- पुलिस महानिरीक्षक रायपुर रेंज रायपुर श्री अमरेश कुमार मिश्रा ने अपने वक्तव्य में बताया कि अंतर्राष्ट्रीय अपराधों में साइबर फ्रॉड वर्तमान परिदृश्य में अन्य अपराधों की अपेक्षा अत्यंत महत्वपूर्ण एवं संवेदनशील विषय , जिसके रोकथाम एवं विवेचना में गंभीर होना आवश्यक
- वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ० लालउमेद सिंह के द्वारा साइबर फ्रॉड होने वाले वर्तमान में आर्थिक रूप से होने वाले नुकसान का आकलन एवं मूल्यांकन में होने वाली वृद्धि की गंभीरता तथा उस पर पुलिस के द्वारा त्वरित एवं प्रभावकारी कार्य किए जाने की बताई आवश्यकता।
- पुणे महाराष्ट्र से आईसीआईसीआई बैंक के साइबर एक्सपर्ट ने इंटरनेट बैंकिग फ्रॉड, कार्डस फ्रॉड, टाईप्स ऑफ लाईबिलिटी, साइबर फ्रॉड में उत्तरदायित्व तथा लोन के प्रकार एवं होने वाले फ्रॉड के संबंध में दी अत्यंत महत्वपूर्ण जानकारी
रायपुर (विश्व परिवार)। रायपुर रेंज से रायपुर, धमतरी, गरियाबंद, बलौदाबाजार, महासमुंद, एवं रेंज साइबर से इस कार्यशाला में सम्मिलित कुल 157 अधिकारी/कर्मचारी ने साइबर फ्रॉड के इस कार्यशाला को साइबर फ्रॉड के रोकथाम तथा विवेचना हेतु बताया अत्यंत उपयोगी।
दिनांक 16.05.2025 को पुलिस महानिरीक्षक, रायपुर क्षेत्र रायपुर के निर्देशानुसार साइबर फ्रॉड के रोकथाम एवं विवेचना विषय पर रेंज स्तरीय कार्यशाला का आयोजन रायपुर में किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से पुलिस महानिरीक्षक रायपुर रेंज रायपुर श्री अमरेश कुमार मिश्र (भा.पु. से.) डॉ० लाल उमेद सिंह (भा.पु.से.) उप पुलिस महानिरीक्षक एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, रायपुर तथा पुणे महाराष्ट्र से आई०सी०आई०सी०आई० बैंक के साइबर एक्सपर्ट श्री कमलेश वाल्डे, श्री सुनील महाबलेश्वरकर व उनकी टीम तथा रेंज से आये 157 पुलिस अधिकारी/कर्मचारी सम्मिलित हुए।
कार्यक्रम के प्रारंभ में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रायपुर के द्वारा माननीय पुलिस महानिरीक्षक, रायपुर रेंज रायपुर तथा पुणे महाराष्ट्र से आये साइबर एक्सपर्ट श्री कमलेश वाल्डे, श्री सुनील महाबलेश्वरकर का रायपुर पुलिस की तरफ से पुष्पगुच्छ देकर स्वागत एवं हार्दिक अभिनंदन किया गया। स्वागत के पश्चात् सर्वप्रथम वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ० लाल उमेद सिंह के द्वारा अपने वक्तव्य में साइबर फ्रॉड से पीड़ित प्रार्थी का उदाहरण देते हुए पुलिस के द्वारा उसकी तत्काल मदद किये जाने में भूमिका एवं उसकी आवश्यकता तथा जिससे फ्रॉड हुआ है, उसकी गंभीरता को ध्यान में रखते हुए पुलिस को अपनी कार्यप्रणाली में किन-किन बातों को ध्यान में रखा जाना चाहिए उनकी बारीकियों को स्पष्ट करते हुए इस कार्यक्रम में सम्मिलित सभी पुलिस कर्मियों को प्रशिक्षण प्राप्त कर इस दिशा में गंभीरता से कार्य करने हेतु बताया गया।
तत्पश्चात् पुलिस महानिरीक्षक रायपुर रेंज रायपुर के द्वारा अपने वक्तव्य में वर्तमान परिदृश्य में अंतर्राष्ट्रीय अपराधों में साइबर फ्रॉड अत्यंत महत्वपूर्ण एवं संवेदनशील विषय है बताया गया ,उन्होने कहा कि पीड़ित को न्याय दिलाने के लिए एवं उत्तरदायित्व तय करने के लिए इस विषय पर कार्य करने हेतु दक्षता की अत्यंत आवश्यकता है। यह अपराध ऐसा अपराध है जो किसी क्षेत्र में बंधा हुआ नहीं है, इसमें पीड़ित के द्वारा होने वाले फ्रॉड की पहचानकर सही समय पर कार्य किए जाने पर सकारात्मक परिणाम मिलते हैं। इस विषय पर आज की कार्यशाला साइबर फ्रॉड की विवेचना के लिए अत्यंत उपयोगी होगी। रेंज से आए सभी पुलिस अधिकारी कर्मचारी इस प्रशिक्षण मे ध्यान देंगे और जिले में जाकर इस दिशा में कार्य करेंगे।
तत्पश्चात् पुणे (महाराष्ट्र) से आई साइबर एक्सपर्ट टीम के द्वारा Internet Banking Fraud, Cards Fraud, Types of Fraud in Liability, Types of Loans and Frauds विषयों पर जानकारी दी गई इन विषयों पर अंतिम में प्रश्नोत्तर के माध्यम से विवेचना में होने वाले सहयोग तथा समस्या के संबंध में निराकरण किया गया। इसके पश्चात् साइबर रेंज रायपुर के द्वारा फेसबुक, अकाऊंट हैकिंग, म्यूल अकाऊंट विवेचना तथा फर्मों के माध्यम से होने वाले शेयर मार्केटिंग से होने वाले साइबर फ्रॉड की केस स्टडी के बारे में बताया गया रायपुर सायबर रेंज के द्वारा की गई कार्यवाही का समस्त प्रशिक्षणार्थियों ने करतल ध्वनि बजाकर सराहना कीए।
कार्यक्रम के अंत में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रायपुर ने साइबर एक्सपर्ट द्वय को स्मृतिचिन्ह देकर सम्मानित किया तथा रेंज से आये समस्त पुलिस अधिकारी/कर्मचारी को प्राप्त प्रशिक्षण को अपने-अपने जिले में जाकर अन्य को भी प्रशिक्षित किये जाने बताया गया। इस कार्यक्रम का संचालन श्री नीलेश कुमार द्विवेदी, उप पुलिस अधीक्षक, लाईन, रायपुर द्वारा किया गया।
रेंज से आये सभी पुलिस अधिकारी/कर्मचारी को साइबर फ्रॉड पर हुई कार्यशाला एवं दी गई जानकारी को अत्यंत उपयोगी बताया तथा यह भी बताया कि आने वाले समय में इस प्रशिक्षण में साइबर फ्रॉड से पीड़ित व्यक्ति को तत्काल मदद किए जाने में सहायता मिलेगी और इसका समाज पर और बेहतर पुलिसिंग की दिशा में अत्यंत सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।