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ऑपरेशन सिंदूर आतंकियों के खिलाफ सबसे सफल अभियान, गोली का जवाब मिलेगा गोले से : मोदी

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  • पहलगाम में आतंकियों ने भारतीयों का खून ही नहीं बहाया, संस्कृति पर भी प्रहार किया।

भोपाल (विश्व परिवार)। ऑपरेशन सिंदूर को आतंकवादियों के खिलाफ अब तक का सबसे बड़ा और सबसे सफल अभियान बताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज एक बार फिर बिना किसी का नाम लिए पाकिस्तान को कड़े शब्दों में चुनौती देते हुए कहा कि अगर तुम गोली चलाओगे तो मान के चलो कि गोली का जवाब गोले से दिया जाएगा।
श्री मोदी यहां देवी अहिल्याबाई होलकर की 300वीं जन्मजयंती के अवसर पर महिला सशक्तिकरण सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। समारोह में राज्यपाल मंगुभाई पटेल, मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव और भारतीय जनता पार्टी प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद विष्णुदत्त शर्मा विशेष रूप से उपस्थित रहे।
इस दौरान श्री मोदी ने महिला सशक्तिकरण को राष्ट्रसुरक्षा से कई बार जोड़ा।
उन्होंने कहा कि भारत संस्कृति और संस्कारों का देश है। सिंदूर नारी शक्ति का प्रतीक है। रामभक्ति में लगे हनुमान भी सिंदूर को ही धारण किए है। हम शक्ति पूजा में सिंदूर को अर्पण करते हैं। ये ही अब भारत के शौर्य का प्रतीक बन गया है।
इसी क्रम में उन्होंने कहा कि पहलगाम में आतंकियों ने भारतीयों का खून ही नहीं बहाया, संस्कृति पर भी प्रहार किया। हमारे समाज को बांटने की कोशिश की, सबसे बड़ी बात, आतंकवादियों ने नारीशक्ति को चुनौती दी, लेकिन यही चुनौती आतंकवादियों और उनके आकाओं के लिए काल बन गई है। ऑपरेशन सिंदूर आतंकवादियों के खिलाफभारत के इतिहास का सबसे बड़ा और सबसे सफल ऑपरेशन है, जहां पाक सेना ने सोचा भी नहीं था, वहां तक आतंकी ठिकानों को
हमारी सेना ने मिट्टी में मिला दिया। सैकड़ों किलोमीटर तक घुस कर उन्हें मिट्टी में मिलाया। ऑपरेशन सिंदूर ने डंके की चोट पर कहा है कि आतंकवादियों के जरिए प्रॉक्सी वॉर नहीं चलेगा। घर में घुस कर मारेंगे और आतंकियों के मददगारों को भी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।
उन्होंने कहा कि भारत का एक-एक नागरिक और 140 करोड़ देशवासियों की बुलंद आवाज कह रही है कि अगर तुम गोली चलाओगे तो मान के चलो कि गोली का जवाब गोले से दिया जाएगा।
श्री मोदी ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर हमारी नारीशक्ति के सामर्थ्य का भी
प्रतीक बना है। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की इस पूरे अभियान में बड़ी भूमिका रही है। जम्मू से लेकर राजस्थान और गुजरात तक की सीमा पर बड़ी संख्या में बेटियों ने मोर्चा संभाला और सीमा पार गोलीबारी को मुंह तोड़ जवाब दिया। कमांड एंड कंट्रोल से लेकर दुश्मनों की चौकियां उड़ाने तक उन्होंने अद्भुत शौर्य दिखाया।
श्री मोदी ने कहा कि राष्ट्र रक्षा में भारत की बेटियों का सामर्थ्य दिख रहा है। इसके लिए भी बीते दशक में सरकार ने अनेक कदम उठाए। स्कूल से लेकर युद्ध के मैदान तक, देश बेटियों के शौर्य पर अभूतपूर्व भरोसा कर रहा है। सेना ने पहली बार अब सैनिक स्कूलों के दरवाजे बेटियों के लिए खोले हैं। 2014 से पहले एनसीसी में सिर्फ 25 प्रतिशत कैडेट बेटियां होती थीं, जो आज 50 प्रतिशत हैं।
उन्होंने कहा कि कल के दिन देश में एक और इतिहास बना है। नेशनल डिफेंस एकैडमी (एनडीए) में महिला कैडेट का पहला बैच पास आउट हुआ है। अब सेना, नौसेना और वायुसेना में बेटियां अग्रिम मोर्चे पर तैनात हो रही हैं। फाइटर प्लेन से लेकर आईएनएस विक्रांत तक महिलाएं जाबांजी दिखा रही हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि इसका ताजा उदाहरण हमारे सामने नाविका सागर परियोजना के रूप में है। इसके तहत नौसेना की दो बेटियों ने करीब 250 दिनों की समुद्री यात्रा पूरी की और धरती का चक्कर लगाया। हजारों किमी की यात्रा ऐसी नाव से की, जो मोटर से नहीं, बल्कि हवा से चलती है। उन दो बेटियों ने हर मुसीबत को हराया है। इसने बता दिया है कि चुनौती कितनी भी बड़ी हो, भारत की बेटियां उस पर विजय पा सकती हैं।

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