- जनजातीय समाज के उत्थान में भगवान श्री बिरसा मुंडा का योगदान सदैव अविस्मरणीय, उनके संघर्ष की गाथा और आदर्श आज भी है प्रासंगिक- किरण सिंह देव
दंतेवाडा/रायपुर(विश्व परिवार)। गीदम स्थित जावंगा के ऑडिटोरियम में आज जनजातीय गौरव दिवस उत्साह और उल्लास के साथ मनाया गया। इस अवसर पर आयोजित समारोह में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवं विधायक किरण सिंह देव ने अपने उद्बोधन में कहा कि जनजातीय समाज के उत्थान में भगवान बिरसा मुंडा जी का योगदान सदैव स्मरणीय रहेगा। उनके आदर्श और संघर्ष की गाथा आज भी प्रेरणादायक है। उनकी 150वी जयंती को आज पूरा देश मना रहा है। जनजातीय समाज की विरासत सदैव गौरवशाली रही है। इस समाज कभी भी अपने स्वाभिमान से समझौता नहीं किया है। आज जनजातीय गौरव दिवस मना रहे है इसका पूरा श्रेय देश के पूर्व मंत्री स्व. श्री अटल बिहारी हो जाता है और देश के विभिन्न 500 अलग-अलग स्थानों में भव्य समारोह आयोजित किए गए है। जनजातीय समाज हमेशा ही देश की स्वतंत्रता के लिए अपनी आहुति दी है जननायक गुंडाधुर के योगदान और भूमकाल विद्रोह को भी कभी भुलाया नहीं जा सकता।उन्होंने कहा कि देश के माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में जनजातीय समाज उत्तरोत्तर प्रगति की ओर अग्रसर है शिक्षा, स्वास्थ्य और खेल जैसे विभिन्न कार्यक्षेत्रों मे आज जो सकारात्मक परिवर्तन आया है इसका पूरा श्रेय देश के यशस्वी प्रधानमंत्री जी को है।
इसके पूर्व ऑडिटोरियम स्थल में प्रधानमंत्री श्री मोदी जी के बिहार के जामूई जिले में आयोजित कार्यक्रम का सीधा प्रसारण किया गया। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री जी द्वारा 66 हजार करोड़ के विभिन्न विकास कार्यो का शिलान्यास एवं लोकार्पण किया गया। कार्यक्रम में शालेय छात्र छात्राओं द्वारा लोकनृत्यों का मनभावन प्रदर्शन भी किया गया और आगंतुक अतिथियों ने छात्र-छात्राओं उनके प्रस्तुतियों के लिए पारितोषिक एवं प्रमाण पत्र एवं स्मृति चिन्ह दिए। इसके अलावा जिले के सभी विकास खंडों में आदिवासी जनजातीय दिवस उपलक्ष्य में विभिन्न कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। जिसमें पौधारोपण, धरती आबा, ग्राम उत्कर्ष अभियान, प्रस्तावना (Preamble), पंचायत विस्तार अधिनियम (पेसा), वन अधिकार अधिनियम (FRA), पंचायत विकास सूचकांक (PDI), सतत विकास लक्ष्य (LSDG) Pledge for clean India Pledge for a Drug, Free Society जैसे कार्यक्रम के शामिल है। जिसमें पिरामल फाउंडेशन के द्वारा दंतेवाड़ा जिले के समेली, टीकनपाल, मड़से, टेकनार, आदि स्थानों से 250 प्रतिभागियों को सम्मिलित किया गया था।