नई दिल्ली (विश्व परिवार)। मुंबई आतंकी हमले का मास्टरमाइंड 16 साल बाद भारत आ गया है. आतंकी तहव्वुर राणा के सफल प्रत्यर्पण के लिए पूर्व गृह मंत्री ने मोदी सरकार की प्रशंसा की है. उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार के कार्यकाल में इस प्रक्रिया में तेजी आई थी. 2008 में जब मुंबई में आतंकी हमला हुआ था, तब कांग्रेस नेता पी चिदंबरम भारत के गृह मंत्री थे।
तत्कालीन गृहमंत्री ने कहा कि उस वक्त के विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद और विदेश सचिव रंजन मथाई ने तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण के लिए अहम भूमिका निभाई थी. उन्होंने कहा कि इसकी प्रक्रिया साल 2009 में शुरू हो गई थी. इसके बाद 2011 में प्रक्रिया में तेजी आई क्योंकि अमेरिकी खूफिया एजेंसियों ने राणा की पहचान की. चिदंबरम ने कहा कि मैं भारत के विदेश मंत्रालय, खुफिया एजेंसियों और एनआईए को बधाई देता हूं कि वे लंबी लड़ाई के बाद राणा को भारत लाने में सफल हुए।
उन्होंने कहा कि मुझे यकीन है कि वर्तमान की मोदी सरकार के साथ-साथ कई मंत्रियों और अधिकारियों की अहम भूमिका के कारण ही राणा भारत आ सका है. मैं भारत सरकार को बधाई देता हूं. चिदंबरम ने अमेरिका की सरकार को भी धन्यवाद दिया है।
बता दें, दो दिन पहले यानी गुरुवार को एनआईए और खुफिया एजेंसियों की संयुक्त टीम तहव्वुर राणा को लेकर भारत पहुंची थी. दिल्ली के पालम एयरपोर्ट पर विमान की लैंडिंग हुई थी. एयरपोर्ट पर ही राणा का मेडिकल करावाया गया. इसके बाद एनआईए ने उसे दिल्ली की अदालत में पेश किया. एनआईए ने राणा की 20 दिनों की रिमांड मांगी. हालांकि, अदालत ने राणा को 18 दिनों के लिए एनआईए को सौंप दिया।
अब एनआईए राणा से पूछताछ करेगी. एनआईए को शक है कि देश के अन्य शहरों में भी आतंक फैलाने के लिए ऐसी साजिश रची गई थी. एनआईए राणा को हमले से जुड़ी जगहों पर लेकर जा सकती है. कहा जा सकता है कि एनआईए ने 26/11 मुंबई आतंकी हमलों की जांच फिर से शुरू कर दी है. एनआईए हर एक पहलू की जांच करेगी. एनआईए राणा के साथियों, उसके ठिकानों के बारे में भी जांच करेगी।