उस्मानपुर (विश्व परिवार)। आचार्यश्री संत शिरोमणि भावलिंगी संत श्रमणाचार्य श्री 108 विमर्शसागर जी महामुनिराज राजधानी दिल्ली के जिनालयों की पावन दर्शन श्रृंखला में 16 फरवरी 2025, रविवार की प्रातः बेला में लालमंदिर से पदविहार करते हुए “उस्मानपुर ” स्थित श्री 1008 शान्तिनाथ दिगम्बर जैन मंदिर पहुंचे । स्थानीय जैन समाज ने लालमंदिर से ही बहुसंख्या में आचार्यसंघ का मंगल बिहार कराया एवं साथ ही उस्मान पुर में भव्यातिभव्य मंगल आगवानी करायी। प्रातःकालीन प्रवचन सभा में आचार्यश्री का पादप्रक्षालन परमगुरुभक्त नीरज जैन बलबीर नगर द्वारा किया गया । आन्चार्य श्री ने अपना मंगल उद्बोधन प्रदान करते हुौरा धर्मसभा में कहा –
हमें यह जीवन मुस्कुराकर जीने के लिए मिला है। यदि किसी को सम्मान ने मिले तो सूरत उत्तर जाती है, दुकान पर यदि ग्राहक न मिले तो सूरत उत्तर जाती है, जरा विचार करना मंदिर में आकर भी यदि किसी की सूरत उतर जाए, मुस्कुराहट खो जाए तो जानना चाहिए कि यह भगवान के पास आकर भी भगवान से नहीं मिल पाया है। बन्धुओ, जिसको भगवान मिल जाते हैं वह सदैव ही मुस्कुराया करता है।
आज बड़े इंतजार के बाद उस्मान पुर आया हूँ। जब से दिल्ली आया हूँ तभी से उस्मानपुर वाले तो हमारे पास आते रहे और अपनी भक्ति करते रहे, आज वही भक्ति आपकी शक्ति बनकर इस समवशरण को यहाँ खींच लामी है। ठीक भी है इंतजार के बाद अभिलषित वस्तु प्राप्त हो उसका मजा ही अद्भुत होता है।