पुरी(विश्व परिवार) | ओडिशा के पुरी स्थित भगवान जगन्नाथ मंदिर के रत्न भंडार को खोलने की तैयारी पूरी हो गई है। हाई कोर्ट जज के नेतृत्व में बनी समिति ने मंदिर के खजाने को खोलने की प्रक्रिया तेज कर दी है। करीब चार दशक बाद रत्न भंडार का दरवाजा खोला जाएगा। आखिरी बार इसका दरवाजा 1985 में खुला था लेकिन तब सिर्फ मरम्मत की गई थी। रत्न भंडार में मौजूद खजाने का लेखा-जोखा आखिरी बार 1978 में लिया गया था। जस्टिस बिस्वनाथ रथ ने आज मीडिया को सूचना दी है 14 तारीख को जैसे ही रत्न भंडार खुलेगा तब खजाने की गिनती होगी।
12वीं सदी के मंदिर में बना था रत्न भंडार
चार धामों में से एक जगन्नाथ मंदिर का निर्माण 12वीं शताब्दी में हुआ था। कलिंग वास्तुकला के आधार पर बने इस मंदिर में एक रत्न भंडार भी बनाया गया था। बताते हैं कि इसी रत्न भंडार में जगन्नाथ मंदिर के तीनों देवताओं जगन्नाथ, बालभद्र और सुभद्रा के गहने रखे गए हैं। कई राजाओं और भक्तों ने भगवान को जेवरात चढ़ाए थे जिनके यही पर होने की संभावना है। दान में मिले जेवरों को रत्न भंडार में रखा जाता था। इस रत्न भंडार में मौजूद हीरे-जवाहरातों की कीमत अरबों में बताई जाती है।
पीएम मोदी ने उठाया था मुद्दा
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ओडिशा में लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान पुरी में जगन्नाथ मंदिर में दर्शन करने के बाद रत्न भंडार का जिक्र किया था। उन्होंने कहा कि जगन्नाथ मंदिर सुरक्षित नहीं है। मंदिर के रत्न भंडार की चाबी पिछले 6 साल से गायब है। उन्होंने चाबी को तमिलनाडु भेजे जाने का भी जिक्र किया था। उनका इशारा आईएएस की नौकरी छोड़कर राजनीति में आए वीके पांडियन की तरफ था। रत्न भंडार का मुद्दा पीएम मोदी ने ट्विटर पर भी उठाया था। उन्होंने एक ट्वीट में ओडिशा की बीजू जनता दल पर निशाना साधते हुए कहा कि कि बीजू जनता दल की सरकार में पुरी का जगन्नाथ मंदिर सुरक्षित नहीं है। रत्न भंडार की चाबी पिछले 6 साल से गायब है।