- इंडिगो फ्लाइट की श्रीनगर में इमरजेंसी लैंडिंग, 224 पैसेंजर थे सवार डीजीसीए के बयान से फिर उजागर हुए
नई दिल्ली (विश्व परिवार)। श्रीनगर में इंडिगो के विमान की आपात लैंडिंग के बारे में नागरिक उड्डूयन महानिदेशालय ने बयान जारी कर पूरे वाकये की जानकारी दी है। विमानन नियामक ने बताया है कि 21 मई को, इंडिगो, 321 नियो विमान ने उड़ान संख्या 6-2142 दिल्ली से श्रीनगर के बीच संचालित की गई। एफएल 360 पर उड़ान भरते समय, विमान पठानकोट के पास ओलावृष्टि और गंभीर टर्बुलेंस के क्षेत्र में प्रवेश कर गया।
चालक दल के बयान के अनुसार, उन्होंने मार्ग पर खराब मौसम के कारण भारतीय वायुसेना के उत्तरी नियंत्रण से अंतरराष्ट्रीय सीमा से बाईं ओर जाने की अनुमति मांगी। हालांकि उन्हें मंजूरी नहीं दी गई। बाद में चालक दल ने खराब मौसम से बचने के लिए लाहौर (पाकिस्तान) से उनके हवाई क्षेत्र में प्रवेश करने के लिए संपर्क किया।
लेकिन उन्होंने भी मना कर दिया।
चालक दल ने शुरू में लौटने की कोशिश की लेकिन जब वे आंधी व बादल के करीब पहुंच गए ती, तो उन्होंने खराब मौसम में घुसने का फैसला किया। इसके बाद, उन्हें ओलावृष्टि और गंभीर टर्बुलेंस का सामना करना पड़ा। फिर अधिकतम परिचालन गति/अधिकतम परिचालन पैक (बीएमओ/एमएमओ) चेतावनियों से जुड़ी समस्या आने लगी। चालक दल ने श्रीनगर की और सबसे छोटे मार्ग से मौसम से बाहर निकलने की कोशिश की उसी दौरान ऑटोपायलट ट्रिप हो गया और विमान की गति में बहुत अधिक बदलाव दिखा। इस अवधि के दौरान विमान की गति 8500 एफपीएम तक पहुंच गई।डीजीसीए के अनुसार, चालक दल ने विमान को तब तक मैन्युअल रूप से उड़ाया जब तक कि वे ओलावृष्टि से बाहर नहीं निकल गए। सभी चेक लिस्ट का पालन (ईसीएएम क्रियाएं) करने के बाद, चालक दल ने श्रीनगर एटीसी को पैन पैन घोषित किया और रडार वेक्टर के लिए अनुरोध किया। इसके बाद ऑटी ब्रस्ट के सामान्य रूप से संचालन के साथ सुरक्षित लैंडिंग की गई। विमान में सवार किसी भी यात्री को कोई चोट नहीं आई। उड़ान के बाद जायजा लेने पता चला कि विमान के नीज रेडोम (अगले हिस्से) को नुकसान पहुंचा है। डीजीसीए ने बताया है कि इस मामले की जांच नियामक की ओर से की जा रही है।