रायपुर (विश्व परिवार)। छत्तीसगढ़ के कोल लेवी घोटाला और डीएमएफ घोटाला मामले में 6 आरोपियों को शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने सशर्त जमानत दी है, इसके बाद शनिवार को 6 आरोपी रायपुर के सेंट्रल जेल से रिहा हो गए। जिसमें निलंबित आईएएस रानू साहू, समीर बिश्नोई, सौम्या चौरसिया सहित 6 लोग रायपुर सेंट्रल जेल से बाहर आए हैं। इस दौरान सभी आरोपी छत्तीसगढ़ से बाहर रहेंगे। वो जिस जगह पर रहेंगे उनका एड्रेस संबंधित थाने को देना होगा। सभी आरोपी लगभग 2 साल से जेल में बंद थे।
सुप्रीम कोर्ट से मिली है सशर्त जमानत
आपको बता दें कि कोल लेवी और डीएमएफ घोटाला में आरोपी निलंबित आईएएस रानू साहू, सौम्या चौरसिया, समीर बिश्नोई, लक्ष्मीकांत तिवारी, संदीप नायक और वीरेंद्र जायसवाल हैं। इन सभी आरोपियों को शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिली थी, इसके बाद शनिवार को सभी रायपुर के सेंट्रल जेल से सुबह रिहा हो गए है। मामले में ईडी ने छत्तीसगढ़ के कई प्रशासनिक अधिकारियों के घर, दफ्तर और ठिकानों पर छापेमार कार्रवाई की थी। सौम्या चौरसिया को भी मनी लॉन्ड्रिंग के तहत गिरफ्तार किया गया था। गिरफ्तारी के बाद सौम्या चौरसिया ने रायपुर की अदालत में जमानत याचिका दाखिल की थी। जहां से आवेदन खारिज होने के बाद हाईकोर्ट में याचिका लगाई। जहां से याचिका खारिज होने के बाद सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
क्या हैं आरोप
प्रवर्तन निदेशालय के आरोप के मुताबिक कोयला परिचालन ऑनलाइन परमिट को ऑफ लाइन करने सहित कई तरीके से लगभग 570 करोड़ रुपए का अधिक का कोल लेवी स्कैम किया गया था। मामले में 36 लोगों के खिलाफ एफ आईआर दर्ज की गई है। कोल परिवहन में कोल व्यापारियों से वसूली करने ऑनलाइन मिलने वाले परमिट को ऑफ लाइन करने का आदेश खनिज विभाग के तत्कालीन संचालक आईएएस समीर बिश्नोई ने 15 जुलाई 2020 को जारी किया था। सिंडिकेट बनाकर अवैध वसूली की जाती थी। मामले का मास्टरमाइंड कोल व्यापारी सूर्यकांत तिवारी को माना गया है, जो व्यापारी से 25 रुपए प्रति टन के हिसाब से अवैध रकम की वसूली कर उसे खनिज विभाग से पीट पास और परिवहन जारी करता था। इस तरह से लगभग 570 करोड़ रुपए की वसूली की गई थी। ईडी की रेड में आईएएस समीर बिश्नोई, उसके बाद कोयला कारोबारी सूर्यकांत तिवारी को गिरफ्तार किया गया था।
रानू साहू को कोल लेवी स्कैम में मिली जमानत
ईडी की जांच में पता चला कि कोल स्कैम केस में सूर्यकांत तिवारी के साथ 2010 बैच की छत्तीसगढ़ कैडर की आईएएस रानू साहू का क्लोज एसोसिएशन है। कोयले से जुड़ी लेवी का सारा कारोबार कोरबा से हो रहा है। रानू साहू जब कोरबा कलेक्टर थीं इस दौरान सूर्यकांत तिवारी ने कमीशन का पैसा उनको दिया। घूस की राशि से आईएएस साहू ने संपत्तियों को खरीदा। जिसके बाद ने रानू की 5.52 करोड़ रुपए की सम्पत्ति का अटैचमेंट किया है।
क्या था डीएमएफ घोटाला : डीएमएफ घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय की रिपोर्ट के आधार पर ईओडब्ल्यू ने धारा 120, 420 के तहत मामला दर्ज किया था। मामले में जांच में यह बात निकलकर सामने आई थी कि डिस्ट्रिक्ट माइनिंग फंड कोरबा से अलग-अलग टेंडर आवंटन में बड़े पैमाने पर आर्थिक अनियमितता की गई थी। ईडी की जांच के मुताबिक टेंडर करने वाले संजय शिंदे, अशोक कुमार अग्रवाल, मुकेश कुमार अग्रवाल, ऋषभ सोनी और बिचौलिया मनोज कुमार द्विवेदी, रवि शर्मा, पीयूष सोनी, पीयूष साहू, अब्दुल और शेखर के साथ मिलकर करोड़ों रुपए कमाए गए थे। सुरेंद्र/