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देश MSME की संख्या 6 करोड़ के पार, रोजगार के बढ़ रहे अवसर : पीएम मोदी

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नई दिल्ली (विश्व परिवार)। पीएम मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) क्षेत्र पर बजट के बाद वेबिनार को संबोधित किया। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि देश में एमएसएमई की संख्या आज बढ़कर 6 करोड़ से भी ज्यादा हो गई है। इसी के साथ करोड़ों लोगों को रोजगार के अवसर मिले हैं।
बजट में एमएसएमई की परिभाषा का विस्तार
पीएम मोदी ने पोस्ट-बजट वेबिनार के मंच से सभा को वर्चुअली संबोधित करते हुए कहा कि 2020 में हमने एमएसएमई की परिभाषा में संशोधन किया। यह 14 साल बाद किया गया। इससे यह डर दूर हो गया कि बढ़ते कारोबार से सरकारी लाभ खत्म हो जाएंगे। एमएसएमई को निरंतर आगे बढ़ते रहने का आत्मविश्वास मिले, इसके लिए इस बजट में एमएसएमई की परिभाषा का विस्तार किया गया है। उन्होंने लोन वितरण के लिए नए तरीके अपनाने की जरूरत पर जोर दिया।
एमएसएमई को कम लागत और समय पर लोन मिलना सुनिश्चित
उन्होंने कहा कि नए तरीकों के साथ एमएसएमई को कम लागत और समय पर लोन मिलना सुनिश्चित हो सकेगा। उन्होंने उद्योगों को एमएसएमई को सहयोग देने के क्रम में मेंटरशिप कार्यक्रम शुरू करने को कहा। बजट में एमएसएमई के लिए क्रेडिट गारंटी कवर को 5 करोड़ से बढ़ाकर 10 करोड़ कर दिया गया था।
14 सेक्टर्स को पीएलआई योजना का लाभ
उन्होंने कहा, “आज 14 सेक्टर्स को पीएलआई योजना का लाभ मिल रहा है। इस योजना के तहत 7.5 करोड़ यूनिट को मंजूरी दी गई है। इससे देश में 1.5 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का निवेश आया है और 13 लाख करोड़ से ज्यादा का उत्पादन हुआ है। इसी के साथ 5 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का निर्यात हुआ है।”
भारत की मैन्युफैक्चरिंग यात्रा में रिसर्च और डेवलपमेंट महत्वपूर्ण
मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को लेकर पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि आज दुनिया का हर देश, भारत के साथ अपनी इकोनॉमिक भागीदारी को मजबूत करना चाहता है। उन्होंने मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर से इस पार्टनरशिप का ज्यादा से ज्यादा लाभ उठाने के लिए आगे आने का आग्रह किया।
उन्होंने भारत की मैन्युफैक्चरिंग यात्रा में रिसर्च और डेवलपमेंट (आरएंडडी) के अहम योगदान को भी रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि इसे आगे बढ़ाने और गति देने की जरूरत है। उन्होंने सुझाव दिया कि आरएंडडी से हम इनोवेटिव प्रोडक्ट्स पर फोकस कर सकते हैं और साथ ही प्रोडक्ट्स में वैल्यू एडिशन कर सकते हैं।
भारत तेज गति से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था
उन्होंने कहा कि हमने आत्मनिर्भर भारत के विजन को आगे बढ़ाया और सुधारों की अपनी गति को और तेज किया। हमारे प्रयासों से अर्थव्यवस्था पर कोविड का प्रभाव कम हुआ। इससे भारत को तेज गति से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बनाने में मदद मिली। उन्होंने कहा, “जब कोविड-19 महामारी के दौरान वैश्विक अर्थव्यवस्था धीमी हो गई तो भारत ने वैश्विक विकास को गति दी। यह आसानी से नहीं हुआ। हमने अपने सुधारों की गति को तेज किया और आत्मनिर्भर भारत के विजन की दिशा में काम किया। हमारे प्रयासों से कोविड-19 का हमारी अर्थव्यवस्था पर न्यूनतम प्रभाव पड़ा। आज भी भारत वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए विकास का इंजन है।”

 

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