रायपुर (विश्व परिवार) दोनों हाथों को सीने पर क्रॉस करके बात करना आपके संकोच को दर्शाता है तथा बातचीत के दौरान लगातार आंखों से संपर्क करना, यह आत्मविश्वास और बातचीत में रुचि को दर्शाता है , मुस्कुराना सकारात्मक और स्वागत योग्य वातावरण उत्पन्न कर सकता है , कोई व्यक्ति आपसे बात कर रहा हो, तो थोड़ा झुकना यह दर्शाता है कि आप बातचीत में शामिल हैं और अधिक सुनने के लिए उत्सुक हैं , मजबूत लेकिन अत्यधिक दबाव न डालकर हाथ मिलाना यह सम्मान और दूसरे व्यक्ति से जुड़ने की इच्छा को दर्शाता है , बातचीत के दौरान खुले हाथ दिखाना यह संकेत करता है कि आप ईमानदार और पारदर्शी हैं।
ये सभी बातें तारवानी एंड एसोसिएट्स द्वारा आयोजित आर्टिकल स्टडी मीट में ट्रेनर प्रियंम नाथानी ने बताई I इस सत्र का मुख्य विषय “शारीरिक भाषा और संचार कौशल” था, जिसे विशेषज्ञ वक्ता प्रियंम नथानी ने प्रस्तुत किया। इस कार्यक्रम ने उभरते और अनुभवी पेशेवरों को अपने संचार और अंतरसंबंध कौशल को सुधारने का एक मंच प्रदान किया, जो पेशेवर दुनिया में सफलता के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। इस सत्र में शारीरिक भाषा, शरीर की मुद्रा, चेहरे के भाव और पेशेवर इंटरएक्शन पर इन तत्वों के प्रभाव को महत्वपूर्ण रूप से उजागर किया गया। वक्ता प्रियंम नथानी ने बताया कि इन कौशलों में महारत हासिल करने से पेशेवरों को अपने क्लाइंट्स, सहकर्मियों और व्यक्तिगत विकास में मजबूत रिश्ते बनाने में मदद मिल सकती है। उन्होंने यह भी बताया कि शारीरिक भाषा आपके हाथ में है, और उदाहरण के रूप में उन्होंने सभी को ड्रेसिंग, मुस्कान, बातचीत, चलने और अधिकारियों के सामने प्रदर्शन के बारे में मार्गदर्शन दिया।
सत्र में चार्टर्ड अकाउंटेंट और आर्टिकल्स ने भाग लिया, जिनमें सीए चेतन तारवानी, सीए दिनेश तारवानी, सीए भावना अजवानी, सीए सिद्धांत माखीजा , अर्पना नायक, रुपाली सोनी, जयंत सोनी, मुस्कान शर्मा, नेहा जोतवानी, नाज़िया, दिव्यांशु धनवानी, उपासना देवनानी, तुषार सिंह राजपूत, कशिश ऐलसिंघानी, कोमल राठी, साधना साहू, मनीष असलानी, वंशिका अग्रवाल और हनी माधवानी , नंदनी पठारी ,ऋतिका सेन शामिल थे।
कार्यक्रम की संयोजक नेहा जोतवानी ने सभी उपस्थितजनों का आभार व्यक्त किया और सम्मानित वक्ताओं के योगदान की सराहना की। यह बैठक एक समृद्ध अनुभव साबित हुई, जिसमें ज्ञान का आदान-प्रदान और नेटवर्किंग का अवसर मिला। उपस्थित लोग शारीरिक भाषा और संचार कौशल को सुधारने के लिए व्यावहारिक जानकारी के साथ कार्यक्रम से बाहर निकले, जिससे वे किसी भी पेशेवर माहौल में एक मजबूत छाप छोड़ने के लिए तैयार हैं।