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सम्पूर्ण भारत वर्ष समा रहा है राजधानी दिल्ली में, भगवती जिनदीक्षा महामहोत्सव में बढ़ रहे है गुरु भक्तों के कदम

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दिल्ली(विश्व परिवार)। जीवन है पानी की बूंदे महाकाव्य बिल्की मूल रचना है। “देश और धर्म के लिए जिओ जिनकी इस सौतिक रचना को मध्यप्रदेश शिक्षा बोर्ड में शामिल किया गया है। जिनके मौलिक महनीय अवदानों से सम्पूर्ण धरा गौरवान्वित हो रही है, ऐसे अलौकिक अभूतपूर्व व्यक्तित्व-कृनित्य को धारण करने वाले राष्ट्र‌पोगी सारंग सर्व शुरुदेव श्री 108 विमर्श सागर जी महामुनिराज का 50 वीं जन्म अपनी महोत्सव वर्ष 2022-2024 का समापन विधि विमर्श उत्सव “के रूप में 13 नवम्बर बुधवार को राजधानी दिल्ली के ‘जिनतीर्य मण्डपम् ” CBD ग्राउण्ड में स्वमान्न किया गया 10 भगवती जिनरीता महामहोत्सन के सुवृहद अनुष्यान में आचार्य शुरु के स्वर्णिम विगर्स उत्सभ” के समापन के साथ वर्ष 20211 में ज्ञाजधानी में चातुर्मासरत विशाल चतुर्विध संघ का भव्य विच्छिका परिवर्तन भी सम्पन्न हुआ। मधातून अनुष्कान के प्रारंभ में सभाका चित्र अनावरण साई दीप प्रज्वलन पूर्व शिक्षा मंत्री श्री अरविन्द सिंह लवली जी”, पूर्व निगम पार्षद सुरेन्द्र शर्मा एवं जिलाध्यक्ष अमित सूद, शैलेष जैन, बोबी हाजरी द्वारा किया गया एवि जैन’ शुरुजी के साथ अनेक ज्योतिषी विद्वानों ने आचार्य भगवन के -चरणों में समर्पित किया अभिवन्दना पत्र भारत वर्ष के कोने-कोने से आड हुए सूर्धन्य विद्वान श्री शीतल प्रसाद जी, डॉ. श्रेयांस जैन बडाँत, प्रो. श्रीगांश जैन जयपुर, प्रो. मालिन के शास्त्री विनोद जैन रजवास एवं ज्योतिषाचार्य रवि जैन गुरुजी द्वारा आचार्य श्री विमर्शसागर जी महामुनिराज के महनीय व्यक्तिला एवं कृतित्व पर आप विना समाति की गई। विद्वानों ने कहा “आचार्य श्री अपनी निर्माण साधना के द्वारा स्वोपकार के साथ अपने कृमित्व एवं चेतन अचेतन कतियों द्वारा सम्पूर्ण जिनुशासन एवं समूची धरा को ज्ञान चारित्र से आलोकित कर रहे हैं। आचार्य श्री में जैन एकता के लिए जिनागम पंध का दिया सूत्र प्रशन कर अद्भुत जिनशासन की प्रभावना की है।”
• आयात वाचस्पति अं. ब्रोपांस जैन बड़ौत से सम्मानित किया गया विमर्शरल विमर्श रेल अलंकरण से एवं पिया “भावलिंगी संत पुरुस्कार “। • आयोजन का मुख्य आकर्षण केन्द्र रहा “बाल ब्रह्मचारिणी विमरार्गानुरागिनी विशु दीदी का यह संघर्ष जब उनके जीवन में कर्मों की काली घटायें छा रहीं थीं और गुरु विमर्श के शुभाशीष एवं अपनी अपरिमित गुरु भक्ति से सभी संघर्षों की गर करते हुए आज संयम शिखर पर कदम बढ़ा रहीं हैं। लघु नारिका द्वारा प्रस्तुत किया गया इस पंचम काल का महान अतिशय। • भजन सम्राट श्री संदेश जैन आचार्य शुरुवर विसारिखागर जी महामुनिराज के आशीष से आज एवर दुनिया के सलाम बन रहे है, परम भाई रूपेश जैन को आश्चर्य सुरुवर विधिभार जी मुनिराम के वादकूल में ही “विमाहिला अलंकरण से उनका गौरव बढ़ाया गया ।
वर्णिम विमर्श उत्सव” महोत्सव के अवसर पर भावलिंगी संत झाचार्य गुरुदेव श्री विमर्श सागर जी महामु‌निराज की महापूला देश भर में पधारे एवं स्थानीय राजधानी दिल्ली के परम गुरु भक्तों द्वारा सम्पादित की गयी।
• इसी पवित्र अवसर पर प्रखर वक्ता बाढ ब्र. आशीष जैन पुष्पांश जी को भी परम गुरू शकत का दर्जा प्रदान करते हुए “विमर्श रल” अलंकरण से सम्मान कर उनका गौरव बढ़ाया गया । स्वर्णिम विमर्श उत्सव एवं भगवती जिनदीक्षा महोत्सव
की सुवृहद्ध श्रृंखला में चतुर्विध संघ का भव्य पिच्छिका परिवर्तन समारोह भी सम्पन्न किया गया। जिसमें मरमपूज्य आचार्यश्री विमर्शसागर जी महामुनिराज की एवं चतुर्विध संघ की नवीन पिच्छि‌का भेंट करने का सौभाग्य परम गुरु भक्तों को प्राप्त हुआ वहीं गुरुदेव की एवं समस्त संघ की पुरानी पिच्छिका प्राप्त करने का साँधाम्य भी धर्ममार्ग पर अपने मागामी कदम बढ़ाने बालों को प्राप्त हुआ।
संध्या बेला में सुप्रसिद्ध भजन गायक विक्की डी पारिस मुम्बई द्वारा दीक्षार्थियों के समक्ष “वैरागी विदाई समारोह भी आयोजित किया गया।
14 नवम्बर को दोपहर 12 बजे से आदर्शमहाकवि आचार्यश्री विमर्शसागर जी महामुनिराज के चरणों में बैनकर डॉ. कुमार विश्वास करेंगे काव्य पार । शाम 05 बजे से निकलेगी अभूतपूर्व महा विनौली यात्रा” रात 10 बजे होगा अद्‌भुत “ड्रोन शी।” 15 नवम्बर सम्पूर्ण भारत लोकों की आरखे होगी भगवती जिनदीक्षा महोत्सव के साथ समूचा विश्व जहाँ आयोजित होगा ।

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