पंडरिया (विश्व परिवार)। विधानसभा सत्र के दौरान पंडरिया विधायक सक्रियता के साथ जनहित के विषयों एवं प्रमुख मुद्दों को लेकर प्रश्न सदन के माध्यम से उठा रहीं हैं। इसी कड़ी में पंडरिया विधायक भावना बोहरा ने आदिवासी भूमि विक्रय,जनसंपर्क विभाग,शासकीय शालाओं में शिक्षकों के रिक्त पदों और इलेक्ट्रिक वाहन पर सब्सिडी के विषय में प्रश्न किया।
पंडरिया विधायक भावना बोहरा ने प्रश्न पूछा कि कबीरधाम जिले के अनुसूचित जनजातियों (आदिवासियों) की भूमि बिक्री अनुमति के लिए वर्ष 2021-22, 2022-23, 2023-24, 2024-25 में दिनांक 31 जनवरी 2025 तक की स्थिति में कितने आवेदन प्राप्त हुए हैं और कितने में अनुमति प्रदान की गई है? बिना न्यायालय की अनुमति के उक्त अवधि में कितने प्रकरण में तहसीलदारों ने आदिवासियों की भूमि की बिक्री हेतु अनुमति दी है? इस विषय में राजस्व मंत्री श्री टंक राम वर्मा जी ने लिखित उत्तर देते हुए बताया कि कबीरधाम जिले के अनुसूचित जनजातियों (आदिवासी) की भूमि बिक्री अनुमति के लिए दिनांक 31 जनवरी 2025 तक की स्थिति में वर्ष 2021-22 में कुल 76 आवेदन प्राप्त हुए जिसमें 16 आवेदनों को बिक्री की अनुमति दी गई, 2022-23 में कोई आवेदन प्राप्त नहीं हुए, 2023-24 में 2 आवेदन प्राप्त हुए जिसमें एक भी अनुमति बिक्री हेतु नहीं दिए गए और 2024-25 में कुल 40 आवेदन प्राप्त हुए जिसमें बिक्री हेतु एक भी अनुमति नहीं दी गई है। प्राप्त आवेदन के संबंध में वर्षवार जानकारी निम्नानुसार है:- (ख) जानकारी निरंक है। बिना न्यायालय की अनुमति के उक्त अवधि में किसी भी प्रकरण में तहसीलदारों ने आदिवासियों की भूमि की बिक्री हेतु अनुमति नहीं दी है।
शिक्षा के विषय में प्रश्न करते हुए भावना बोहरा ने पूछा कि प्रदेश में शासकीय शालाओं में कितने शासकीय शिक्षकों के पद रिक्त हैं? प्रदेश में ऐसे कितने शासकीय विद्यालय हैं जहां एक या एक से कम शिक्षक हैं? 33 हजार शिक्षक भर्ती और बर्खास्त सहायक शिक्षकों पर शासन की क्या योजना है? जिसके लिखित उत्तर में माननीय मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय जी ने बताया कि प्रदेश के शासकीय शालाओं में शिक्षकों के कुल 56601 पद रिक्त है। प्रदेश में 5912 स्कूल एकल शिक्षकीय एवं 439 स्कूल शिक्षक विहीन है। 33 हजार शिक्षकीय पदों पर भर्ती विचाराधीन है। सीधी भर्ती 2023 में बी.एड. अर्हता के कारण सेवा समाप्त किये गये सहायक शिक्षकों से प्राप्त अभ्यावेदनों का परीक्षण एवं शासन को सुझाव देने के लिये मुख्य सचिव की अध्यक्षता में 05 सदस्यीय अंतर्विभागीय समिति का गठन किया गया है।
जनसंपर्क एवं प्रचार प्रसार के संबंध में प्रश्न करते हुए भावना बोहरा ने पूछा कि प्रदेश में जनसंपर्क विभाग के अंतर्गत प्रदेश के कुल कितने समाचार पोर्टल और कितने राष्ट्रीय समाचार पोर्टल पंजीकृत हैं? वित्तीय वर्ष 2023-24 व 2024-25 में दिनांक 31/01/2025 तक राज्य सरकार द्वारा डिजिटल समाचार पोर्टल्स, समाचार पत्रों, टीवी चैनलों और रेडियो स्टेशनों को कितने सरकारी विज्ञापन जारी किए और कितनी राशि आवंटित की गई? डिजिटल मीडिया और समाचार पोर्टल्स के लिए पंजीकरण एवं सरकारी विज्ञापन प्राप्त करने की क्या मानक प्रक्रिया है? क्या पिछले 1 वर्ष में इस प्रक्रिया में कोई बदलाव किया गया है? जिसके प्रतिउत्तर में लिखित जवाब देते हुए माननीय मुख्यमंत्री जी ने बताया कि जनसंपर्क विभाग द्वारा न्यूज पोर्टल्स का पंजीकरण नहीं