रायपुर(विश्व परिवार)। छत्तीसगढ़ चेम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के प्रदेश अध्यक्ष अमर पारवानी, महामंत्री अजय भसीन, कोषाध्यक्ष उत्तमचंद गोलछा, कार्यकारी अध्यक्ष राजेंद्र जग्गी, विक्रम सिंहदेव,राम मंधान, मनमोहन अग्रवाल ने बताया कि 21 दिसम्बर 2024 को होने वाली 55वें जीएसटी काउंसिलिंग की बैठक में सुझाव देने हेतु चेंबर भवन में विभिन्न व्यापारिक- औद्योगिक संगठनों एवं पदाधिकारियों की बैठक संपन्न हुई थी । इसी तारतम्य में आज चेम्बर द्वारा जीएसटी सरलीकरण हेतु सुझाव के संबंध में माननीया केन्द्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमन को जीएसटी सरलीकरण के संबंध में सुझाव भेजा गया।
चेंबर प्रदेश अध्यक्ष पारवानी जी ने बताया कि 21 दिसम्बर 2024 को होने वाली 55वें जीएसटी काउन्सिल की बैठक में जीएसटी सरलीकरण हेतु सुझाव देने तथा प्रदेश के व्यापारियों में जीएसटी को लेकर आ रही परेशानियों के संबंध में चेंबर भवन में विभिन्न व्यापारिक-औद्योगिक संगठनों एवं पदाधिकारियों की बैठक रखी गई थी जिसमंे जीएसटी सरलीकरण को लेकर विभिन्न सुझाव प्राप्त हुए जिसे प्रमुख रूप से चेंबर ने सुझावों को सूचीबद्ध किया।
प्रमुख सुझाव निम्नानुसार हैः-
इनपुट टैक्स क्रेडिट जीएसटीआर 2बी के आधार मान्य होने सम्बन्धी प्रावधान को वापस लिए जाएं.
यदि क्रेता द्वारा क्रय सम्बन्धी सभी दस्तावेज एवं भुगतान सम्बन्धी समस्त प्रमाण दिए जाए तो विभाग द्वारा
विक्रेता पर ही कार्यवाही की जानी चाहिए.
न्यूनतम दंड पर पुनर्विचार।
धारा 126 का विस्तार कर धारा 73 को शामिल करना: छोटे व्यवसायों को अनजाने में हुई गलतियों से
बचाना।
धारा 149 का क्रियान्वयनः भरोसेमंद करदाताओं की पहचान करने के लिए जीएसटी अनुपालन रेटिंग
का उपयोग करना।
पंजीकृत करदाताओं (आरटीपी) का क्रॉस-ज्यूरिस्डिक्शन और पुनर्मूल्यांकन/ बहु-मूल्यांकनः
पंजीकृत करदाताओं (आरटीपी) के कई आकलनः करदाताओं के लिए, जीएसटी आकलन को समझना जटिल हो सकता है। उन्हें विभिन्न प्राधिकरणों द्वारा शुरू किया जा सकता है।
धारा 74 का खुला दुरुपयोग।
राजस्व तटस्थ मामलों की पहचानः रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म (आरसीएम)
नियम 42/43 के उल्लंघन के लिए मार्जिनलाइजिंग नोटिस जारी किया गया।
ऐसा इनपुट टैक्स क्रेडिट, जो कि जीएसटीआर 2ए में नहीं दिख रहा है, उसके लिए एक प्रथम तीन वर्षों के
लिए, व्यापारियों के लिए एक हितकारी योजना लाई थी। अतः आपसे अनुरोध है, कि समान योजना वित्तीय वर्ष 20-21 एवं वित्तीय वर्ष 21-22 (31.12.2021) तक के लिए भी लाए जानी चाहिए।
विभिन्न संस्थानों एवं व्यापारियों से प्राप्त जानकारी से यह ज्ञात हुआ है, कि अगर गुड्स रजिस्टर्ड स्थान के अलावा किसी अन्य राज्य में ऑफिसर के द्वारा पकड़ा जाता है, तो उस गुड्स को छुड़ाने के लिए, उस राज्य में अपील फाइल करनी पड़ती है, जहाँ पर गुड्स को पकड़ा गया है, जोकि व्यावहारिक नहीं है।
प्ळैज् आउटपुट के भुगतान के लिये ब्ळैज् और या ैळैज् इनपुट का उपयोग करने के लिये समान विकल्प दिया जाना चाहिये ।
आंशिक रूप से/बिना नकद भुगतान के फॉर्म जीएसटीआर 3बी जमा करने का विकल्प दिया जाना चाहिए।
नियम 86 बी के प्रावधानों को निरस्त किये जाएं.
पूर्व माह का जीएसटीआर -3बी न जमा होने पर जीएसटीआर -1 जमा करने पर प्रतिबन्ध हटाया जाना
चाहिए.
अ. ई-इनवॉइसिंग के 1 अगस्त 2023 से रु.5 करोड़ तक के टर्नओवर वाले व्यापारियों पर
लागू किए गए प्रावधान वापस लिए जाने चाहिए.
ब. ई-इनवॉइसिंग की स्थिति में खरीददार को इनपुट अनिवार्य रूप से मिलना चाहिए.
माल के परिवहन एवं ई-वे बिल सम्बंधित समस्याएं.
छुटे हुए इनपुट टैक्स क्रेडिट लेने एवं वार्षिक विवरण पत्र में संशोधन किए जाने हेतु अवसर
प्रदान करने बाबत.
जीएसटी वार्षिक विवरण के सम्बंध में सुझाव.
रिटर्न सम्बंधित अन्य समस्याएं.
जीएसटी के प्रावधानों में सुधार हेतु अन्य सुझाव.
व्यवसाय को राहत देने एवं इज आफ डुईंग हेतु सुझाव.
जीएसटी की दर में कमी करने हेतु सुझाव.
एक व्यवसाय एक कर.
चेम्बर प्रदेश अध्यक्ष श्री पारवानी ने माननीया केन्द्रीय वित्तमंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमन जी से व्यापार एवं उद्योग के हित में तथा जीएसटी सरलीकरण की दिशा में उपरोक्त सुझावों को ध्यान में रखते हुए 55वें जीएसटी कांउसिल की बैठक में शामिल करने हेतु निवेदन किया है।