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ऑपरेशन सिंदूर: मोदी सरकार किसी भी हमले का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए प्रतिबद्ध : गृह मंत्री अमित शाह

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नई दिल्ली (विश्व परिवार)। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का पहला रिएक्शन आया है। उन्होंने दो टूक कहा कि मोदी सरकार भारत और उसके लोगों पर किसी भी हमले का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए प्रतिबद्ध है। भारत आतंकवाद को जड़ से खत्म करने के लिए तैयार है।
हमें अपने सशस्त्र बलों पर गर्व
गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “हमें अपने सशस्त्र बलों पर गर्व है। ऑपरेशन सिंदूर पहलगाम में हमारे निर्दोष भाइयों की क्रूर हत्या के प्रति भारत की प्रतिक्रिया है। मोदी सरकार भारत और उसके लोगों पर किसी भी हमले का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए प्रतिबद्ध है। भारत आतंकवाद को जड़ से खत्म करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।”
भारत का पैगाम-छेड़ोगे तो छोड़ेंगे नहीं
केंद्रीय मंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि पहलगाम पर भारत का पैगाम- “छेड़ोगे तो छोड़ेंगे नहीं। प्रधानमंत्री मोदी जी ने कहा भारत की आत्मा पर हमला करने वालों को कड़ी सज़ा मिलेगी। भारत आतंकवाद को उसकी जड़ से उखाड़ फेंकने में सक्षम भी है और संकल्पबद्ध भी है। मिटा देंगे आतंकवाद का नासूर – ऑपरेशन सिंदूर।”
विश्व को आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस दिखाना होगा
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की तस्वीर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर शेयर करते हुए लिखा, “विश्व को आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस दिखाना होगा।” 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने जवाबी कार्रवाई की है। भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पीओके में मौजूद 9 आतंकी ठिकानों को नेस्तनाबूद कर दिया। बताया जा रहा है कि इस एयर स्ट्राइक को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का नाम दिया गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारियों ने पूरी रात ऑपरेशन पर करीबी निगरानी बनाए रखी
वहीं, भारतीय सेना सुबह 10.30 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस करके ऑपरेशन सिंदूर के बारे में भी जानकारी दी। इस पूरे ऑपरेशन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ रात भर प्रगति पर बारीकी से नजर रखी। सूत्रों ने पुष्टि की कि प्रधानमंत्री राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों और सैन्य कमांडरों के साथ लगातार संपर्क में थे, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि अभियान योजना के अनुसार आगे बढ़े। यह हमला 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में भारत की कार्रवाई का हिस्सा था, जिसमें जम्मू-कश्मीर में 25 भारतीय और एक नेपाली नागरिक की जान चली गई थी।

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