रतन टाटा की सादगी, उनका देश और राष्ट्र के लिए योगदान, प्रशन्सनीय और अनुकरणीय है।अन्तर्मना आचार्य श्री 108 प्रसन्न सागर जी
औरंगाबाद(विश्व परिवार)। भारत गौरव साधना महोदधि सिंहनिष्कड़ित व्रत कर्ता अन्तर्मना आचार्य श्री 108 प्रसन्न सागर जी महाराज एवं सौम्यमूर्ति उपाध्याय 108 श्री पीयूष सागर जी महाराज ससंघ का 2024 का चोमासा
कुलचाराम मे चल रहा है प्रवचन मे भक्तो को कही की इन्सान से इन्सान को दूर करने वाली दो ही चीज है..
पैसा और जुबान..!
लेकिन रतन टाटा इसके अपवाद थे। जितना पैसा था उससे ज्यादा उदारता थी। वाणी व्यवहार के कुशल शिल्पी थे। रतन टाटा से किसी ने पूछा – आपको जीवन में सबसे ज्यादा खुशी कब और किस चीज में मिली-? उन्होंने कहा – अपार धन दौलत कमाने से वो सुख नहीं मिला, महलनुमा घर होने पर भी वो सुख नहीं मिला, उद्योग जगत में खूब नाम कमाने से भी वह सुख नहीं मिला, जो सुख मुझे 200 बच्चों को व्हीलचेयर देने से मिला। मेरे मित्र ने कहा – सर 200 व्हीलचेयर खरीदना है – मैने तुरंत 200 व्हीलचेयर खरीद ली। दोस्त ने कहा – सर आप भी साथ चलें। मैं उनके साथ चल दिया। वहां जाकर देखा – सभी बच्चे अपंग है। सभी बच्चों को हमने अपने हाथ से एक एक व्हीलचेयर दी। बच्चों के चेहरे पर जो खुशी, आनंद देखा वह अद्भुत और अकल्पनीय था। जब बच्चे व्हीलचेयर पर बैठकर घूम रहे थे, मस्ती कर रहे थे,, यह सब देखकर ऐसा लगा कि बच्चे जैसे किसी पिकनिक स्पॉट पर घूम रहे हो। हमें अपने जीवन की सबसे ज्यादा खुशी तब मिली जब मैं वहां से लौटने लगा, तो कुछ बच्चों ने मेरे पैर पकड़ लिये, मैंने कहा- बच्चों, और कुछ चाहिए क्या आप लोगों को-? बच्चों ने जो जवाब दिया, वो सुनकर मेरी रूह कांप गई। बच्चों के जबाब ने मेरा दृष्टिकोण बदल दिया। बच्चों ने कहा – सर मैं आपका चेहरा याद रखना चाहता हूं, ताकि जब मैं आपसे स्वर्ग में मिलूं तो आपको पहचान सकूं और धन्यवाद दे सकूं। कहने का मतलब यह है कि – अपने अन्तर्मन में झाँकना चाहिए और यह मनन अवश्य करना चाहिए – आपको किस चीज के लिए याद किया जायेगा-? क्या कोई आपका चेहरा फिर से देखना और याद रखना चाहेगा-? नियति का अकाट्य नियम है – जो आया है उसे जाना पड़ेगा। जो जन्मा है उसे मरना भी पड़ेगा।
रतन टाटा ने —
सुई से लेकर एयर इण्डिया के हवाई जहाज तक,
नमक से लेकर आटा तक,
ऑटो से लेकर ट्रक तक,
चाय से लेकर – स्टार बक्स कॉफी तक,
नैनो से लेकर – RANGE ROVER की कार तक,
पंखो से लेकर – VOLTAS की AC तक..
सब कुछ रतन टाटा की देन है, जो हर घर परिवार समाज और देश का प्रत्येक भारतीय उपयोग कर रहा है। रतन टाटा की सादगी, उनका देश और राष्ट्र के लिए योगदान, प्रशन्सनीय और अनुकरणीय है।