रायपुर (विश्व परिवार)। भारत की सबसे बड़ी बिजली कंपनी और महारत्न पीएसयू, एनटीपीसी लिमिटेड ने 10 साल की डोर-टू-डोर अवधि और 7 साल की औसत परिपक्वता के साथ 750 मिलियन अमेरिकी डॉलर के अनसिक्योर्ड बाह्य वाणिज्यिक ऋण (ईसीबी) सिंडिकेटेड सावधि ऋण (500 मिलियन अमेरिकी डॉलर का बेस इश्यू और 250 मिलियन अमेरिकी डॉलर का ग्रीनशू विकल्प) प्राप्त करने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। बैंक ऑफ़ बड़ौदा ने 500 मिलियन अमेरिकी डॉलर के लेन-देन के लिए नामित लीड अरेंजर और अंडरराइटर की भूमिका निभायी, जबकि 250 मिलियन अमेरिकी डॉलर के ग्रीनशू हिस्से के लिए एचडीएफसी बैंक नामित लीड अरेंजर और बुक रनर रहा है। गांधीनगर स्थित गिफ्ट सिटी में बैंक ऑफ़ बड़ौदा और एचडीएफसी बैंक की आईएफएससी बैंकिंग इकाइयों (आईबीयू) के माध्यम से यह डील निष्पादित की गई। इस सुविधा से प्राप्त आय का उपयोग एनटीपीसी के मौजूदा या नए क्षमता संवर्धन कार्यक्रमों के लिए पूंजीगत व्यय को फायनांस किया जाएगा, जिसमें फ्लू गैस डिसल्फराइज़ेशन (विसल्फरीकरण) परियोजनाएं, नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाएं (हाइड्रो-आधारित परियोजनाएं समेत)और भारतीय रिज़र्व बैंक के ईसीबी दिशानिर्देशों के तहत
अनुमति प्राप्त अंतिम उपयोग या अन्य आवश्यकताओं के अनुरूप पूंजीगत व्यय उद्देश्यों के लिए मौजूदा बाह्य वाणिज्यिक उधारी (ईसीबी) का रि-फायनांस शामिल है।
यह महत्वपूर्ण समझौता बड़े पैमाने पर क्रॉस-बॉर्डर फायनांस उपलब्ध कराने के क्षेत्र में बैंक ऑफ़ बड़ौदा की अग्रणी
भूमिका को रेखांकित करता है और विश्व स्तरीय वित्तीय समाधानों के साथ भारत के बुनियादी इंफ्रास्ट्रक्चर और
ऊर्जा क्षेत्रों को सहयोग प्रदान करने की हमारी सतत प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
एनटीपीसी लिमिटेड के निदेशक (फायनांस) जयकुमार श्रीनिवासन ने इस अवसर पर बात करते हुए कहा, एनटीपीसी अपने ऊर्जा पोर्टफोलियो के सम्पूर्ण परिवर्धन की ओर बढ़ रही है, जिसका कार्यनीतिक लक्ष्य वर्ष
2032 तक 60 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता हासिल करना और अपनी कुल स्थापित क्षमता को 80
गीगावाट से बढ़ाकर 130 गीगावाट करना है। यह महत्वाकांक्षी लक्ष्य संवहनीय ऊर्जा के क्षेत्र में एनटीपीसी की नेतृत्वकारी स्थिति और भविष्य के लिए तैयार ऊर्जा-इकॉसिस्टम के प्रति समर्पण को रेखांकित करता है। हम इस
प्रक्रिया में मूल्यवान वित्तीय साझेदारों के रूप में बैंक ऑफ़ बड़ौदा और एचडीएफसी बैंक के दृढ़ सहयोग के लिए आभार व्यक्त करते हैं।
बैंक ऑफ़ बड़ौदा के कार्यपालक निदेशक,ललित त्यागी ने कहा, हमें इस महत्वपूर्ण ईसीबी समझौते के तहत
एनटीपीसी के साथ जुड़ने और उनकी फायनांस संबंधी आवश्यकताओं में सहयोग प्रदान करते हुए खुशी हो रही है।
यह डील वैश्विक बुनियादी इंफ्रास्ट्रक्चर के फायनांस के क्षेत्र में बैंक ऑफ़ बड़ौदा की क्षमता को दर्शाता है और साथ
ही गिफ्ट सिटी के माध्यम से कार्यनीतिक, क्रॉस बॉर्डर फायनांस उपलब्ध कराने के क्षेत्र में हमारी आईएफएससी
बैंकिंग इकाई की महत्वपूर्ण भूमिका को भी प्रदर्शित करता है।
एचडीएफसी बैंक के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और क्षेत्रीय प्रमुख – पीएसयू, कॉर्पोरेट बैंकिंग,आशुतोष कुमार ने कहा, यह ईसीबी समझौता न केवल वैश्विक वित्तीय केंद्र के रूप में गिफ्ट सिटी की बढ़ती प्रतिष्ठा को और सुदृढ़ कर रहा है, बल्कि यह कार्यनीतिक साझेदारी के लिहाज़ से बड़ी उपलब्धि है। एनटीपीसी जैसी महारत्न के साथ की गई इस डील से इकॉसिस्टम में विश्वास बढ़ेगा और वित्तीय परिदृश्य में नए अवसर खुलेंगे।
यह समझौता वैश्विक वित्तीय केंद्र के रूप में गिफ्ट सिटी के बढ़ते महत्व को रेखांकित करता है, जो भारत में सक्षम,
कुशल और वैश्विक रूप से प्रतिस्पर्धी ऑफ़शोर बैंकिंग समाधान उपलब्ध करवा रही है। बैंक ऑफ़ बड़ौदा उन शुरुआती संस्थानों में है जिन्होने वर्ष 2017 में गिफ्ट सिटी में परिचालन शुरू किया। बैंक की आईएफएससी बैंकिंग
इकाई सिंडिकेटेड लोन, ट्रेड फायनांस, ट्रेजरी परिचालन और रिटेल बैंकिंग के क्षेत्र में मजबूत क्षमताओं के साथ बैंक
के अंतर्राष्ट्रीय परिचालन की तीसरी सबसे बड़ी विदेशी शाखा है, जिसका आईबीयू से कुल कारोबार मार्च 2025
तक 10 बिलियन अमेरिकी डॉलर को पार कर गया है।