पारसोला(विश्व परिवार)। पंचम पट्टाघीश वात्सल्य वारिघि आचार्य वर्धमान सागर जी महाराज अपने संघ सहित पारसोला सन्मति भवन में विराजित है। प्रथमाचार्य चारित्रचक्रवर्ती आचार्य शांति सागर जी महाराज का 69वां अंतर विलय समाधि वर्ष आचार्य संघ सानिध्य में श्रद्धा पूर्वक मनाया गया इस अवसर पर आचार्य श्री की पूजन की गई।
प्रथमाचार्य चारित्र चक्रवर्ती शान्तिसागर के अन्तरविलय 69 वे समाधि दिवस भाद्रपद शुक्ला दूज सन 1955 के अवसर पर पारसोला में चातुर्मास कर रहे आचार्य वर्धमान सागर जी के सानिध्य में विशेष पूजन समाज द्वारा की गई इस अवसर पर आयोजित गुणानुवाद सभा में आचार्य वर्धमान सागर जी ने आचार्य श्री शांति सागर जी महाराज का गुणानुवाद कर बताया कि आचार्य शांति सागर जी का जन्म सन 1872 में हुआ आपने सन 1915 में क्षुल्लक दीक्षा सन 1920 में मुनि दीक्षा तथा सन 1924 में आपको आचार्य पद दिया गया। आपने जीवन में 9938 उपवास किए आपके ऊपर तपस्या के दौरान अनेक उपसर्ग हुए जिसमें सर्प द्वारा 5 से अधिक बार , सिंह के उपसर्ग, मकोड़े , आदि उपसर्गों को अपने समता भाव से सहन किया। आपने 88 से अधिक भव्य जीवो को दीक्षा दी। 18 सितंबर सन 1955 भाद्रपद शुक्ला दूज कुंथल गिरी में 36 दिन की सल्लेखना के बाद आपकी संलेखना हुई
धर्मनगरी पारसोला में सुबह से लेकर दिन भर धर्म की गंगा प्रवाहित होती रही ।प्रातः काल दीक्षार्थियों ने जिन मंदिरों में दर्शन कर श्री जी का पंचामृत अभिषेक,पूजन किया। इसके बाद दीक्षार्थियों ने सभी साधुओं को आहार देने के बाद कर पात्र में आहार लिया। आचार्य वर्धमान सागर जी कि हीरक 75 वे जन्म जयंती के अवसर पर अशोक भवन में स्वास्थ्य नेत्र परीक्षण शिविर का आयोजन किया गया।दोपहर को दीक्षार्थियों ने आचार्य वर्धमान सागर जी संघ सानिध्य में गणघर वलय विधान की पूजन कर 64 रिद्धि मन्त्रों के अर्घ समर्पित किए। जयंतीलाल कोठारी अध्यक्ष दशा हुमड समाज तथा ऋषभ पचौरी अध्यक्ष चातुर्मास समिति अनुसार इसके पश्चात प्रथमाचार्य शांति सागर जी महाराज का 69 वा अंतर विलय समाधि वर्ष भक्ति भाव पूर्वक पूजन कर मनाया गया। इसी अवसर पर वात्सल्य वारिघि आचार्य वर्धमान सागर जी की भी पूजन अष्ट द्रव्यों से की गई। पूजन की क्रिया स्थानीय पंडित कीर्ति एवं पंडित अशोक द्वारा कराई गई शाम को श्री जी और आचार्य श्री शान्तिसागर जी की 69 दीपकों से महाआरती की गई । राजेश पंचोलिया ऋतिक वगेरिया ने बताया कि 6 सितंबर को श्यामा वाटिका में प्रातः 10:00 बजे तीनों दीक्षार्थियों की दीक्षा का कार्यक्रम होगा जिसमें प्रातः काल 5:00 बजे से कैश लोचन होंगे पश्चात दीक्षार्थियों का मंगल स्नान होगा।