- 10 को जिले में, 13 को संभाग स्तर पर निकाली जाएगी रैली
- भर्राशाही के चलते सरकार ने 7 विभागों में स्थानांतरण नीति में किया संशोधन
- कर्मचारी संगठनों एवं कांग्रेस ने सरकार को आड़े हाथ लिया
रायपुर (विश्व परिवार)। शासन द्वारा शिक्षा गृह व परिवहन सहित अन्य विभागोंं में स्थानांतरण पर रोक लगाने के आदेश पर विपक्ष और कर्मचारी संगठनों ने सरकार को घेरा है। कर्मचारी संगठनोंं ने कहा कि युक्तियुक्तकरण में भर्राशाही की जा रही थी, जिसके कारण इस आदेश के विरूद्ध हाईकोर्ट में स्टे मिल गया है। जिससे इस नीति पर प्रश्रचिन्ह लगते जा रहा है।
शिक्षा संघ के साझा संगठन के द्वारा पिछले कई दिनों से युक्ति युक्तकरण के विरूद्ध धरना एवं प्रदर्शन किया जा रहा है। प्रदेश अध्यक्ष विकास सिंह राजपूत ने बताया कि तृतीय शिक्षक संघ द्वारा युक्तियुक्तकरण के भर्राशाही के विरूद्ध अनेक याचिकाएं हाईकोर्ट में लगाई गई है। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने एक याचिकाकर्ता को 10 दिन के लिए राहत दी है। महासमुंद जिले के एक शिक्षिका कल्याणी ने युक्तियुक्तकरण को लेकर अधिवक्ता अवध त्रिपाठी के माध्यम से एक याचिका दायर की थी। सरकार द्वारा त्रुटिपूर्ण घटना के कारण उनका नाम सूची में डाल दिया गया। शासन की ओर से सुधार किया गया कि दर्ज संख्या में त्रुटि है। शासकीय कर्मचारी अधिकारी संगठन के कमल वर्मा ने कहा कि युक्तियुक्तकरण को लेकर भर्राशाही चल रही थी। जिसके कारण सरकार को अपना आदेश वापस लेना पड़ा। प्रदेश के कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने भी सरकार पर अनेक गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि मंत्रियों के द्वारा लूट खसोट की जाएगी।
सरकार साढ़े तीन लाख कर्मचारी-अधिकारियों के साथ कर रही भेदभाव
कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता ने स्थानांतरण नीति में कर्मचारी के साथ भेदभाव बरतने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि शिक्षा, पुलिस, खजिन, वाणिज्य पंजीयन, परिवहन के साढ़े तीन लाख कर्मचारियों को बाहर कर दिया गया है। सरकार अधिकारी-कर्मचारियों के साथ भेदभाव कर रही है।
सरकार द्वारा सामान्य प्रशासन विभाग से द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि प्रदेश में 14 जून से स्थानांतरण शुरू होगा, जो कि 25 जून तक चलेगा। इसमें विभागीय मंत्रियों की अनुशंसा आवश्यक है। जिले के अंदर स्थानांतरण कलेक्टर द्वारा किया जाएगा। वहीं अंतर जिला स्थानांतरण विभागीय सचिव की अनुशंसा पर किया जाएगा।
सामान्य प्रशासन विभाग ने अपने ओदश में कहा कि गृह, आबकारी, खनिज, परिवहन, वाणिज्य कर स्कूल शिक्षा में शैक्षणिक कार्य में लगे शिक्षकों को स्थानांतरण नहीं होगा। गत दिनों मंत्री परिषद की बैठक में स्थानांतरण 2025 को मंजूरी दी गई थी। उसके पश्चात सरकार द्वारा इस आदेश को बदल दिया गया। शिक्षक संघ के साझा मंच के नेताओं ने कहा कि यह हमारी जीत है, आगे भी हम अपने मुद्दे को लेकर 10 जिले में तथा 13 को संभाग स्तर पर रैली निकालेंगे। संगठनों ने कहा कि हाई कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि युक्तियुक्तकरण के बाद शिक्षकों को दावा आपत्ति पर सुनवाई होना चाहिए।