नई दिल्ली (विश्व परिवार)। अखिल भारतीय ज्योतिष आचार्य परिषद का आठवां अधिवेशन परम पूज्य बाल योगी आचार्य 108 श्री सौभाग्य सागर जी मुनिराज संसंघ के पवन सानिध्य में दिल्ली स्थित ग्रीन पार्क के श्री पारसनाथ दिगंबर जैन मंदिर में संपन्न हुआ जहां पर देश के विभिन्न प्रांतो और विभिन्न नगरों से अनेक विद्वानों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। जिसमें देश के जैन ज्योतिष आचार्य वास्तुविद,प्रतिष्ठाचार्य, विद्वान सम्मिलित हुए। आचार्य संघ और सभी विद्वानों के मध्य युवा विद्वान कवि हृदय विकर्ष जी “शास्त्री” जी द्वारा अपने अनूठी काव्य शैली में ज्योतिष विज्ञान का जैन शासन में क्या महत्व है और कौन से तीर्थंकर की आराधना से कौन से ग्रह की बाधा को दूर की जा सकती है यह बात को सबके समक्ष रखा गया। जिसको सुनकर लोग मंत्र मुग्ध हो गए। और तालिया की गड़गड़ाहट से संपूर्ण सदन गूंजयमान हो गया। इसके बाद आचार्य संघ और देश के मूर्धन्य विद्वानों के मध्य कवि हृदय विकर्ष शास्त्री जी का मोमेंट और पटका आदि पहनकर विशेष बहुमान सम्मान किया गया। और आचार्य श्री 108 सौभाग्य सागर जी द्वारा विशेष मंगल आशीर्वाद दिया गया। इस कार्यक्रम मैं जैन जगत के अंतरराष्ट्रीय ज्योतिष संरक्षक टीकम चंद्र जैन,ज्योतिषआचार्य अध्यक्ष रवि जैन गुरुजी महामंत्री हुकुम चंद्र जैन ग्वालियर संयोजक संदीप जैन प्रचारक दीपक जैन शास्त्री दिल्ली आदि देश के नामचीन विद्वान सम्मिलित रहे।