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दीक्षा पूर्व अभिनंदन समारोह तीन दिवसीय कार्यक्रम के साथ संपन्न 6 सितंबर 2024 को पारसोला में होगी दो भव्य दीक्षाएं

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पारसोला(विश्व परिवार)। पंचम पट्टाघीश वात्सल्य वारिधि आचार्य श्री वर्धमान सागर जी महाराज संघ सहित पारसोला में विराजित है ।आचार्य श्री वर्धमान सागर जी द्वारा आगामी 6 सितंबर को दाहोद मुंबई निवासी सात प्रतिमा धारी प्रदीप जी गांधी एवं धरियावद निवासी ब्रह्मचारिणी सात प्रतिमा धारी शकुंतला देवी की किकावत की पारसोला में दीक्षाएं होगी। दिनांक 27 अगस्त को घरियाबाद में दिगम्बर महावीर जैन मंदिर में महिलाओं द्वारा 24 भगवानों का स्तवन किया गया। 28 अगस्त को दीक्षार्थी शकुंतला देवी की बिनोरी शोभा यात्रा नगर के प्रमुख मार्गो से निकाली गई शोभायात्रा का समापन श्री चंद्र प्रभु जिनालय परिसर में हुआ । गुणानुवाद सभा में दीक्षार्थी शकुंतला देवी ने बताया दीक्षा की प्रेरणा उन्हें अपने पति से मिली क्योंकि उन्होंने भी मुनि दीक्षा ली थी,पूर्व जन्म के संचित पुण्य से दीक्षा के भाव परिणाम होते हैं। अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त संहितासुरी श्री पंडित हंसमुख जी शास्त्री ने भी दीक्षा देखने और अनुमोदना करने की प्रेरणा दी। ब्रह्मचारिणी वीणा दीदी ने बताया कि दीक्षा राग से वैराग्य की ओर जाने का कदम है ।पुत्र राकेश ने दीक्षार्थी की भावना कीअनुमोदना की। इस अवसर पर बागड़ मेवाड़ नरसिंहपुरा समाज के अध्यक्ष लक्ष्मी लाल भी उपस्थित रहे । घरियाबाद समाज के सभी सेठ पंच आसपास के अनेक नगरों के समाजजन ने उपस्थित होकर दीक्षा के भावों की अनुमोदना की।29 अगस्त को दोपहर में दीक्षार्थी को नगर से विदाई दी गई। 20वीं सदी की अक्षुण्ण आचार्य परम्परा के पंचम पट्टाचार्य 108 श्री वर्धमान सागर महाराज जी के संघस्थ 71 वर्षीय 7 व्रतप्रतिमा धारी ब्रह्मचारी प्रदीप भैया दाहोद एवम 7 व्रतप्रतिमा धारी ब्रह्मचारिणी शकुंतला किकावत धरियावद की भव्य जैनेश्वरी दीक्षा दिनाँक 6/09/24 को वात्सल्य वारिधि आचार्य श्री वर्धमान सागर जी महाराज के सिद्ध हस्त करकमलों से श्यामा वाटिका पारसोला में संपन्न होगी | जिसके अंतर्गत दिनाँक 5/09/24 को करपात्र आहार एवं अन्य धार्मिक अनुष्ठान आचार्य संघ के सानिध्य में संपन्न होगा।अध्यक्ष जयंतीलाल कोठारी दिगम्बर जैन समाज एवम अध्यक्ष ऋषभ कुमार पचोरी चातुर्मास समिति ने कार्यक्रम को सफल बनाने की अपील की है।
गौरवशाली साधु परंपरा
ब्रह्मचारी गज्जू भैया एवं राजेश पंचोलिया ने बताया कि आचार्य श्री वर्धमान सागर जी ने पारसोला में ही 1990 में आचार्य पद प्राप्त करने के बाद सन 1990 में प्रथम मुनि दीक्षा श्री ओम सागर जी को तथा प्रथम आर्यिका दीक्षा श्री वैराग्य मति माताजी को दी। इसके बाद इसी वर्ष मुकुट सप्तमी इसी माह में आर्यिका श्री तपनमति माताजी को दीक्षा दी।अब 6 सितंबर 2024 को दीक्षाएं होगी।
दीक्षार्थियों के परिवार का गौरवशाली साधु इतिहास
71 वर्षीय ब्रह्मचारी प्रदीप भैया की जन्म नगरी दाहोद में दीक्षा पूर्व अभिनंदन समारोह दो दिवसीय 31 अगस्त एवं 1 सितंबर को आयोजित किया गया है आपके ग्रहस्थ अवस्था के सन 1918 में जन्मे पिता पन्नालाल जी ने मुनि श्री दयासागर जी से सन 1983 में क्षुल्लक दीक्षा लेकर क्षुल्लक श्री समाधि सागर जी बने आपकी समाधि सन 1984 दाहोद में हुई। आपकी माता सन 1921 में जन्मी श्रीमती शांति देवी ने आचार्य श्री वर्धमान सागर जी से क्षुल्लिका दीक्षा 9 मार्च 2001 को घरियाबाद में तथा आर्यिका दीक्षा 8 अक्टूबर 2003 को भिंडर में ली ।आपकी समाधि सन 2003 भिंडर में हुई। सन 1956 में जन्मी छोटी बहन हंसा बहन ने मुनि श्री दयासागर जी से 1 जनवरी 1982 को आर्यिका दीक्षा लेकर आ श्री सुवैभव मति बनी ।आपकी समाधि वर्ष 2006 बेंगलुरु में हुई। इसी प्रकार ब्रह्मचारिणी शकुंतला देवी के ग्रहस्थ अवस्था के पति इंद्रमल किकावत ने भी आचार्य श्री वर्धमान सागर जी से मुनि दीक्षा लेकर मुनि महाराज बने थे। इसके पूर्व 74 वर्षीय 56 वर्षों से संयम साधनारत आचार्य श्री वर्धमान सागर जी ने अभी तक 37 मुनि,43 आर्यिका ,1 ऐलक, 14 क्षुल्लक तथा 13 क्षुल्लिका कुल 108 भव्य प्राणियों को जेनेश्वरी दीक्षा प्रदान की है।

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