Home डोंगरगढ़ तीर्थ दर्शन के लिये पद यात्रा का अतिशयकारी लाभ होता है

तीर्थ दर्शन के लिये पद यात्रा का अतिशयकारी लाभ होता है

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आचार्य श्री कि समाधी स्थल के दर्शन से सबकी मनोकामनायें पूर्ण होंगी |
मुनिसंघ का चंद्रगिरी महातीर्थ में हुआ भव्य मंगल प्रवेश
 108 मुनि श्री आगम सागर जी

डोंगरगढ़(विश्व परिवार) | संत शिरोमणि 108 आचार्य श्री विद्यासागर महाराज जी के शिष्य 108 मुनि श्री आगम सागर जी, 108 मुनि श्री पुनीत सागर महाराज जी एवं 105 एलक श्री धैर्य सागर जी महाराज जी कि भव्य मंगल अगवानी 02 जुलाई 2024 को गाजे – बाजे के साथ हुई जिसमे प्रतिभास्थली कि ब्रह्मचारिणी दीदियाँ, छात्रायें, हथकरघा कि महिलाये एवं चंद्रगिरी ट्रस्ट के पदाधिकारी गण एवं दुर्ग, डोंगरगांव और डोंगरगढ़ के बहुत से सामाजिक लोग उपस्थित हुए |
108 मुनि श्री आगम सागर जी ने कहा कि पुराने शास्त्रों में ऐसा पढ़ने में आता है कि शिखर जी कि इस टोंक कि वंदना मात्र से इतने – इतने करोड़ उपवास का फल मिलता है उसी प्रकार आचार्य श्री जी कि समाधी स्थल (निसिद्धिका) कि वंदना करने से पाप कटते हैं और जब पाप कटेंगे तो पुण्य बंध होगा ही और जब पुण्य बढेगा तो धन, समृद्धि में वृद्धि होना निश्चित है | हम लोग कुण्डलपुर से लगभग 450 किलोमीटर पद यात्रा कर यहाँ आचार्य श्री कि समाधी स्थल (निसिद्धिका) के दर्शनार्थ आये हैं | रास्ते में किसी भी साधू के पैर में न तो छाले पड़े, न छिले और न ही कोई तकलीफ आई | यह सब गुरु जी का ही आशीर्वाद है जिसके कारण हम यहाँ बिना किसी तकलीफ के आये हैं | एक बार एक व्यक्ति हमारे दर्शनार्थ आया फिर कुछ दिन बाद सपरिवार बार – बार आने लगा तो हमने उससे पूछा कि तुम क्या काम करते हो और बार – बार हमारे पास क्यों आते हो ? तो वह कहता है कि महाराज पिछले बार आपके दर्शन करने आया था तो उसके बाद मेरा एक प्लाट मै जिस रेट में चाहता था उस रेट में बिका जिससे मुझे काफी फायदा हुआ और मेरे घर का खर्चा निकालने के बाद भी काफी पैसा बचा तो मै सपरिवार आपके दर्शनार्थ आया हूँ | आपके आशीर्वाद से मेरा व्यापार अच्छा चल रहा है और आपके दर्शन का भी लाभ मिल रहा है इसलिए मै जब भी समय मिलता है तो आपके दर्शनार्थ आ जाता हूँ | यदि आपकी दुकान न चले, कोई समस्या हो तो आचार्य श्री कि समाधी स्थल (निसिद्धिका) चले जाना आपकी सभी समस्या का हल हो जायेगा और आपकी मनोकामना भी पूर्ण हो जाएगी| उनके आस – पास जो देवता थे उनके जाने के बाद वे नहीं गए वे आज भी यहीं है और जो भी उनका भक्त उनकी समाधी स्थल (निसिद्धिका) के दर्शनार्थ आता है तो वे उनकी रक्षा करते हैं और उनकी सहायता और मनोकामना भी पूर्ण करने में अपना सहयोग देते हैं | गुरु जी ने कहा था कि तुम अच्छे से जियोगे तो तुम्हारे आस – पास