Home लखनऊ ‘जो दृश्य 1947 में था वही आज बांग्लादेश में हो रहा है…...

‘जो दृश्य 1947 में था वही आज बांग्लादेश में हो रहा है… या तो पाकिस्तान का विलय होगा या हमेशा के लिए समाप्त’- योगी आदित्यनाथ

42
0

लखनऊ(विश्व परिवार)। विभाजन विभीषिका दिवस पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज लोगों को संबोधित किया. इस दौरान वे बांग्लादेश की वर्तमान स्थिति और पाकिस्तान को लेकर काफी मुखर रहे. उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि ‘मैं बांग्लादेश और पाकिस्तान में रह रहे हिंदुओं का धन्यवाद करूंगा जो उन नर पिशाचों के सामने भी डटकर खड़े हुए. मुझे लगता है कि इन मजहबी उन्मादों को एकता के माध्यम से ही समाप्त किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि महर्षि अरविंद ने 1947 से पहले घोषणा की थी. देश के विभाजन की त्रासदी आजादी मिलने के बाद अक्सर उन्होंने अपनी चिंता व्यक्त की और उन्होंने कहा था कि आध्यात्मिक जगत में पाकिस्तान की कोई वास्तविकता नहीं है. या तो उसका भारत में विलय होगा या दुनिया से हमेशा के लिए समाप्त होगा।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आज पूरा देश विभाजन की त्रासदी की स्मृति दिवस में एकत्र होकर के इतिहास के उन काले अध्यायों को स्मरण कर रहा है. इतिहास केवल अध्ययन का विषय नहीं होता है वह एक प्रेरणा होती है गलतियों की परिमार्जन का और गौरवशाली क्षणों से प्रेरणा ग्रहण करने का एक संकल्प होता है. विभाजन की त्रासदी हम सबको इन्हीं बातों की तरफ ध्यान आकर्षित करती है।
विभाजन की त्रासदी का सामना इस सनातन राष्ट्र को करना पड़ा- योगी
आखिर क्या कारण था कि दुनिया का एक सनातन राष्ट्र हजारों हजार वर्ष से एक भारत रहा हो, वह भारत पहले गुलाम हुआ. विदेशी विक्रांताओं के द्वारा यहां की परंपरा और संस्कृति को रौंदा गया, तोड़ा गया, अपवित्र किया गया. इस देश को गुलाम बनाया गया और जब भारत ने अंगड़ाई ली थी, आजादी की लड़ाई को लेकर के देश के महान क्रांतिकारियों ने स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों ने जिस लड़ाई को लड़कर देश को स्वतंत्र करने की दिशा में विदेशी हुकूमत को उखाड़ फेंकने के संकल्प के साथ जो लड़ाई लड़ी गई थी, जब उसकी पूर्णता का समय आया तो विभाजन की त्रासदी का सामना इस सनातन राष्ट्र को करना पड़ा. जो कार्य इतिहास के किसी युग में नहीं हुआ वह दुर्भाग्य से कांग्रेस की सत्ता के प्रति लोलुप्तता ने इस त्रासदी का दुख हम लोगों को दे दिया।
आज भी कीमत चुका रही जनता- योगी
सीएम योगी ने कहा कि कौन नहीं जानता है कि अगर तत्कालीन राजनीतिक नेतृत्व दृढ़ता का परिचय देता तो दुनिया की कोई ताकत इस प्राकृतिक विभाजन को मूर्त रूप नहीं दे पाती. लेकिन दृढ़ इच्छा शक्ति का अभाव था. सत्ता का लालच था. किसी भी तरह से सत्ता प्राप्त होनी चाहिए इसके लिए देश को ही क्यों ना दाव पर लगाना पड़े. यही हुआ. यही 1947 में भी हुआ और उसके बाद भी लगातार यही हो रहा है. जब भी इन लोगों के हाथों में सत्ता आई लोगों ने देश की कीमत पर राजनीति की और उसकी कीमत इस देश को और इस देश की भोली भाली जनता को तब भी चुकानी पड़ी थी और अभी चुकानी पड़ रही है. इस विभाजन की त्रासदी हम सबको उन्हें गलतियों की तरफ ध्यान आकर्षित करती है. भारत बल बुद्धि विद्या सब में दुनिया का ध्यान आकर्षित करने की क्षमता रखता है. 16वीं सदी तक भारत का वैभव दुनिया में अग्रणी था. इतना समृद्ध भारत था और वह भी तब था जब कई सौ वर्षों तक विदेशी आक्रांताओं के आक्रमण को झेल रहा था।
