रायपुर (विश्व परिवार)। सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एनआईटी) रायपुर के बीच चल रहे शैक्षिक सहयोग के तहत 19 फरवरी 2025 को बीएमडीसी भिलाई में एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम “एडवांस्ड डिजिटल इमेज प्रोसेसिंग” आयोजित किया गया।
इस पहल का उद्देश्य उद्योग और शैक्षिक संस्थाओं के बीच संबंधों को मजबूत करना और स्टील निर्माण क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) जैसी उन्नत तकनीकों का उपयोग करके कार्यकुशलता में वृद्धि करना है। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में बीएसपी के विभिन्न विभागों से लगभग 30 प्रतिभागियों ने सक्रिय रूप से भाग लिया।
कार्यक्रम का उद्घाटन निदेशक (एनआईटी रायपुर) डॉ. एन वी रमना राव और कार्यपालक निदेशक (परियोजनाएं, बीएसपी) एस. मुखोपाध्याय द्वारा किया गया। इस अवसर पर बीएसपी के वरिष्ठ प्रबंधन से मुख्य महाप्रबंधक (पावर फेसेलिटी, बीएसपी) राजीव पांडे, मुख्य महाप्रबंधक (ए एंड डी, बीएसपी) रविशंकर, मुख्य महाप्रबंधक (इलेक्ट्रिकल) कृष्ण कुमार, मुख्य महाप्रबंधक (सी एंड आईटी) समीर गुप्ता भी उपस्थित रहे। इसके साथ ही, एनआईटी रायपुर के प्रोफेसर डॉ. एस सान्याल और डॉ. एस. घोष भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए।
कार्यक्रम के दौरान, डॉ. एन वी रमना राव ने अकादमिक और उद्योग के बीच सहयोग के महत्व पर बल दिया। उन्होंने कहा कि यह साझेदारी उद्योग में नवाचार लाने और शैक्षिक अनुसंधान को औद्योगिक अनुप्रयोगों से जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
एस. मुखोपाध्याय ने इस बात पर प्रकाश डाला कि एआई के माध्यम से स्टील उत्पादन की गुणवत्ता, मेंटेनेंस और ऑटोमेशन में किस प्रकार सुधार किया जा सकता है। श्री रविशंकर ने मेटलर्जिकल चुनौतियों को हल करने और इस्पात निर्माण को अनुकूलित करने के लिए इस्पात संयंत्रों में एआई के संभावित योगदान पर जोर देते हुए कहा कि भविष्य में एआई, डिजिटल ट्विन तकनीक और मशीन लर्निंग जैसी नवाचारों के माध्यम से इस्पात निर्माण प्रक्रिया को और अधिक कुशल और लागत-प्रभावी बनाया जा सकता है।
यह कार्यक्रम भिलाई इस्पात संयंत्र और एनआईटी रायपुर के बीच एमओयू के तहत आयोजित किया गया। इसका उद्देश्य बीएसपी इंजीनियरों को उन्नत तकनीकी प्रशिक्षण, अनुसंधान समाधान और छात्रों को इंटर्नशिप व कौशल विकास का अवसर प्रदान करना है। कार्यशाला में डिजिटल इमेज प्रोसेसिंग और एआई के औद्योगिक उपयोग पर चर्चा की गई, जिसमें स्टील उद्योग में सुधार, दोष पहचान, गुणवत्ता नियंत्रण में वृद्धि और प्रक्रिया ऑटोमेशन के लिए तकनीकों को बताया गया। जो स्टील उत्पादों में सर्फेस डिफेक्ट्स का पता लगाने, उपकरणों की प्रेडिक्टिव मेंटेनेंस करने, डाउनटाइम और संसाधनों की बर्बादी को कम करने में मदद कर सकते हैं।
कार्यशाला में प्रतिभागियों को MATLAB और Python पर प्रशिक्षण भी दिया गया और डिजिटल इमेज प्रोसेसिंग और एआई के औद्योगिक उपयोग पर विशेष चर्चा की गई, ताकि बीएसपी इंजीनियरों को एआई-आधारित विश्लेषण में विशेषज्ञता मिल सके। साथ ही सुविधाओं और विशेषज्ञता का उपयोग कर संयुक्त अनुसंधान परियोजनाओं, औद्योगिक समस्याओं के समाधान और विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रमों की योजना बनाई गई है।
कार्यक्रम का संचालन प्रोफेसर (इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग, एनआईटी रायपुर) डॉ एन डी लोंढे और पीएचडी स्कॉलर (एनआईटी रायपुर, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग) विभा भंडारी द्वारा किया गया। कार्यक्रम का समन्वयन महाप्रबंधक (ए एंड डी, बीएसपी) सुभाष राठौर और महाप्रबंधक (सी एंड आईटी) अजय सचदेव द्वारा किया गया।