के लोग भी समृद्ध होंगे | तुम जिसके लिये हाथ उठाकर आशीर्वाद दोगे तो तुम्हारी सेवा करने वाले देव आपके भक्तों कि मनोकामना पूर्ण कर देंगे | आपको चाहे तन का दुःख हो, मन का दुःख हो या धन का दुःख हो या आपके किसी पडोसी को कोई दुःख हो तो सच्चे मन से गुरु जी कि समाधी स्थल (निसिद्धिका) पैदल जाना उसका महत्त्व अतिशयकारी होता है | यदि आपके पैर में दर्द हो, कोई तकलीफ हो तो कोई बात नहीं 1 घंटे कि जगह 2 घंटे लगेंगे लेकिन पैदल जाना | सौभाग्य से डोंगरगढ़ से चंद्रगिरी लगभग 2 ½ किलोमीटर है जहाँ जाया जा सकता है | जिसका फल आपको अवश्य ही लाभकारी होगा | “इस जन्म में ना सही पर सबको मिलता है, अपने – अपने कर्मों का फल सबको मिलता है”| समाधी स्थल (निसिद्धिका) में जाने से जिस प्रकार आचार्य श्री ने संलेखना धारण कर उत्कृष्ट समाधी ली है उसी प्रकार आपकी समाधी भी सफल होगी और 3 से 4 या 7 से 8 भव पश्चात सिद्ध हो जाओगे |
चंद्रगिरी में शाम के संबोधन में 108 मुनि श्री आगम सागर महाराज जी ने कहा कि 03/12/2012 को आचार्य श्री कि आज्ञा से यहाँ से हमारा विहार नागपुर के लिये हुआ था उसी दिन प्रतिभास्थली का भी शिलान्यास हुआ था| आज 2 जुलाई 2024 को पुनः आना हुआ है | सब कुछ है पर गुरु जी नहीं है | उनके आशीर्वाद से यह क्षेत्र, प्रतिभास्थली सभी कि वृद्धि होते जा रही है | सभी कार्य आगे बढ़ते जा रहे हैं | दूर – दूर से यहाँ छात्रायें पढने के साथ – साथ अच्छे संस्कार के लिये आती है और ब्रह्मचारिणी दीदीयों के पुरुषार्थ से वे छात्रायें अपने लक्ष्य प्राप्ति के लिये सफल भी हो रही हैं | समय पर सब विकसित हो रहा है | यहाँ पर पढ़कर बच्चे संतुष्ट भी होंगे | यहाँ एक छात्रा जयपुर से भी आई है | गुरु जी कि दूरदृष्टि और सोच बहुत बड़ी है |
108 मुनि श्री पुनीत सागर महाराज जी ने डोंगरगढ़ मेडिकल एसोसिएशन के सभी मेडिकल स्टोर्स के संचालक एवं उपस्थित डॉक्टर को संबोधित करते हुए कहा कि नशीली दवाई एवं गर्भपात कि दवाई के सेवन से होने वाली हिंसा से बचना चाहिये | जिससे उपस्थित सभी ने अपनी सहमती देकर नियम लिया कि नशीली दवाई एवं गर्भपात कि दवाई के विक्रय से होने वाली हिंसा के पाप से बचने के लिये प्रयास करेंगे और अपने जीवन में अहिंसा को अपनाने का भी प्रयास करेंगे |
श्री दिगम्बर जैन चंद्रगिरी अतिशय तीर्थ क्षेत्र के अध्यक्ष सेठ सिंघई किशोर जैन ने बताया कि महाराज जी द्वारा 8 से 16 वर्ष के बच्चों का उपनयन संस्कार श्री दिगम्बर जैन चंद्रगिरी अतिशय तीर्थ क्षेत्र में दिनांक 11/07/2024 को होगा | जिसमे आप सभी सपरिवार उपस्थित होकर धर्म लाभ लेवें| बच्चों का ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन चालू है |उक्त जानकारी निशांत जैन (निशु) द्वारा दी गयी है |

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