रायपुर(विश्व परिवार)। राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, रायपुर के आईटी विभाग द्वारा 15 से 17 नवंबर तक हाइब्रिड मोड में चलने वाले द्वितीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन “आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, कंप्यूटर टेक्नोलॉजी, इंटरनेट ऑफ थिंग्स और डेटा एनालिटिक्स” एआईसीटीए 2024 का शुभारंभ हुआ। इस अवसर पर संस्थान के निदेशक और कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. एन. वी. रमना राव ने ऑनलाइन माध्यम से डेटा एनालिटिक्स और एआई के विभिन्न अनुप्रयोगों से हो रहे परिवर्तन का उल्लेख किया और बताया कि यह 3 दिवसीय सम्मेलन आधुनिक तकनीकियों में रुचि रखने वाले सभी विद्यार्थियों और शोधार्थियों के लिए लाभदायक साबित होगा और तकनीकी प्रगति में नए आयाम स्थापित करेगा। उद्घाटन समारोह में विशिष्ट अतिथि के रूप में ब्रेन एंटरप्राइजेज के डायरेक्टर डॉ अविनाश कुमार सिंह उपस्थित रहे। इस दौरान निदेशक महोदय द्वारा सम्मेलन की एब्सट्रेक्ट बुक का अनावरण भज किया गया|
AICTA 2024 के सचिव डॉ. राजेश डोरिया ने सभी उपस्थित लोगों का स्वागत किया और सम्मेलन का सार प्रदान किया। डॉ. डोरिया ने कार्यक्रम पर प्रकाश डाला और बताया कि 1 जुलाई 2024 से 18 सितंबर 2024 तक शोध पत्र आमंत्रित किए गए। सम्मेलन में तीन प्राथमिक ट्रैक शामिल हैं- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), साइबरसिक्यूरिटी (CT), और इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) | एक महीने में 130 समीक्षकों द्वारा प्रस्तुत किए गए 320 शोध पत्र की समीक्षा की गई, जिसमें प्रत्येक पेपर को कम से कम 3 समीक्षकों द्वारा जांचा गया और इनमें से 62 पेपर (19.3%) मौखिक प्रस्तुतियों के लिए चुने गए।
आईटी विभाग के एचओडी और इस सम्मेलन के अध्यक्ष डॉ. संजय कुमार ने बताया कि माइंड इंटरनेशनल सोसाइटी और संस्थान के आईटी विभाग के सहयोग से आयोजित इस विशेष सम्मेलन में 13 तकनीकी सत्र, 3 विशेष सत्र और जनरेटिव एआई पर एक निःशुल्क कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा जिसमें देश-विदेश से कई शोधकर्ता और विशेषज्ञ भाग लेंगे जो इस क्षेत्र में हो रहे अत्याधुनिक अनुसंधान और उनके प्रभाव पर चर्चा करेंगे।
इसके बाद आयोजित वर्कशॉप में डॉ अविनाश सिंह ने अपने संबोधन में एआई व जनरेटिव एआई के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने बताया कि तकनीक तेजी से बदल रही है और एआई हमारे दैनिक जीवन को नया आयाम दे रहा है। उन्होंने जनरेटिव एआई की परिभाषा देते हुए कहा, “यह ऐसी प्रणाली है जो अपने प्रशिक्षण डेटा की संरचना को समझकर नई जानकारी उत्पन्न करती है।” उन्होंने जनरेटिव एआई के विकास, उपयोग और इसके द्वारा आने वाले बदलावों पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर प्रमुख वक्ता ने एआई के अलग-अलग मॉडल्स जैसे विज़न लैंग्वेज मॉडल, ऑडियो लैंग्वेज मॉडल, और मल्टीमॉडल एलएलएम पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि यह तकनीक चित्रों की कैप्शनिंग, टेक्स्ट को ऑडियो में बदलने और भाषाओं का अनुवाद करने जैसी क्षमताओं के लिए उपयोगी है।
इसके बाद ऑनलाइन माध्यम से जुड़े
प्रोफेसर राजकुमार बुय्या, मेलबर्न विश्वविद्यालय, ऑस्ट्रेलिया ने क्लाउड और एज कंप्यूटिंग में प्रगति: मांजरासॉफ्ट के अनेका प्लेटफॉर्म के साथ नेक्स्ट-जेन IoT और क्वांटम अनुप्रयोगों को सशक्त बनाना” और प्रोफेसर आयोनिस पिटास, प्रोफेसर, अरस्तू यूनिवर्सिटी ऑफ थेसालोनिकी (AUTH), ग्रीस ने प्राकृतिक आपदा प्रबंधन के लिए बिग डेटा एनालिटिक्स पर अपने व्यक्तव्य दिए |
यह आयोजन नई तकनीकों को समझने और उन्हें भविष्य में उपयोगी बनाने के लिए एक अद्वितीय मंच सिद्ध होगा साथ ही आईटी विभाग के प्रोफेसर डॉ. रेख राम जंघेल ने सभी अतिथियों, शोधकर्ताओं और आयोजकों को बधाई दी।
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