बिलासपुर (विश्व परिवार)। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे ने विद्युत ट्रैक्शन प्रणाली की संरक्षा और विश्वसनीयता बढ़ाने के लिए एक व्यापक अभियान चलाया है । इस अभियान के तहत दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के रायपुर मंडल में 159 सर्किट ब्रेकर और इंटरप्रेटर का गहन निरीक्षण किया गया, जिससे संभावित तकनीकी खराबियों को समय रहते पहचाना और दूर किया जा सके ।
भारतीय रेलवे के विद्युत नेटवर्क में ट्रैक्शन सब-स्टेशन (TSS) एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं । ये सब-स्टेशन राज्य विद्युत बोर्डों से उच्च वोल्टेज बिजली प्राप्त कर उसे 25,000 वोल्ट (25 केवी) तक कम करते हैं, ताकि ट्रेनों को निर्बाध रूप से ऊर्जा मिलती रहे। किसी भी ट्रैक्शन सब स्टेशन इंटरप्रेटर के खराब होने की स्थिति में ट्रेन संचालन प्रभावित हो सकता है । इस समस्या से निपटने के लिए, रेलवे ने उच्च वोल्टेज परीक्षण तकनीक का उपयोग करके दोषपूर्ण उपकरणों की पहचान की और उन्हें समय पर बदला ।
इस पहल से न केवल रेलवे परिचालन की संरक्षा सुनिश्चित हुई है, बल्कि यात्रियों और माल परिवहन सेवाओं की निर्बाधता भी बनी रहेगी ।
भारतीय रेलवे हमेशा अपने बुनियादी ढांचे को आधुनिक बनाने और सुरक्षा मानकों को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है।
दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे यात्रियों की सुविधा और संरक्षा के लिए सतत प्रयासरत रहेगा ।