नई दिल्ली(विश्व परिवार)। देश में संविधान लागू होने के 75वीं वर्षगांठ पर लोकसभा में आयोजित विशेष बहस में विपक्षी पार्टियों की ओर से प्रियंका गांधी ने विशेष भाषण दिया।केरल से चुनकर आईं कांग्रेस सांसद प्रियंका ने पहले भाषण में केंद्र को घेरते हुए कहा कि संविधान देश के लोगों के लिए न्याय और सुरक्षा कवच का है, लेकिन सत्ता में बैठे लोग कवच को तोडऩे की कोशिश कर रहे हैं। अगर लोकसभा नतीजे ऐसे न आते तो ये संविधान बदल देते।
प्रियंका ने कहा, हमारा संविधान न्याय, एकता और अभिव्यक्ति की आजादी का कवच है। सत्ता पक्ष ने 10 सालों में ये सुरक्षा कवच तोडऩे का पूरा प्रयास किया है। संविधान में सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय का वादा है, ये वादा एक सुरक्षा कवच है, जिसको तोडऩे का काम शुरू हो चुका है। लैटरल एंट्री और निजीकरण से सरकार आरक्षण को कमजोर कर रही है। अगर लोकसभा के नतीजे ऐसे न होते तो ये संविधान बदलने का काम शुरू करते।
प्रियंका ने कहा, सत्ता पक्ष अब संविधान-संविधान इसलिए कर रही है क्योंकि इन्हें इस चुनाव में पता चल गया है कि जनता ही संविधान को सुरक्षित रखेगी। इस चुनाव में हारते-हारते जीतने से ये अहसास हुआ कि संविधान बदलने की बात इस देश में नहीं चलेगी। आज जनता की मांग है कि जाति जनगणना हो। ये जिक्र चुनाव की नतीजों की वजह से हो रहा है। जाति जनगणना से हमें असली संख्या पता चलेगी।
प्रियंका ने 31:55 मिनट के भाषण में उद्योगपति गौतम अडाणी को भी घेरा। उन्होंने कहा कि सरकार सिर्फ 1 व्यक्ति के लिए 142 करोड़ लोगों को नजरअंदाज कर रही है।उन्होंने कहा कि ये भारत का संविधान है, संघ (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) का विधान नहीं हैं।उन्होंने कहा कि आज सच बोलने पर डराया और धमकाया जा रहा है, पूरे देश में भय का माहौल औऱ ऐसा माहौल अंग्रेजों के समय में हुआ करता था।