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कृषि भूमि की अवैध प्लाटिंग पर सख्त रुख, नए नियमों का होंगे लागू

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  • 5 डिसमिल से ऊपर कृषि भूमि की अवैध रजिस्ट्री पर लगेगी रोक
  • अवैध प्लाटिंग करने वालों के खिलाफ शीघ्र होगी कार्रवाई
  • बूढ़ा तालाब के सौंदर्यीकरण कार्यों की परखी जाएगी गुणवत्ता
  • भाजपा विधायक राजेश मूणत ने किया घोषणा के लिए आभार

रायपुर(विश्व परिवार)। छत्तीसगढ़ के हर नगरीय निकाय और ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि भूमि काटकर प्लॉट बेचने के मामलों को लेकर राज्य सरकार ने सख्त रुख अपनाया है। विधानसभा परिसर में मीडिया से बातचीत करते हुए भाजपा के वरिष्ठ विधायक और पूर्व मंत्री राजेश मूणत ने बताया कि वित्त मंत्री ओपी चौधरी और राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा ने विधानसभा में घोषणा की कि अब 5 डिसमिल से ऊपर कृषि भूमि की रेरा या टाउन प्लानिंग से अनुमति लिए बिना प्लॉट काटने और बेचने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। ऐसे मामलों में रजिस्ट्री को प्रतिबंधित करने के लिए एक माह के भीतर नए नियम लागू किए जाएंगे। इन नियमों को केबिनेट से मंजूरी लेने के बाद विधानसभा में लाया जाएगा।
कृषि भूमि की अवैध प्लाटिंग पर होगी सख्त कार्रवाई
राजेश मूणत ने कहा कि इस मामले में सरकार ने पांच साल पहले डॉ. रमन सिंह सरकार के समय बने नियमों को सख्ती से लागू करने का निर्णय लिया है, जिनमें अवैध प्लाटिंग करने वालों को जेल भेजने का भी प्रावधान है। विधानसभा में शून्यकाल के दौरान अवैध प्लाटिंग पर चर्चा में भाग लेते हुए मूणत ने कहा कि प्रदेश के हजारों लोग बिना वैध लेआउट या अनुमति के कृषि भूमि खरीद चुके हैं, जिससे उन्हें बिजली, पानी, या नक्शा पास जैसी सेवाएं नहीं मिल पा रही हैं। ऐसे मामलों में अवैध प्लाटिंग करने वाले लोग बड़ी रकम कमा लेते हैं, लेकिन खरीददार जीवनभर समस्याओं का सामना करते हैं।
उन्होंने कहा कि यदि सरकार इस संबंध में कानूनों को लागू करती है तो यह पूरे प्रदेश में अवैध प्लाटिंग को रोकने में मदद करेगा और लोगों को राहत मिलेगी। इस पर वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने जवाब दिया कि पहले लैंड रेवेन्यू कोर्ट में 5 डिसमिल से छोटी रजिस्ट्री के मामलों में नामांतरण का प्रावधान था, लेकिन पिछली सरकार ने इसे समाप्त कर दिया, जिससे अवैध प्लाटिंग का सिलसिला बढ़ गया। उन्होंने कहा कि अब नए नियमों के तहत रेरा की अनुमति या टाउन प्लानिंग की प्रक्रिया के बिना बनाई गई अवैध कॉलोनियों की रजिस्ट्री को प्रतिबंधित किया जाएगा।
बूढ़ा तालाब के सौंदर्यीकरण पर तीखे सवाल, होगी जांच
विधानसभा में भाजपा विधायक राजेश मूणत और अजय चंद्राकर ने राजधानी रायपुर के प्रसिद्ध बूढ़ा तालाब के सौंदर्यीकरण कार्यों पर सवाल उठाए। इस मुद्दे पर उपमुख्यमंत्री अरुण साव और वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने संवेदनशीलता के साथ सकारात्मक रुख अपनाया।
भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने प्रश्नकाल के दौरान मंत्री अरुण साव से पूछा कि बूढ़ा तालाब के सौंदर्यीकरण पर कितनी राशि खर्च की गई है और यह काम किन-किन मदों से हुआ है। इस पर अरुण साव ने जवाब दिया कि यह कार्य स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत किया गया है।
अजय चंद्राकर ने इस जवाब पर सवाल उठाते हुए कहा कि स्मार्ट सिटी, पर्यटन मंडल, और नगर निगम से अलग-अलग मदों से राशि खर्च की गई है, और उन्होंने इस मामले की जांच की मांग की। वहीं, राजेश मूणत ने कहा कि इस परियोजना में तीन एजेंसियों द्वारा कार्य किया गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि 6 करोड़ की लागत से लगाए गए फाउंटेन का उपयोग नहीं हो रहा, और वह बंद पड़ा है, जिससे सरकारी धन का दुरुपयोग हुआ है। मूणत ने कार्य की गुणवत्ता पर भी सवाल उठाए और पूरी परियोजना की जांच की मांग की। इसपर नगरीय प्रशासन मंत्री अरुण साव ने कहा कि इस मामले की जांच कराई जाएगी और कार्यों की गुणवत्ता की समीक्षा की जाएगी।
घोषणा पर मूणत ने जताया आभार, कहा भाजपा राज में किसी के साथ अन्याय नहीं होगा
राजेश मूणत ने कृषि भूमि की अवैध प्लाटिंग और बूढ़ा तालाब के सौंदर्यीकरण को लेकर सरकार से सख्त कदम उठाने की मांग की है। उन्होंने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, वित्त मंत्री ओपी चौधरी और राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा का आभार व्यक्त किया कि वे इस मुद्दे पर गंभीर हैं और जल्द ही कानूनों को लागू करने के लिए कदम उठा रहे हैं। मूणत ने पत्रकारों से चर्चा के दौरान कहा कि वह जनहित से जुड़े मुद्दे सदन में उठाते रहेंगे। छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी की सरकार है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अगुवाई में किसी के साथ अन्याय नहीं होगा।

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