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निंदा करने वालों ने भगवान को भी नहीं छोड़ा, उन्हें छोड़ो: विराग मुनि

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दादाबाड़ी में गुरु भगवंतों से आशीर्वाद लेने पहुंचे केंद्रीय मंत्री तोखन साहू

रायपुर। आप कुछ भी करिए, लोग कुछ न कुछ बोलेंगे ही। निंदा करने वालों ने तो भगवान को भी नहीं छोड़ा। फिर आप क्यो परवाह करते हैं कि कौन क्या कहता है? उन्हें उनके हाल पर छोड़ दीजिए। एमजी रोड स्थित श्री जैन दादाबाड़ी में विशेष प्रवचन श्रृंखला के अंतर्गत शनिवार को श्री विराग मुनि ने ये बातें कही।
उन्होंने कहा कि प्रवचन की बातों को दूसरों पर लागू न करने की नसीहत देते हुए मुनिश्री ने कहा, यहां आप अपने लिए आते हैं या दूसरों के लिए? खुद में सुधार लाने की कोशिश करें। दुनिया को सुधारने का ठेका आपका नहीं है। खुद में ऐसे बदलाव लाइए जो आप दूसरों में देखना चाहते हैं। संभव है कि आपको देखकर दूसरे भी सुधरने लगें।‌ इधर, केंद्रीय राज्य मंत्री तोखन साहू शनिवार को श्री विनय कुशल मुनि म.सा. और श्री विराग मुनि म.सा. से मिलने व उनका आशीर्वाद लेने के लिए एमजी रोड स्थित दादाबाड़ी पहुंचे। इससे पहले उन्होंने यहां स्थित शहर के इकलौते पंचशिखर मंदिर में विराजित श्री ऋषभदेव भगवान के दर्शन-पूजन किए। फिर दादाबाड़ी के सेकंड फ्लोर स्थित सभाकक्ष में गए, जहां मुनि महाराज 51 दिन का उपाधान तप रहे तपस्वियों को स्वाध्याय करवा रहे थे।
मंत्री ने गुरुजनों के सामने मत्था टेककर उन्हें नमन किया। उनकी सुख-साता पूछी। मुनिश्री ने भी उनका आत्मीय स्वागत किया। श्री विराग मुनि ने इस अवसर पर मंत्री तोखन से कहा, पिछले पुण्यों ने आपको केंद्र में मंत्री बनाया है। अब आप और भी ज्यादा लोगोंं की सेवा कर और भी ज्यादा पुण्य अर्जित करिए। जरूरतमंदों का भला करें। जितने अच्छे काम करेंगे, उतने ही लोग आपसे जुड़ेंगे। समाज की सेवा करिए। आपका कल्याण होगा। मंत्री ने भी इस मौके पर अपने जीवन के अध्यात्मिक अनुभव मुनिश्री से साझा किए। धर्म कार्यों में सेवारत रहने के लिए मुनिश्री ने उन्हें प्रोत्साहित करते हुए शुभकामनाएं दी। इस दौरान श्री ऋषभदेव मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष विजय कांकरिया, उपधान तप के लाभार्थी राकेश कुमार, राजेश कुमार बुरड़ परिवार के सदस्यों समेत आत्मस्पर्शीय चातुर्मास समिति के पदाधिकारी भी मौजूद रहे।

6 साल के बच्चे से मंत्री ने
पूछा- कैसे कर लेते हो तप
गुरु भगवंतों की निश्रा में दादाबाड़ी में अभी 110 से ज्यादा तपस्वी उपधान तप कर रहे हैं। इसमें 6 साल के बच्चे से लेकर 80 साल के बुजुर्ग भी शामिल हैं। मंत्री जब गुरु भगवंतों से मिलने आए थे, तो 6 साल का बाल तपस्वी मौलिक चोपड़ा भी वहां मौजूद थे। मंत्री ने आश्चर्य से पूछा कि क्या यह भी तपस्या में शामिल है! मुनिश्री ने बताया कि इन जैसे और भी कई बच्चे पूरे मन से तपस्या कर रहे हैं। मौलिक के 73 वर्षीय दादा पूनमचंद चोपड़ा भी तप कर रहे हैं। दोनों दादा-पोता एक-दूसरे को हौसला देते हुए तपस्या पूरी कर रहे हैं। मंत्री ने जब जाना कि ये तपस्वी 51 दिन के लिए घर-बार से दूर तो दूर हैं ही, बिस्तर, एसी-कूलर, यहां तक मोबाइल का भी त्याग किया है, तो वे भी हतप्रभ रह गए। उन्होंने संयम पथ पर आगे बढऩे वाले सभी तपस्वियों के कुशल-क्षेम की कामना की।

सुबह 8.30 बजे से विशेष प्रवचन
आत्मस्पर्शीय चातुर्मास समिति के अध्यक्ष पारस पारख, महासचिव नरेश बुरड़ और कोषाध्यक्ष अनिल दुग्गड़ ने बताया, दादाबाड़ी में जारी ऐतिहासिक उपधान तप के अंतर्गत 110 से ज्यादा तपस्वी साधु भगवंतों की निश्रा में साधु जीवन बिताते हुए धर्म-ध्यान में लीन हैं। 51 दिनों के इस महान तप के अंतर्गत विशेष प्रवचन की श्रृंखला भी जारी है, जिसमें श्री विराग मुनि रोज 8.30 से 10 बजे तक धर्म-ध्यान के बारे में बारीक जानकारी दे रहे हैं।

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