हमारी कुछ कमजोरी ने आक्रांताओं को आक्रमण करने का मौका दिया- योगी
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 14 अगस्त को जब विभाजन की त्रासदी हो रही थी और 15 अगस्त को जब देश के अंदर तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के द्वारा भारत के तिरंगे को फहरा करके कांग्रेस के नेताओं के द्वारा देश के अंदर आजादी के जश्न को मनाने का काम किया जा रहा था, तब लाखों लोग अपने मातृभूमि को छोड़ने के लिए अपने परिवारों को छोड़ने के लिए मजबूर हो रहे थे. किस प्रकार की यातनाएं उन पर पड़ रही थी, किस प्रकार का दृश्य था, किस प्रकार का मानवीय अत्याचार हो रहा था ये किसी से भी छुपा हुआ नहीं है. यानी कि दुनिया का सबसे समृद्ध देश 1947 तक आते-आते एक दलिद्र देश में बदल गया था. हमारी कुछ कमजोरी ने आक्रांताओं को देश के अंदर आक्रमण करने का मौका दिया और जो गलतियां इतिहास के उस काले अध्याय में हम सबके सामने कैद है, क्या वही गलतियां चुनाव के समय राजनीतिक दलों के द्वारा इस प्रकार की गलतियां नहीं की जाती है जो जाति के नाम पर विभाजन की त्रासदी तक पहुंचाने की कथा वही है. जो पहले जातीयता के नाम पर होता था, जातिवाद के नाम पर होता था, आज वही काम राजनीतिक दलों के स्तर पर जातीयता का नग्न तांडव करके फिर से किया जा रहा है. जिसका परिणाम क्या है, परिणाम आप सबके सामने है. फिर वही है. तिथि बदली है, चेहरे बदले होंगे, लेकिन घटनाओं का स्वरूप इस प्रकार का है जो 1947 में हुआ था वही तो पाकिस्तान में आज भी हो रहा है।
आज बांग्लादेश वही स्थिति है- योगी
योगी आदित्यनाथ ने आगे कहा कि वही तो पूर्वी पाकिस्तान कहे जाने वाले आज के बांग्लादेश में हो रहा है. उस समय 10 लाख हिंदू एक साथ काटे गए थे. हिंदू सिक्ख सब एक साथ काटे गए थे. आज भी वही आगजनी वही तोड़फोड़ वही लूटपाट बहन और बेटियों के साथ हुआ. इस प्रकार के त्रासदी का दृश्य आज भी हम सबके सामने है. इन सबके बावजूद इस प्रकार के कार्यक्रमों को केवल एक औपचारिकता बनाकर के हम लोग केवल अपनी बात करने तक सीमित हो जाते हैं. आखिर कब इतिहास की गलतियों से हम सबक सीखेंगे और आज मैं आप सब से यही कहने के लिए आया हूं कि हम प्रधानमंत्री मोदी के आभारी हैं जिन्होंने इतिहास के इस कल अध्यायों से पर्दा हटाने का काम किया है।
आज देश के सेक्युलरों का मुंह बंद है- योगी
सीएम ने कहा कि डेढ़ करोड़ हिंदू कैसे आज बांग्लादेश के अंदर चिल्ला चिल्ला के अपनी जान बचाने की गुहार लगा रहे हैं. लेकिन दुनिया का मुंह बंद है, देश के सेक्युलरिस्टों का मुंह बंद है. क्योंकि यह कमजोर हैं. इनको लगता है कि इनका वोट बैंक खिसक जाएगा. वोट बैंक की चिंता है लेकिन मानवीय संवेदना इनकी मर चुकी है. मानवता की रक्षा के लिए उनके मुंह से एक भी शब्द नहीं निकलने वाला है. क्योंकि इन्होंने आजादी के बाद उसी प्रकार की राजनीति को प्रेरित और प्रोत्साहित किया है. उसको लेकर के आगे बढ़ते रहे हैं. ये लगातार बाटों और राज करो कि राजनीति के तहत देश के अंदर कार्य करते रहे हैं।
