- संसद में पेश करने की तैयारी
नई दिल्ली (विश्व परिवार)। केंद्र सरकार ने वक्फ संशोधन विधेयक 2024 पर चर्चा करने के लिए बुधवार को सभी सांसदों की बैठक बुलाई है. संसद के समन्वय कक्ष संख्या 5 में होने वाली बैठक में सांसदों को वक्फ कानून में प्रस्तावित संशोधनों के बारे में जानकारी दी जाएगी।
वक्फ संशोधन विधेयक का विरोध बढ़ता जा रहा है. सरकार विधेयक को संसद में पेश करने से पहले इसमें शामिल किए गए प्रावधानों को स्पष्ट करना चाहती है।
वक्फ संशोधन विधेयक का पूरे देश में विरोध हो रहा है. जमीयत उलमा-ए-हिंद सहित विभिन्न मुस्लिम संगठनों ने विधेयक पर आपत्ति दर्ज कराई है और केंद्र सरकार पर मुस्लिम समुदाय के हितों के खिलाफ काम करने का आरोप लगाया है. उनका तर्क है कि वक्फ कानून में नए संशोधनों से वक्फ संपत्तियों का कुप्रबंधन हो सकता है और प्रबंधन में मुस्लिम समुदाय की स्वायत्तता कमजोर हो सकती है।
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) ने विधेयक के खिलाफ देश के विभिन्न हिस्सों में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन की घोषणा की है. पर्सनल लॉ बोर्ड आज 26 मार्च को पटना के गर्दनीबाग में विरोध प्रदर्शन आयोजित करेगा. उसके बाद 29 मार्च को विजयवाड़ा में एक और विरोध प्रदर्शन होगा।
एआईएमपीएलबी के प्रवक्ता कासिम रसूल इलियास ने विधेयक की निंदा करते हुए कहा कि इसे सांप्रदायिक आधार पर पेश किया गया है. यह मुसलमानों के अधिकारों का उल्लंघन करता है. उन्होंने दावा किया कि विधेयक की समीक्षा करने वाली संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) ने विपक्षी दलों और मुस्लिम संगठनों के सुझावों और सवालों की अनदेखी करते हुए एकतरफा कार्रवाई की और विपक्ष के सभी प्रस्तावों को खारिज करते हुए वक्फ संशोधन विधेयक पर अपनी रिपोर्ट पेश की।
वक्फ संशोधन विधेयक के विरोध पर वक्फ बिल पर जेपीसी के चेयरमैन भाजपा सांसद जगदंबिका पाल ने कहा है कि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड देश के अल्पसंख्यकों में भ्रम पैदा करना चाहता है. पाल ने कहा कि सरकार विधेयक में संशोधन करना चाहती है ताकि इसे बेहतर बनाया जा सके और अल्पसंख्यकों के गरीब तबके को इसका फायदा मिल सके।