दिल्ली(विश्व परिवार)। देश, समाज, संस्कृति और युवा शक्ति को अपने मौलिक अवदानों से सम्प्रेरित करनेवाले, “जीवन है पानी की बूंदे” महाकाव्य के मूल रचियता, परम पूज्य भावलिंगी संत राष्ट्रयोगी श्रमणाचार्य श्री 108 विमर्श सागर जी महामुनिराज (ससंघ -37 पीछी) के सानिध्य में राजधानी दिल्ली के कृष्णानगर स्थित श्री 1008 महावीर जिनालय में हो रहा है “1008 श्रीमज्जि नेन्द्र पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महामहोत्सव ।
11 से 16 दिसम्बर 2024 तक हो रहा है पंचकल्याणक महोत्सव कणाचार्य
श्री 108 विरागसागर जी महामुनिराज के 42 वें मुनिदीक्षा दिवस 09 दिसम्बर 2024 को मात्र एक जिनबिम्ब के लघुपंचकल्याणक हेतु पात्रों का चयन किया जा रहा था। श्रदालु भक्तसमूह का उत्साह उमंग देखते हुए चंद पलों में ही लघु पंचकल्याणक ने ही बृहद् पंच कल्याणक का रूप ले लिया। आचार्य श्री के मंगल आशीर्वाद एवं मंदिर समिति के निर्णय अनुसार पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव 11 दिसम्बर से 16 दिसम्बर तक D.A.B. हेडगवार भवन में सम्पन्न हो रहा है।
14 दिसम्बर को दीक्षा कल्याणक के दिन मनाया जाएगा भावलिंगी संत का 27 वाँ सुनि दीक्षा दिवस एवं रजत विमर्श संयमोत्सव “का समापन जिनागम पंथ
प्रवर्तक भावलिंगी संत आचार्य श्री 108 विमर्श सागर जी मुनिराज के व्याधना काल में मुनि दीक्षा के 26 वर्ष पूर्ण हो रहे हैं साथ ही विगत दो वर्षों से चला आ रहा है “रजत विमर्शसंयमोत्सव वर्ष 2022-24” भी 14 दिसमार 2024 को 27 वें मुनिदीक्षा महोत्सव के साथ श्रीमज्जिनेन्द्र पंचकल्याणक महोत्सव के मध्य दीक्षा कल्याणक के दिन सम्पन्न होगा। जिसमें देशभर से अनेकानेक श्रद्धालु भक्त गण आयोजन में उपस्थित होकर स्व-जीवन में संयम की सुगंध भरेंगे !
आचार्य श्री ने कहा- ऐसा पंचकल्याणक आज तक नहीं देखा
पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव के सभी पात्रों को मंगल आशीर्वाद देते हुए आचार्य श्री विमर्शसागर जी महामुनिराज ने कहा- मैंने भी भनेक पंचकल्याणक देखे हैं, कराए हैं लेकिन ऐसा पंचकल्याणक नहीं देखा जो मात्र दो दिन में ही शुरू हो गया है। ये सब परमपूज्य आचार्य गुरुदेव विरागसागर जी महामुनिराज का आशीर्वाद है जो उनके 42 वे दीक्षा दिवस पर यह वृहद पंचकल्याणक होना तय हुआ है। इस पंचकल्पावक की एक और विशेषता यह है कि इसमें जितने भी पात्र बने हैं वे सब ही अपनी उम्र से युवा हैं, खासकर माता-पिता ओ अक्सर वृद्धावस्था में ही बनते हैं। मेरा सभी सु-पात्रों के लिए मंगल- मंगल आशीर्वाद है।