- 16 मई को नई दिल्ली देश भर के व्यापारी नेताओं की बैठक
रायपुर (विश्व परिवार)। देश के सबसे बड़े व्यापारिक संगठन कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय वाइस चेयरमेन अमर पारवानी, प्रदेश अध्यक्ष परमानन्द जैन, महामंत्री सुरिन्द्रर सिंह, कोषाध्यक्ष अजय अग्रवाल ने बताया कि आज कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) एवं स्वदेशी जागरण मंच के पदाधिकारियों की बैठक कैट के प्रदेश कार्यालय में हुई। बैठक की अध्यक्षयता कैट के राष्ट्रीय वाइस चेयरमेन अमर पारवानी ने की।
कैट के राष्ट्रीय वाइस चेयरमेन अमर पारवानी ने ऑनलाइन कंपनियों जैसे ई- कॉमर्स, क्विक कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स अमेजन, फ्लिपकार्ट, ब्लिंकिट, इंस्टामार्ट, ज़ेप्टो, स्विगी आदि पर प्रत्येक् विदेशी निवेश (एफडीआई) के ज़रिए प्राप्त धन का दुरुपयोग लगाने का आरोप लगते हुए कहा है की इससे ये कम्पनियाँ सामान आपूर्तिकर्ताओं पर अपना नियंत्रण रखते हुए इन्वेंटरी पर प्रभुत्व और सामान के मूल्यों के निर्धारण में मनमानी कर रही हैं। उनका एकमात्र उद्देश्य गली – मोहल्लों की छोटी किराना एवं अन्य सामान की दुकानों को खत्म कर उनके बाज़ार पर कब्जा करना है। ई-कॉमर्स की विदेशी कंपनियों की तरह ये कंपनियां क्विक कॉमर्स के ज़रिए भारतीय खुदरा बाज़ार को तबाह करने पर तुली हुई हैं। पारवानी ने कहा कि ऐसी व्यापारिक रणनीतियों के ज़रिए ये कंपनियाँ प्रतिस्पर्धा को धता बताते हुए एक असमान बाजार बनाती हैं, जहां देश भर में लगभग 3 करोड़ से अधिक किराना दुकानों का टिक पाना लगभग असंभव हो गया है।
अमर पारवानी ने बताया कि कैट उपरोक्त ऑनलाइन कंपनियों के विरोध में राष्ट्रीय स्तर पर आगामी 16 मई को नई दिल्ली में देश भर के व्यापारी नेताओं के साथ बैठक करके ऑनलाइन कंपनियों से अपने व्यापारियों को बचाने हेतु व्यापक अभियान शुरू करने जा रहा है। जिसके तहत छत्तीसगढ़ मे भी इस अभियान को कैट चलायेगा जिसमें स्वदेशी जागरण मंच पूर्ण सहयोग हमें प्राप्त होगा।
स्वदेशी जागरण मंच के प्रांत संयोजक श्री जगदीश पटेल एवं विभाग पूर्णकालिक श्री शंकर त्रिपाठी ने ई-कॉमर्स, क्विक कॉमर्स कंपनियों की कड़ी आलोचना करते हुए कहा की ये कंपनियाँ छोटे खुदरा विक्रेताओं को बाजार से बाहर धकेलने का काम कर रही हैं। सीधे तौर पर ये कंपनियाँ न केवल एफडीआई पालिसी का उल्लंघन कर रही हैं बल्कि कम्पलीशन एक्ट का भी मजाक उड़ा रही हैं। भारत के नियम एवं कानूनों की इन कंपनियों को कोई परवाह नहीं है। इसलिए हम कैट के इस राष्ट्रीय अभियान को हम छत्तीसगढ़ में भी पूर्ण सहयोग करेगे।