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आंसुओं का सैलाब रोके बुत सी खड़ी रही वो…राजनाथ की आंखें नम हो गईं, इन वीरांगनाओं को देश का सलाम है!

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देवरिया(विश्व परिवार) | उत्तर प्रदेश के देवरिया के रहने वाले शहीद कैप्टन अंशुमान सिंह की वीरता के लिए उन्हें मरणोपरांत कीर्ति चक्र दिया गया है. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शहीद कैप्टन अंशुमान सिंह की पत्नी को ये वीरता पुरस्कार दिया है. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने जब कैप्टन अंशुमान सिंह की पत्नी को कीर्ति चक्र दिया तो वहां बैठे हर किसी की आंख नम हो गई. अंशुमान सिंह की पत्नी की हिम्मत और जज्बे को देख हर कोई शहीद की शहादत को याद करने लगा. आपको बता दें कि शहीद कैप्टन अंशुमान सिंह पंजाब रेजिमेंट की 26वीं बटालियन के आर्मी मेडिकल कोर के कैप्टन थे. अपनी सुरक्षा की परवाह किए बिना, कैप्टन अंशुमान ने एक बड़ी आग की घटना में कई लोगों को बचाने के लिए असाधारण बहादुरी और दृढ़ संकल्प का प्रदर्शन किया |

कीर्ति चक्र देने से पहले जब वीरों की शौर्य गाथा सुनाई जा रही थी, तो वहां बैठे रक्षामंत्री राजनाथ सिंह समेत सभी की आंखें भावुक हो गई. 9 जुलाई 2023 को सियाचिन ग्लेशियर में सेना के बंकरों में अचानक आग लग गई थी. जैसे ही अंशुमान सिंह ने जवानों को आग के बीच देखा, वह बंकर में घुस गए. इस दौरान कैप्टन अंशुमान सिंह ने 4 जवानों को सुरक्षित बाहर निकल लिया. मगर वह खुद ही अंदर फंस गए और झुलस गए. इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई |

राष्ट्रपति मुर्मू ने इंस्पेक्टर/जीडी दिलीप कुमार दास 210 कोबरा, सीआरपीएफ को मरणोपरांत कीर्ति चक्र प्रदान किया. अप्रैल 2021 में छत्तीसगढ़ में एक संयुक्त अभियान के दौरान, उन्होंने असाधारण वीरता और अदम्य इच्छाशक्ति का परिचय दिया और कई माओवादियों का सफाया करते हुए राष्ट्र के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया |

राष्ट्रपति मुर्मू ने हेड कांस्टेबल/जीडी राज कुमार यादव, 210 कोबरा, सीआरपीएफ को मरणोपरांत कीर्ति चक्र प्रदान किया. अप्रैल 2021 में छत्तीसगढ़ में एक संयुक्त अभियान के दौरान, उन्होंने असाधारण वीरता और अदम्य इच्छाशक्ति का परिचय दिया और कई माओवादियों का सफाया करते हुए राष्ट्र के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया |

राष्ट्रपति मुर्मू ने कांस्टेबल/जीडी बबलू राभा, 210 कोबरा, सीआरपीएफ को मरणोपरांत कीर्ति चक्र प्रदान किया. अप्रैल 2021 में छत्तीसगढ़ में एक संयुक्त अभियान के दौरान, उन्होंने असाधारण वीरता और अदम्य इच्छाशक्ति का परिचय दिया और कई माओवादियों का सफाया करते हुए राष्ट्र के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया|

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