- सिद्धचक्र महा मंडल विधान में हुआ एक हजार अर्घ्यो का समर्पण
- मुनिश्री ने गुणायतन बनाकर हजार वर्ष के लिए संस्कृति को सुरक्षित की –विजय धुर्रा
अशोक नगर (विश्व परिवार)। आप लोगों के आनंद उत्साह को देखकर हम भी आनंदित हो रहे हैं एक व्यक्ति नृत्य कर रहा है ऐसा नृत्य कर रहा है कि उसके पैर धरती पर नहीं टिक रहे उसके नृत्य को देख कर सभी आश्चर्यचकित हो जय जय कार करने लगते हैं बह और कोई नहीं सौर्धम इन्द्र था जव तीर्थंकर वालक का जन्म होता है और उन तीर्थंकर प्रभु के बाल स्वरूप को देख कर सौ धर्म इतना हर्षित होता है कि वह अपने हजार नेत्र वनकर उस बाल स्वरूप को निहार ने में डूब कर तांडव नृत्य करने लगता है भगवान के बाल स्वरूप की इतनी महिमा है तो साक्षात् समवशरण में कैसी भक्ति होती होगी उसको आप समझे और अपने अंदर प्रकट करें ऐसी भक्ति ही भव भव का वंधन काटने वाली है उक्त आश्य के उद्गार सम्मेद शिखर जी में सिद्धचक्र महा मंडल विधान के दौरान मुनिश्री पूज्य सागर जी महाराज ने व्यक्त किए ।
मुनिश्री ने गुणायतन बनाकर हजार से अधिक वर्ष के लिए संस्कृति को सुरक्षित –विजय धुर्रा
इसके पहले मध्यप्रदेश महासभा संयोजक विजय धुर्रा ने कहा कि परम पूज्य संत शिरोमणि आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के परम शिष्य मुनिश्रीप्रामण सागरजी महाराज बुंदेलखंड छोड़ कर झारखंड पधारे तो प्रेरणा से सिद्ध क्षेत्र सम्मेद शिखर जी में पाषाण से निर्मित एक ऐसी भव्य रचना कराईं जिसे सारा जगत गुणायतन तीर्थ के रूप में जान रहा है जो हजारों वर्षो तक भारतीय संस्कृति को सुरक्षित रखेंगे हमें कमेटी ने ट्रस्टी वनने का सौभाग्य प्रादान किया है हम संरक्षक वनकर सूत्रधार वनकर तीर्थ की सेवा का सौभाग्य प्राप्त कर सकते हैं इस दौरान श्री सिद्ध चक्र महा मंडल विधान के पुण्यर्जक परिवार श्री मति किरण डॉ डी के जैन श्रीमति अंकिता अंचल जैन श्रीमति राज विनोद कुमार राजू मेडिकल परिवार श्री मति रचना मनोज रन्नौद संयोजक पार्श्वनाथ मन्दिर अशोक नगर शिवपुरी जिला पंचायत अध्यक्ष जितेंद्र कुमार गोटू धर्मेन्द्र कुमार सचिन कुमार विधायक देवेन्द्र कुमार जैन गुणायतन तीर्थ शिखर जी के संरक्षक वनने का सौभाग्य प्राप्त जिनका सम्मान गुणायतन ट्रस्ट कमेटी द्वारा किया गया।
महा मंडल पर किया एक हजार अर्घ्यो का भक्ति भाव से समर्पण
सिद्धो की महा आराधना के दौरान परम पूज्य मुनि श्री पूज्य सागर जी महाराज मुनिश्री अतुल सागर जी महाराज ससंघ के सान्निध्य संजीवभइया विक्की भइया सौरव भइया अशोक भइया के मंत्रो के बीच में सौधर्म इन्द्र श्री मति डॉ डी के जैन श्रीपाल मैना सुंदरी श्री मति अंकिता अंचल जैन महायज्ञ नायक श्री मति अंसू नेरश कुमार फीरोजाबाद कुबेर परिवार श्री जितेन्द्र जैन गोटू धर्मेन्द्र कुमार सचिन कुमार सहित सभी प्रमुख पात्रों एवं महा महोत्सव के सभी इन्द्र इन्द्रियों द्वारा मंडल पर श्री फल समर्पित किया गये। पैसा आप नहीं आपका पुण्य ला रहा है।
इस दौरान मुनिश्री ने कहा कि पैसा तो पुण्य से आता है डोली बाला भी मेहनत कर रहा है और सीट पर बैठे सेठ जी भी काम कर रहे हैं लेकिन मेहनत मजदूर अधिक कर रहा उसे सेठजी की अपेक्षा कुछ भी नहीं मिल रहा तो समझें पैसा आप नहीं आपका पुण्य ला रहा है अच्छे कार्य में पैसा उसी का लगता है जिसने पुण्य का उदय होता है पुण्य कमाकर आगे आने वाला समय को भी सुधारता चला जाता है और एक दिन मुक्ति रमा को प्राप्त करेगा उन्होंने कहाकि भक्ति का प्राभाव भावनाओं में झलकता है आप लोगों की भावना और भक्ति देखकर ऐसा लग रहा है कि बहुत पहले से इस महोत्सव के लिए आप लोगों ने तैयारियां की होगी इसी का परिणाम है कि इतना बड़ा आयोजन बहुत ही व्यवस्थित ढंग से चल रहा है जिनेन्द्र भगवान की भक्ति हमें शक्ति देती है।