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गुरु जी कि समाधी स्थल पर बैठने से संयम और त्याग का भाव आयेगा

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त्यागी, तपस्वी भी समाधी स्थल पर आकर अपना जीवन सफल करेंगे 
108 मुनि श्री आगम सागर जी

डोंगरगढ़ (विश्व परिवार) | आप लोग जो यहाँ प्रतिदिन चन्द्रगिरी में भगवान के अभिषेक, पूजन, आरती के पश्चात आचार्य श्री जी कि समाधी स्थल (निसिद्धिका) पर संगीतमय, भावपूर्ण उनकी पूजन और आरती करते हैं | जिसके लिये यहाँ कि कमेटी को भरपूर आशीर्वाद प्रदान करते हैं | अपनी प्रज्ञा का उपयोग करके जो काम शुरू किया है | यहाँ आने वाले भक्तों के लिये वरदान का काम करेगा | हमने स्वयं गुरु जी के चरणों में रहकर देखा है कि जो भी मनोकामनायें मन में हो सब पूर्ण हो जाती है | इसी प्रकार यहाँ समाधी स्थल (निसिद्धिका) पर आकर वंदना करने से भी सभी कि मनोकामनायें पूर्ण होंगी और पुण्य लाभ भी होगा | गुरु जी ने संलेखना लेकर उत्कृष्ट समाधी मरण किया है | त्यागी, तपस्वी भी यहाँ आकर अपना जीवन सफल करेंगे | शास्त्रों में आता है कि तीर्थंकरों के निर्वाण स्थल को निसिद्धिका कहते हैं उसी प्रकार गुरु जी कि यह समाधि स्थल भी निसिद्धिका ही है | संत शिरोमणि 108 आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज ने आरम्भ, परिग्रह, उपाधि आदि छोड़कर अपने अंतिम लक्ष्य को साधा है | वैसे ही हम भी रत्नात्रय धारण कर अपनी आत्मा को ऊंचाई प्रदान करें | यहाँ पर बैठकर निश्चित ही संयम और त्याग का भाव आयेगा |
श्री दिगम्बर जैन चंद्रगिरी अतिशय तीर्थ क्षेत्र के अध्यक्ष सेठ सिंघई किशोर जैन ने बताया कि महाराज जी द्वारा 8 से 16 वर्ष के बच्चों का उपनयन संस्कार श्री दिगम्बर जैन चंद्रगिरी अतिशय तीर्थ क्षेत्र में दिनांक 11/07/2024 को होगा | जिसमे आप सभी सपरिवार उपस्थित होकर धर्म लाभ लेवें| बच्चों का ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन चालू है |उक्त जानकारी निशांत जैन (निशु) द्वारा दी गयी है |

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