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धेर्य के साथ आगे बढ़ना ही सबसे बड़ी तपस्या है – अर्हम योग प्रणेता मुनि प्रणम्य सागर महाराज

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  • मीरा मार्ग के श्री आदिनाथ भवन में धर्म सभा में उमड़े श्रद्धालु

जयपुर(विश्व परिवार) | साधुओं के साथ श्रावकों के लिए वर्षा योग बडा महत्वपूर्ण होता है। चातुर्मास की सबसे बडी उपलब्धि ज्ञान का प्रकाश हमारी आत्मा पर पडता रहे।
अहिंसा धर्म की स्थापना करने के लिए साधु को चार माह एक स्थान पर रुकना पडता है। ये विचार अर्हम योग प्रणेता मुनि प्रणम्य सागर महाराज ने मीरा मार्ग के श्री आदिनाथ दिगम्बर जैन भवन पर मंगलवार 23 जुलाई को आयोजित चातुर्मासिक धर्म सभा में व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि जीवन में वीजन होना चाहिए। बिना वीजन के जीवन जीने का कोई मतलब नहीं है।मानव में छिपी हुई शक्ति होती है। उसका सदुपयोग करना चाहिए।
तीर्थंकरों ने हमें राह दिखाई है लेकिन उस राह का पालन करना हमारा कर्तव्य है। जल्दबाजी में कुछ नहीं मिलता है। धेर्य के साथ ही आप सब कुछ पा सकते हैं
धेर्य की कमी होने पर कुछ भी अच्छा नही लगता है।
धेर्य के साथ आगे बढ़ना ही सबसे बड़ी तपस्या है धेर्य के साथ स्पीड मेंटेन करना ही जीवन मे सुख शांति समृद्धि का प्रतीक है।भगवान महावीर स्वामी ने निरंतर चलते रहने को ही तप कहा है
जो करना वह निरंतर तथा प्रतिदिन करना है। धेर्य के साथ चार महीने निरंतर रहकर अपने जीवन का कल्याण करना है। नगर की सीमा बनानी है तथा रात्रि में भोजन नहीं करना है ।
पुराना आचार मुरब्बा नही खाना चाहिए।
प्रतिदिन प्रवचन सुनने धर्म सभा में आना ही है।
मुनि श्री ने बताया कि जैन तीर्थंकरों की कथा वाचन शीघ्र शुरु किया जाएगा जिसमें सर्व प्रथम जैन धर्म के 23 वें तीर्थंकर भगवान पार्श्वनाथ की कथा सुनाना चालू किया जाएगा।
इससे पूर्व मनीष – रचना चौधरी एवं संगीतकार नरेन्द्र जैन के निर्देशन में आचार्य विद्यासागर महामुनिराज की संगीतमय पूजा की गई। आचार्य समय सागर महाराज एवं
मुनि प्रणम्य सागर महाराज का अर्घ्य चढाया गया।
इस मौके पर समाजश्रेष्ठी उत्तम चन्द पाटनी,श्रमण संस्कृति संस्थान सांगानेर के कार्याध्यक्ष प्रमोद पहाड़िया, राजस्थान जैन युवा महासभा जयपुर के प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप जैन, प्रदेश महामंत्री विनोद जैन कोटखावदा, नरेन्द्र जैन दर्शन बाकलीवाल, शीतल कटारिया एवं अजीत तोतूका ने आचार्य विद्यासागर एवं आचार्य समय सागर महाराज के चित्र का अनावरण एवं भगवान आदिनाथ के चित्र के समक्ष दीप प्रज्जवलन किया। तत्पश्चात सभी ने मुनि श्री के पाद पक्षालन कर पुण्यार्जन किया।
शास्र भेट संदीप कुमार चंडीगढ वाले ने किया। संचालन विमल जैन ने किया।
इस मौके पर अध्यक्ष सुशील पहाड़िया,मंत्री राजेन्द्र सेठी, वरिष्ठ उपाध्यक्ष सुनील बैनाडा,कोषाध्यक्ष लोकेन्द्र पाटनी राजभवन वाले, उपाध्यक्ष तेज करण चौधरी, संयुक्त मंत्री मनोज जैन, संगठन मंत्री अशोक सेठी, सांस्कृतिक मंत्री जम्बू सोगानी सहित कमेटी सदस्य एवं महिला मण्डल की पदाधिकारियों ने सहभागिता निभाई। जिनवाणी स्तुति के साथ धर्म सभा का समापन हुआ।
राजस्थान जैन युवा महासभा जयपुर के प्रदेश महामंत्री विनोद जैन कोटखावदा ने बताया कि मीरा मार्ग के श्री आदिनाथ भवन पर मुनि प्रणम्य सागर महाराज ससंघ के सानिध्य में बुधवार 24 जुलाई से प्रतिदिन प्रातः 8.15 बजे धर्म सभा का आयोजन किया जाएगा।जिसमें आचार्य विद्यासागर महामुनिराज की पूजा एवं मुनि श्री प्रणम्य सागर महाराज के मंगल प्रवचन होगें। आहारचर्या प्रातः 9:40 बजे होगी। स्वाध्याय दोपहर 3:00 बजे, गुरुभक्ति एवं आरती सांय 6:30 बजे एवं वैयावृत्ति रात्रि 8:30 बजे होगी।
अध्यक्ष सुशील पहाड़िया एवं मंत्री राजेन्द्र सेठी ने बताया कि मुनि श्री ससंघ का 27 वां पावन वर्षायोग मंगल कलश स्थापना समारोह रविवार 28 जुलाई को दोपहर 1.00 बजे से मीरा मार्ग के श्री आदिनाथ भवन पर होगा।

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