Home राजस्थान कोमलता ,निर्मलता उत्तम मार्दव धर्म है। आचार्य श्री वर्धमान सागर जी

कोमलता ,निर्मलता उत्तम मार्दव धर्म है। आचार्य श्री वर्धमान सागर जी

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पारसोला(विश्व परिवार)।  आचार्य श्री वर्धमान सागर की सनमति भवन में विराजित है 10 सितंबर को पारसोला साबला रोड़ पर वात्सल्य वारिधि स्वागत द्वार का लोकार्पण होगा तथा आचार्य श्री वर्धमान सागर जी का 75 वां जन्म वर्ष हीरक जन्म जयंती महोत्सव मनाया जाएगा 9 सितंबर की धर्म सभा में प्रवचन में आचार्य श्री ने बताया कि मान ऐसी मीठी कषाय है ,जिसके कारण व्यक्ति भीतर भीतर झुलसता रहता है। जो जितना झुकता है वह उतना ही ऊंचा उठता है विनय गुण से मोक्ष का द्वार खुल जाता है ।विनय के अभाव में संपूर्ण शिक्षा निरर्थक है ,विनय के अभाव में सम्यक दर्शन नहीं रह सकता है।जो कुल, रूप ,जाति, बुद्धि ,तप, श्रुत और शील आदि के विषय में थोड़ा सा भी किंचित मात्र भी गर्व नहीं करता है ,उसके पास मार्दव धर्म प्रगट होता है। या वह मार्दव धर्म का धारी होता है । यह धर्म देशना आचार्य श्री वर्धमान सागर जी ने दशलक्षण पर्व के दूसरे दिन उत्तम मार्दव धर्म की विवेचना करते हुए प्रकट की । ब्रह्मचारी गज्जू भैया राजेश पंचोलिया अनुसार आचार्य श्री वर्धमान सागर जी ने आगे बताया कि विनयशील व्यक्ति धर्म सभा में पहले आता है, और बाद में जाता है उदाहरण के लिए जैसे जीभ पहले आती है ,और बाद में जाती है ।पर मानी व्यक्ति बाद में आता है और पहले जाता है, जैसे दांत बाद में आते हैं और पहले चले जाते हैं । मानी व्यक्ति और नल के जल के गति एक जैसी होती है ,जिस प्रकार जल को कितना भी ऊपर ले जावे तो भी उसका जल नीचे ही आता है उसी प्रकार मानी व्यक्ति भी नीचे आ जाता है ।साधु जीवन का सबसे बड़ा जहर है ,ख्याति, पूजा, प्रतिष्ठा ,मान की आकांक्षा। मार्दव भाव आत्मा का गुण है मोक्ष सुख का कारण है यह मार्दव धर्म अहंकार का नाशक है। इसके पूर्व मुनि श्री मुमुक्षु सागर जी के प्रवचन हुए।दोपहर को आचार्य संघ सानिध्य में तत्वार्थ सूत्र की विवेचना होती है आचार्य श्री ने तत्त्वार्थसूत्र की विवेचना की। 10 सितंबर को आचार्य श्री वर्तमान सागर जी का 75 वां वर्ष जन्म वर्ष वर्धन हीरक जयंती महोत्सव पारसोला समाज द्वारा भक्ति भाव उत्साहपूर्वक मनाया जाएगा इस अवसर पर राजस्थान ,मध्य प्रदेश ,दिल्ली कोलकाता ,कर्नाटक ,महाराष्ट्र आदि अनेक प्रांतो से हजारों भक्त भावांजलि देने के लिए उपस्थित होंगे। साबला रोड पारसोला में नवनिर्मित 35 लाख की लागत से बना वात्सल्य वारिघि स्वागत द्वार का 10 सितंबर को प्रातः 8:00 बजे लोकार्पण होगा। दोपहर को श्यामा वाटिका में भावांजलि सभा और विशेष धार्मिक अनुष्ठान, रात्रि में भजन संध्या होगी।

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