पंडरिया (विश्व परिवार)। विधायक भावना बोहरा ने आज विधानसभा में किसानों के हित में प्रश्न करते हुए बीज व खाद वितरण को समयबद्ध तरीके से करने और उनके ट्रासंपोर्ट में हो रहे विलंब, बीज प्रमाणीकरण व बाजार में बेचे जा रहे अमानक बीज की बिक्री के संबंध में प्रश्न पूछा। इसके साथ ही उन्हों एक्रिशी विभाग द्वारा पंडरिया विधानसभा अंतर्गत निर्मित तालाबों के संबंध में भी प्रश्न किया।
भावना बोहरा ने प्रश्न किया कि क्या आदिम जाति विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि पंडरिया विधानसभा क्षेत्र में खरीफ वर्ष 2024-25 के लिए आवश्यक बीज की मात्रा किन-किन श्रेणी की एवं कितनी निर्धारित की गई है? निर्धारित मात्रा के विरुद्ध कितनी मात्रा में बीच का भंडारण किया गया है? क्या कृषकों को बीज वितरण पूर्व बीज प्रमाणीकरण संस्था द्वारा भंडारित बीज का प्रमाणीकरण का प्रमाण पत्र दिया गया था ? यदि हां, तो संस्था द्वारा प्रमाण पत्र दिए जाने के बाद कितनी मात्रा में बीज अमानक पाए गए? वितरित अमानक बीज से प्रभावित कृषकों को क्या लाभ दिया गया ? कृषि मंत्री श्री रामविचार नेताम जी ने बताया कि पंडरिया विधानसभा क्षेत्र से संबंधित विकासखण्ड कवर्धा में प्रमाणिक बीज की मांग 1760.60 क्विंटल है जिसकी भण्डारण मात्रा 1470.70 क्विंटल, सहसपुर लोहारा में 2212.80 क्विंटल प्रमाणिक बीज की मांग है और 2197.80 क्विंटल भंडारित की गई है एवं पंण्डरिया विकासखण्ड हेतु खरीफ 2024-25 में प्रमाणित श्रेणी के बीजों की मांग 812.50 क्विंटल है और 1024.30 क्विंटल भंडारित की गई है। बीज क्रेता कृषक को बीज वितरण/क्रय से पूर्व भण्डारित बीज का “बीज प्रमाणीकरण संस्था” द्वारा प्रमाणीकरण प्रमाण पत्र जारी किया जाना प्रावधानित नही है, अपितु विक्रय/वितरण हेतु भण्डारित प्रमाणित श्रेणी के बीज की बोरियों में नीले रंग के टैग का प्रावधान है, जो बीज प्रमाणीकरण का प्रमाण होता है। पंडरिया विधानसभा क्षेत्र से संबंधित विकासखखण्डों में बीजों के गुण निंयत्रण हेतु भण्डारण केन्द्रों से नमूने परीक्षण हेतु प्रयोगशाला प्रेषित किये गये, विश्लेषण उपरांत सभी नमूने मानक स्तर के पाए गए हैं और अमानक बीजों की शिकायत प्राप्त नहीं हुई है।
भावना बोहरा ने बीज वितरण केन्द्रों में किसानों की सुविधा और बीज का वितरण सही समय पर करने के संबंध में अपनी बात रखते हुए कहा कि बीज परिवहन में ढिलाई होने की वजह से बीज वितरण केन्द्रों तक बीज समय पर नहीं पहुँच पाते हैं इससे किसानों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है ऐसे में यदि खाद व् बीज का परिवहन साथ में किया जाए तो किसानों को समय पर बीज उपलब्ध होगा। इसके साथ ही उन्होंने बीज वितरण केन्द्रों में किसानों की सुविधा, पेयजल व्यवस्था, शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाओं की पर्याप्त व्यवस्था के संबंध में भी प्रश्न किया। जिसका उत्तर देते हुए कृषि मंत्री जी ने बताया कि किसानों को खाद बीज तय समय पर मिल सके इसके लिए समय-समय पर ट्रासंपोर्ट सिस्टम को सुदृढ़ किया जा रही है इसके साथ ही किसानों की किसानों को बीज का वितरण सहकारिता विभाग के सुविधा केन्द्रों के माध्यम से होती है इसलिए सहकारिता विभाग से किसानों की सुविधाओं को सुदृढ़ करने पर भी चर्चा की जाएगी।
भावना बोहरा ने किसानों की सुविधा को देखते हुए जुलाई माह के पहले संभव हो सके तो बीज वितरण की प्रक्रिया प्रारंभ करने का निवेदन भी किया और सोयाबीन की खेती कम होने के संबंध में प्रश्न करते हुए कहा कि विगत 20 वर्षों से किसानों को सोयाबीन के जे.एस.325 और 9560 बीज का ही वितरण किया जा रहा है जो की वायरस ग्रसित है इस वजह से सोयाबीन की खेती में कमी आई है वहीं चांवल में भी केवल एचएमटी व सरना बीजों का ही वितरण किया जा रहा है कोई नई किस्म का बीज उत्पादन नहीं किया जा रहा है। इसलिए अत्यंत आवश्यक है कि 20 वर्ष पुरानी पद्धति के बीजों से किसानों को पर्याप्त असल उत्पादन नहीं कर पा रहें हैं और नई किस्मों के बीज उत्पादन से किसानों को लाभ मिलेगा।
वहीं निजी क्षेत्रों में नई किस्मों के नाम पर अमानक बीजों का 16 से 17 हजार रुपए की दर से बीज बेचीं जा रही है इसलिए किसान मजबूर हो रहें हैं उन बीजों को खरीदने में इस समस्या का हल निकालने के लिए भी उन्होंने सदन के समक्ष अपने विचार रखे। जिसक औत्त्र देते हुए कृषि मंत्री जी ने बताया कि बीज निगम द्वारा प्रमाणिक बीजों का वितरण किया जा रहा है, निजी क्षेत्रों में अमानक व डुप्लीकेट बीज बेचे जाना अपराध की श्रेणी में आता है इसलिए जानकारी मिलने पर समय-समय पर कर्यवाही की जा रही है। वहीं अब प्रमाणिक बीजों के वितरण हेतु उसमें क्यू-आर कोड का उपयोग करने जा रहे है जिसमें उसकी पैकेजिंग, गुणवत्ता और प्रमाणिकरण प्रमाण पत्र भी किसान देख सकते हैं।
भावना बोहरा ने कृषि विभाग द्वारा तालाबों के निर्माण के संबंध में भी प्रश्न करते हुए पूछा कि पंडरिया विधानसभा क्षेत्र में वित्तीय वर्ष 2023-24 एवं वित्तीय वर्ष 2024-25 में 31 जनवरी, 2025 तक कृषि विभाग द्वारा कितने तालाबों का निर्माण किया गया है? तालाबो की लंबाई, चौड़ाई एवं गहराई सहित कितने तालाबों के निर्माण कार्य पूर्ण हैं? कितने कार्य अपूर्ण हैं? अपूर्ण निर्माण कार्य कब तक पूर्ण कर लिए जाएंगे? जिसके लिखित प्रतिउत्तर में कृषि मंत्री जी ने बताया कि पंडरिया विधानसभा क्षेत्र से संबधित विकासखण्ड पंडरिया, कवर्धा एवं सहसपुर लोहरा में वित्तीय वर्ष 2023-24 एवं वित्तीय वर्ष 2024-25 में 31 जनवरी, 2025 तक कृषि विभाग द्वारा तालाब निर्माण नही कराया गया है। अतः शेष प्रश्नांश की जानकारी निरंक है।