रायपुर(विश्व परिवार)। छत्तीसगढ़ विधानसभा नेता प्रतिपक्ष चरण दास महंत ने राज्य की बीजेपी सरकार पर भ्रष्टाचार, अपराध और धान खरीदी में किसानों को हो रही परेशानियों को लेकर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। साथ ही, उन्होंने यह दावा किया कि राज्य सरकार ने उनके द्वारा स्वीकृत सभी कार्यों को रद्द कर दिया है। इसके अलावा, उन्होंने साय सरकार के एक साल पूरा होने पर आयोजित जश्न और दुबई में कथावाचक प्रदीप मिश्रा की कथा में महादेव सट्टा एप के सरगना सौरभ चंद्राकर के देखें जाने को लेकर भी सवाल खड़े किये हैं।
नेता प्रतिपक्ष चरण दास महंत ने प्रदेश की जीडीपी को 2028 तक 10 लाख करोड़ तक पहुंचाने के सरकार के लक्ष्य को “सपना” करार दिया और इसे वास्तविकता से परे बताया। उन्होंने कहा, “यह सपना कैसे देखा जा सकता है? इसे पूरा करने के लिए सरकार के पास कोई ठोस योजना नहीं है। किसके निर्देश पर सरकार काम कर रही है, यह भी समझ से बाहर है।”
उन्होंने कहा कि “सरकार ने मेरे द्वारा स्वीकृत नगर पालिका, सड़क, मंडी के कार्यों को वापस ले लिया। सरकार ने मेरा ध्यान नहीं रखा। प्रदेशभर में भ्रष्टाचार फैला हुआ है। स्कूली छात्राओं के साथ दुष्कर्म की घटनाएं हो रही हैं, और हर विभाग में गड़बड़ी व्याप्त है। ट्रांसफर ऑर्डर हाई कोर्ट से रद्द होने तक भ्रष्टाचार का सिलसिला जारी है।”
जशपुर जिले में बीते दिनों सामने आई एक नाबालिग लड़की के अपहरण और हत्या की वारदात पर प्रतिक्रिया देते हुए नेता प्रतिपक्ष ने कहा, “मुख्यमंत्री जी को यह बुरा लगेगा, लेकिन उनके ही जिले में एक लड़की को खेत में दबाकर उस पर धान बो दिया गया। रायगढ़ में अपराध की दर बढ़ी है, खासकर आदिवासियों और महिलाओं पर। सरकार इसे कैसे उपलब्धि मान सकती है?”
राइस मिलर्स की हड़ताल और धान खरीदी के मुद्दे पर महंत ने कहा कि सरकार के साथ राइस मिलर्स का कोई ठोस समझौता नहीं हो पाया है। महंत ने आरोप लगाया कि धान का उठाव केवल कुछ जगहों पर हो रहा है, और किसान अभी भी टोकन पर आश्रित हैं। उन्होंने यह भी कहा कि अमानक बोरे में धान भरने से किसानों को हर क्विंटल पर 23 रुपये का नुकसान हो रहा है। महंत ने राज्यपाल को पत्र लिखकर अमानक बोरे का मुद्दा उठाया और सरकार से ध्यान देने की अपील की।
इसके अलावा, दुबई में कथावाचक प्रदीप मिश्रा की कथा में महादेव सट्टा एप के सरगना सौरभ चंद्राकर की तस्वीर पर नेता प्रतिपक्ष महंत ने कहा कि प्रदीप मिश्रा जी उन्हें माला पहना रहे थे, हमने देखा। वह हमारे यहां के बड़े कथाकार हैं, किनके भरोसे ये सब चल रहा है, यह इससे पता चल रहा है।