रायपुर { विश्व परिवार } – विवेकानन्द केन्द्र कन्याकुमारी, रायपुर शाखा द्वारा दिनांक 17 मई से 21 मई 2025 तक पंचदिवसीय आवासीय शिविर का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया। इस शिविर में कुल 25 कॉलेज छात्रों और 5 अन्य कार्यकर्तागण ने उत्साहपूर्वक भाग लिया, जिन्होंने स्वामी विवेकानन्द के आदर्शों और राष्ट्र सेवा के प्रति समर्पण का संकल्प लिया।
शिविर का मुख्य उद्देश्य प्रतिभागियों को स्वामी विवेकानन्द के विचारों और शिक्षाओं से परिचित कराना था, ताकि वे अपने जीवन को राष्ट्र और विश्व के कल्याण के लिए समर्पित कर सकें। इन पाँच दिनों के दौरान, प्रतिभागियों ने विभिन्न महत्वपूर्ण विषयों पर गहन जानकारी प्राप्त की, जिनमें शामिल हैं:
* स्वामी विवेकानन्द के विचार: उनके जीवन दर्शन, राष्ट्रवाद और मानवतावाद पर विस्तृत चर्चा।
* योग और प्रार्थना: शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए योग आसनों और ध्यान का अभ्यास।
* व्यक्तित्व विकास कौशल: आत्म-सुधार और आत्मविश्वास बढ़ाने के तरीके।
* संचार कौशल: प्रभावी ढंग से संवाद करने की कला।
* प्रस्तुति कौशल: विचारों को स्पष्ट और प्रभावशाली तरीके से प्रस्तुत करने की क्षमता।
शिविर के दौरान, प्रतिभागियों को यह भी सिखाया गया कि कैसे वे अपने जीवन को राष्ट्र निर्माण और विश्व के कल्याण के लिए समर्पित कर सकते हैं। उन्हें सामाजिक जिम्मेदारियों और सेवा भाव के महत्व को समझाया गया।
समापन सत्र के मुख्य बिंदु
21 मई 2025 को सरस्वती शिशु मन्दिर, सेक्टर 4, देवेन्द्र नगर, रायपुर (गुजराती स्कूल के सामने) में आयोजित भव्य समापन समारोह में वक्ताओं ने अपने प्रेरणादायक विचार साझा किए:
रवि गहलोत ने प्रतिभागियों से अपील की कि वे आत्म-अनुशासन का पालन करें और स्वेच्छा से मोबाइल से दूरी बनाए रखें, जो एकाग्रता के लिए आवश्यक है। उन्होंने सेवा के प्रति पूर्ण समर्पण के महत्व पर जोर दिया और बताया कि पुस्तक पढ़ना भी एक प्रकार से लक्ष्य निर्धारित करना ही होता है, क्योंकि यह हमें ज्ञान और सही दिशा प्रदान करता है। विवेकानन्द आश्रम की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह स्वामी आत्मानन्द जी की विवेकानन्द जी के प्रति अगाध श्रद्धा का प्रतीक है। उन्होंने विवेकानंद जी के शक्तिशाली राष्ट्र निर्माण के लक्ष्य को दोहराया और सनातन संस्कृति को केवल एक धर्म नहीं, बल्कि जीवन जीने की एक पद्धति बताया। उन्होंने यह भी कहा कि हार-जीत जीवन का अभिन्न अंग है, परंतु हमारा केंद्र सदैव हमारे लक्ष्य पर होना चाहिए, और भगवान रामचंद्र जी ने कभी किसी को ऊँचा या नीचा नहीं माना, उन्होंने सदैव समानता का संदेश दिया।
कृतिका जैन ने ‘परिवार’ की व्यापक परिभाषा देते हुए कहा कि हमारा परिवार केवल हमारे घर तक सीमित नहीं, बल्कि इसमें हमारा पूरा मोहल्ला और पूरा देश शामिल है। उन्होंने स्वच्छता के प्रति सामुदायिक जिम्मेदारी पर बल दिया, यह बताते हुए कि यह किसी एक व्यक्ति की नहीं, बल्कि हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है।
चेतन तरवानी सत्र के अंत में, प्रतिभागियों को स्वयं से प्रतिदिन दो महत्वपूर्ण प्रश्न पूछने के लिए प्रेरित किया गया:
* आज मैंने ऐसा कौन सा कार्य किया, जिस पर मुझे गर्व हो?
* आज मैंने ऐसा कोई बुरा काम तो नहीं किया, जिससे मेरे समाज या मेरे देश को हानि पहुँचे?
विवेकानन्द केन्द्र कन्याकुमारी, रायपुर शाखा, समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने और युवाओं को राष्ट्र सेवा के लिए प्रेरित करने के लिए प्रतिबद्ध है। यह सफल आवासीय शिविर इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था, जिसने युवाओं में राष्ट्र निर्माण के प्रति नई ऊर्जा का संचार किया।