रायपुर(विश्व परिवार)। अगर आप छत्तीसगढ़ में रहने वाले एचआईवी पीड़ित, दृष्टिहीन, दोनों पैरों से दिव्यांग और 80 साल से अधिक उम्र के हैं तो आपको यात्री बसों में यात्रा के दौरान किराया देने की ज़रूरत नहीं है. सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए इन वर्गों के लोगों को छूट दी है. इसके बाद ये सेवा लागू भी कर दी गई है।
समाज की मुख्य धारा से जोड़ने के उद्देश्य से “नक्सलवाद से प्रभावित व्यक्ति” का प्रमाण पत्र रखने वाले व्यक्ति को यात्री बस में सफर करने 50 प्रतिशत की रियायत दी गई है. सरकार ने इस बारे में हालही में फैसला लेते हुए इसके लिए दिशा- निर्देश भी जारी किए हैं।
कर सकते हैं शिकायत
परिवहन विभाग के अफसरों ने बताया कि सरकार ने जिन वर्गों को यात्री किराये में रियायत-छूट दी है. यदि यात्रा के दौरान बस कंडक्टर या संचालक उन्हें किराये में छूट नहीं देते हैं या किसी प्रकार का अभद्र व्यवहार या अवैध किराया वसूलते हैं तो इसकी शिकायत संबंधित जिले के जिला परिवहनअधिकारी से की जा सकती है. जिलास्तर पर अफसरों को भी निर्देश दिया गया है कि ऐसी शिकायतों का तुरंत निराकरण करें।
मुख्यमंत्री साय के नेतृत्व में राज्य शासन द्वारा आम जनता को बेहतर यातायात एवं परिवहन के साधन उपलब्ध कराने की दृष्टि से राज्य के विभिन्न मार्गों में साधारण श्रेणी से लेकर वातानुकूलित शयन श्रेणी की निजी यात्री वाहनें संचालित की जा रही हैं, जो आम जनता व यात्रियों को उनके निर्धारित गंतव्य तक हर दिन पहुंचाने का काम करती है।
ये निर्देश भी
अफसरों ने बताया कि त्योहारी सीजन के दौरान यात्रियों से वाहन संचालकों द्वारा अवैध वसूली कर अधिक किराया दर वसूल किया जा सकता है.ऐसे में राज्य के परिवहन अधिकारियों को अधिक किराया वसूली की शिकायतों पर तत्काल संज्ञान लेने और ऐसे यात्री वाहनों के खिलाफ नियमानुसार वैधानिक कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं. परिवहन अधिकारियों ने आमजनता की सुविधा को ध्यान में रखते हुए यात्रियों को अपने गंतव्य के लिए निर्धारित किराये दर की जानकारी देने यात्री बसों में किराया सूची चस्पा करने के निर्देश दिए हैं।
ज्यादा वसूली पर हुई कार्रवाई
इधर परिवहन विभाग की टीम ने यात्री बसों की जांच अभियान भी चलाया. जिसमें किराये की राशि से अधिक किराया वसूल करते पाये गये वाहन एवं बिना किराया दर सूची चस्पा किये संचालित होते पाए 349 यात्री वाहनों पर चालानी कार्रवाई की गई. इनसे विभाग ने कुल 4,47,800 रुपये वसूले हैं।