जयपुर(विश्व परिवार)। परम पूज्य चार्य शिरोमणि आचार्य श्री 108 विशुद्ध सागर जी महाराज के परम प्रभावक शिष्य परम पूज्य मुनिश्री 108 समत्व सागर जी महाराज एवं पूज्य मुनि श्री 108 शील सागर जी महाराज के जयपुर स्थित श्री पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर कीर्ति नगर में चातुर्मास समापन के उपलक्ष में श्री 1008 सिद्ध चक्र महामंडल विधान का आयोजन अष्टानिका महापर्व के अंतर्गत की । यह अनुष्ठान कवि हृदय पंडित विकर्ष जी शास्त्री जी के कुशल मार्गदर्शन एवं विधानाचार्यत्व में संपन्न हुआ। कवि हृदय विकर्ष जी शास्त्री युवा विधानाचार्य , कुशल वक्ता, राष्ट्रीय कवि, के साथ-साथ मधुरकंठ के धनी है. आप बहुमुखी प्रतिभा संपन्न है।शास्त्री जी के कुशल ज्ञान ,संगीत भक्ति की अद्भुत प्रतिभा से प्रभावित होकर द्वारा सकल जैन समाज समाज कीर्ति नगर जयपुर के द्वारा “जिन भक्ति संवाहक” की मानक उपाधि से अलंकृत किया गया। और उज्जवल भविष्य की कामना करते पूज्य मुनि द्वय ने विशेष आशीर्वाद दिया। और संपूर्ण समाज ने उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए हार्दिक शुभकामनाएं दी।