जगत में पाकिस्तान की कोई वास्तविकता नहीं है- योगी
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि अंग्रेजों से सत्ता उस समय इन लोगों ने प्राप्त किया. वास्तव में भारत की सत्ता का नेतृत्व नहीं कर रहे थे. बल्कि अंग्रेजों के मानस पुत्रों के रूप में भारत की सत्ता का संचालन शुरू किया और आज उसी का परिणाम देश ने लगातार चुकाया है. अखंड हिंदुस्तान ने चुकाया है. लेकिन हमारा संकल्प है कि महर्षि अरविंद ने जो 1947 से पहले घोषणा की थी. देश के विभाजन की त्रासदी आजादी मिलने के बाद अक्सर उन्होंने अपनी चिंता व्यक्त की और उन्होंने कहा था कि आध्यात्मिक जगत में पाकिस्तान की कोई वास्तविकता नहीं है या तो उसका भारत में विलय होगा या दुनिया से हमेशा के लिए समाप्त होगा. क्योंकि जब आध्यात्मिक जगत में किसी का वास्तविक स्वरूप नहीं है, तो उसको नष्ट ही होना है. उसकी नश्वरता को हमें संदेह की निगाह से नहीं देखना चाहिए. हमें यह मानना चाहिए कि यह होगा. लेकिन इसके लिए हमें भी तैयार होना होगा. हमें भी अपने आप को तैयार करना होगा. हमें अपनी उन गलतियों का परिमार्जन करना होगा जिन गलतियों के कारण विदेशी आक्रांताओं को भारत के अंदर घुसने और भारत के पवित्र तीर्थ स्थलों को तोड़ने और भारत की अखंडता और संस्कृति को नष्ट करने का अवसर देने मौका प्राप्त हुआ था. उसी प्रकार की गलतियों को और विभाजन की त्रासदी को जो पहुंचाया गया है वह जाति विभाजन के रूप में क्षेत्रीय विभाजन के रूप में और भाषीय विभाजन के रूप में है. उन सभी से उबर कर हम लोगों को राष्ट्र प्रथम की भावना से काम करना होगा।
अखंड भारत का सपना साकार होगा- योगी
उन्होंने कहा कि भारत कैसे फिर से अखंड भारत बन सके और महर्षि अरविंदो की भविष्यवाणी कैसे सरकार हो सके, उसके लिए हमें 2047 तक जब देश आजादी का शताब्दी मना रहा होगा तब हमें विकसित भारत बनाना होगा. उन्होंने आगे कहा कि विभाजन की त्रासदी के लिए तत्कालीन कांग्रेस का नेतृत्व जिम्मेदार रहा है. कांग्रेस इसके लिए देश से कभी जनता से माफी नहीं मांगेगी. क्योंकि कांग्रेस का कभी ऐसा चरित्र नहीं रहा और देश के अंदर जब भी उसे मौका मिला उसने लोकतंत्र का गला घोंटने का प्रयास किया है. 1975 इसका उदाहरण है. जब भी कहीं पर नागरिकों ने अपने अधिकारों की बात की उसने आपस में लड़ाने का काम किया. उसने देश के अंदर विवाद क्षेत्रीय विवाद देश के अंदर हिंदू और सिखों को लड़ाने का पाप किया है. इन पापों की कभी माफी नहीं दी जा सकती है. इसलिए हमें इस प्रकार के लोगों से सावधान रहते हुए हम लोगों के जीवन का एक संकल्प होना चाहिए।
मैं बांग्लादेश और पाकिस्तान में रह रहे हिंदुओं का धन्यवाद करूंगा, जो उन नर पिशाचों के सामने भी डटकर खड़े हुए. मुझे लगता है कि इन मजहबी उन्मादों को एकता के माध्यम से ही समाप्त किया जा सकता है. इसी से महर्षि अरविंदो के अखंड भारत का सपना साकार होगा।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here