- अपनी खुशी का रिमोट दूसरों के हाथों में न सौपें … ब्रह्माकुमारी अदिति दीदी
- खुश रहने से हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है…
- चिन्ता नहीं चिन्तन करें…कृतिका जैन, पार्षद
रायपुर (विश्व परिवार)। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय द्वारा नारायणा हास्पीटल के सामने सुनिता हाईट्स देवेन्द्रनगर में स्थित सेवाकेन्द्र में तनाव मुक्त जीवन विषय पर आयोजित -राजयोग अनुभूति शिविर का शुभारम्भ शहीद हेमू कालाणी वार्ड की पार्षद कृतिका जैन, ब्रह्माकुमारी गंगा दीदी, ब्रह्माकुमारी अदिति दीदी और बग्रह्माकुमारी सुनिता दीदी ने दीप प्रज्वलित करके किया।
ब्रह्माकुमारी अदिति दीदी ने कहा कि खुशी हम आत्माओं का स्वाभाविक गुण है। इसे बाहर ढूँढने की जरूरत नही है। जब हम भौतिक पदार्थों में या किसी बाह्य वस्तुओं में खुशी को ढूँढने लगते है तब हम अपना रिमोट दूसरों के हाथों में सौप देते हैं। अच्छे स्वास्थ्य के लिए जीवन में खुशी का होना बहुत जरूरी है। यह हमें तनाव से भी दूर रखता है।
उन्होंने आगे बतलाया कि तनाव हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता को कम कर देता है। कोविड के दौरान हमने देखा कि कैसे रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने के कारण लोग कोविड का शिकार बन रहे थे और अपनी जान गंवा रहे थे। स्वस्थ रहने के लिए अपने मनोबल को बढ़ाने की आवश्यकता है। यदि बहुत गुस्सा आता है, चिड़चिड़ हो रहे हैं, अकेलापन महसूस हो रहा है, मन में किसी प्रकार का डर बना रहता है या आत्महत्या का विचार आता है तो समझ लेना चाहिए कि मनोबल कमजोर है। यह सभी तनाव के लक्षण हैं। मनोबल को मेडिटेशन के द्वारा बढ़ाने की जरूरत है।
इस अवसर पर उपस्थित पार्षद कृतिका जैन ने कहा कि हमें चिन्ता नहीं बल्कि चिन्तन करने की आवश्यकता है। चिन्ता हमें अस्वस्थ करता है। इसलिए चिन्ता को चिता समान माना जाता है।
देवेन्द्र नगर सेवाकेन्द्र की संचालिका ब्रह्माकुमारी गंगा दीदी ने कहा कि आजकल प्रतिस्पर्धा के युग में जीवन के हर क्षेत्र में अनेक चुनौतियों का सामना करना पड़ता है जिसके कारण तनावजन्य परिस्थितियॉं भी बढ़ती जा रही हैं। ऐसे वातावरण में शान्ति की गहन अनुभूति करनेे के लिए राजयोग का अभ्यास सभी के लिए बहुत लाभकारी है। कार्यक्रम का संचालन ब्रह्माकुमारी सुनिता दीदी ने किया।