू किया था। उन्होंने डेटा स्ट्रक्चर और एल्गोरिदम (डीएसए) में मजबूत आधार बनाने पर ध्यान केंद्रित किया, जो उनके करियर के लिए महत्वपूर्ण साबित हुआ।
प्रज्ञा का यह समर्पण और सही मार्गदर्शन उन छात्रों के लिए प्रेरणा है जो तकनीकी क्षेत्र में करियर बनाने की दिशा में मेहनत कर रहे हैं। उनकी यात्रा यह साबित करती है कि सही संसाधनों और दृढ़ता से सफलता हासिल की जा सकती है। प्रज्ञा ने अपनी सफलता का श्रेय अपने परिवार और दोस्तों को दिया है, जो उनकी यात्रा का अभिन्न हिस्सा रहे हैं। उन्होंने विशेष रूप से अपने पिता का जिक्र किया, जिन्हें उन्होंने अपना प्रेरणास्रोत और मार्गदर्शक बताया। प्रज्ञा ने कहा, “मेरे पिता हमेशा मेरे मार्गदर्शक रहे हैं। उन्होंने सुनिश्चित किया कि मैं अपने लक्ष्य से कभी भटकी नहीं और कठिन समय में हमेशा सही सलाह दी। उनका समर्थन मेरे लिए अनमोल है।”
खुशी बंसल और प्रज्ञा दवे ने सेल्सफोर्स जैसी प्रतिष्ठित कंपनी में चयनित होने के बाद संस्थान के ट्रेनिंग और प्लेसमेंट सेल के प्रति गहरी कृतज्ञता व्यक्त की साथ ही अपनी ब्रांच के प्रोफेसरों की सराहना की जिन्होंने उनकी सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इन छात्राओं ने यह भी बताया कि संस्थान में उपलब्ध संसाधन और सीनियर्स का मार्गदर्शन उनकी तैयारी और करियर में आगे बढ़ने के लिए बेहद उपयोगी साबित हुआ।