किया जाता है। राज्य शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं के व्यापक प्रचार-प्रसार के लिए समाचार पोर्टल्स का इम्पेनल किया जाता है। वर्तमान में प्रदेश के कुल 243 समाचार पोर्टल इम्पेनल हैं। किसी भी राष्ट्रीय समाचार पोर्टल इम्पैनल नहीं किया गया है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में कुल डिजिटल पोर्टल्स में 3189 कार्यादेश हेतु 67,16,89,759 रुपए समाचार पत्रों हेतु 12,881 कार्यादेश हेतु 1,47,36,54,282 रुपए, टी.वी.चैनलों में कुल 901 विज्ञापन हेतु 1,40,93,32,923 रुपए एवं रेडियो स्टेशन में 187 विज्ञापन हेतु 5,29,55,891 रुपए वहीं वर्ष 2024-25 में 31 जनवरी तक डिजिटल पोर्टल्स में 1986 कार्यादेश हेतु 13,16,27,516 रुपए समाचार पत्रों हेतु 8379 कार्यादेश हेतु 59,20,52,884 रुपए, टी.वी.चैनलों में कुल 597 विज्ञापन हेतु 58,52,43,484 रुपए एवं रेडियो स्टेशन में 145 विज्ञापन हेतु 2,71,31.424 रुपए आवंटित किये गए हैं। जनसंपर्क विभाग द्वारा न्यूज पोर्टल का पंजीकरण नहीं किया जाता है। प्रचार-प्रसार की सुविधा की दृष्टि से न्यूज पोर्टल का इम्पैनलमेंट किया जाता है। विज्ञापन नियमावली-2019 यथा संशोधित नियम- 2020 के अंतर्गत विज्ञापन स्वीकृत किए जाते हैं। पिछले एक वर्ष में इस प्रकिया में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
इस पर भावना बोहरा ने प्रश्न किया कि पूर्ववर्ती सरकार द्वारा एक वर्ष में विगत वर्ष की तुलना लगभग दोगुना राशि विज्ञापन हेतु आवंटित की है, कहीं न कहीं यह सरकारी पैसों का दुरूपयोग है इसकी जांच होनी चाहिए। कई शिकायतें भी मिली हैं की विज्ञापन हेतु होर्डिंग्स के लिए 3 महीने का अनुबंध किया जाता है परन्तु एक माह में ही होर्डिंग हटा दिया जाता है और उसका पूरे 3 महीने का भुगतान किया जाता है, इस मद में भुगतान की गई राशि की जांच की मांग करती हूं। वहीं डिजिटल समाचार पोर्टल हेतु 243 पोर्टल को इम्पेनल किया गया है क्या उससके लिए 243 टेंडर जारी किया गया है। जिसके प्रतिउत्तर में माननीय मंत्री जी ने जवाब दिया कि 243 टेंडर जारी किया गया है और होर्डिंग के विषय में कोई जानकारी उपलब्ध कराई जाती है तो उसका परिक्षण कराया जाएगा।
भावना बोहरा ने पूछा कि केंद्र सरकार की नीति के अनुसार इलेक्ट्रिक चार पहिया और दो पहिया वाहनों पर प्रदेश सरकार द्वारा कितनी सब्सिडी दी जा रही है और वर्ष 2020-21 से 2024-25 में दिनांक 31/01/2025 तक लाभान्वितों की संख्या क्या है? अभी तक कितने ऐसे इलेक्ट्रिक वाहन हैं जिनकी सब्सिडी प्रदेश सरकार द्वारा किया जाना लंबित है? इलेक्ट्रिक वाहन की सब्सिडी प्रदान करने के इस लक्ष्य को पूरा करने में शासन को कितना समय लगेगा? जिसके लिखित उत्तर में माननीय मंत्री जी ने बताया कि केन्द्र सरकार की नीति के तहत राज्य में लागू छत्तीसगढ़ राज्य इलेक्ट्रिक वाहन नीति 2022 अनुसार चार पहिया एवं दो पहिया इलेक्ट्रिक वाहनों पर प्रदेश सरकार द्वारा इलेक्ट्रिक वाहनों के मूल्य के 10 प्रतिशत या 1.50 लाख रूपये (जो भी कम होगा) की खरीदी प्रोत्साहन सब्सिडी के रूप में प्रदाय किया जा रहा है। प्रश्नांकित अवधि तक 28248 लाभान्वित हुये है। अभी तक लगभग 45 हजार इलेक्ट्रिक वाहनों का सब्सिडी भुगतान हेतु लंबित है। सब्सिडी भुगतान हेतु बजट प्रावधान के लिए प्रस्ताव वित्त विभाग को प्रेषित किया गया है। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नही है।