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केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने केन्द्रशासित प्रदेश में तीन नए आपराधिक कानूनों के कार्यान्वयन पर समीक्षा बैठक की

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नई दिल्ली (विश्व परिवार)। केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आज नई दिल्ली में जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और मुख्यमंत्री डॉ. उमर अबदुल्ला के साथ केन्द्रशासित प्रदेश में तीन नए आपराधिक कानूनों के कार्यान्वयन पर समीक्षा बैठक की। बैठक में जम्मू और कश्मीर में पुलिस, जेल, कोर्ट, अभियोजन और फॉरेन्सिक से संबंधित विभिन्न नए प्रावधानों के कार्यान्वयन और वर्तमान स्थिति की समीक्षा की गई। बैठक में केन्द्रीय गृह सचिव, महानिदेशक, BPR&D और महानिदेशक, NCRB सहित गृह मंत्रालय और जम्मू और कश्मीर प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
बैठक में चर्चा के दौरान केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में लाए गए तीन नए पीड़ित-केन्द्रित आपराधिक कानूनों के माध्यम से त्वरित न्याय सुनिश्चित करने में तकनीक का अधिकतम उपयोग करना चाहिए।
केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू और कश्मीर में अप्रैल, 2025 तक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में निर्मित तीनों कानूनों का पूर्ण कार्यान्वयन सुनिश्चित करने को कहा। उन्होंने कहा कि नए कानूनों के पूर्ण कार्यान्वयन के लिए पुलिसकर्मियों और प्रशासन के attitude में बदलाव लाना और नागरिकों में इनके बारे में awareness पैदा करना बहुत ज़रूरी है। उन्होंने कहा कि जम्मू और कश्मीर में आतंकवाद पर नियंत्रण में आई गति और सुरक्षा हालातों में सुधार के बाद, अब वहाँ के नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करना जम्मू और कश्मीर पुलिस की प्राथमिकता होनी चाहिए। श्री शाह ने कहा कि जम्मू और कश्मीर में Trial In Absentia के प्रावधान को त्वरित रूप से इस्तेमाल करने की आवश्यकता है।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने चार्जशीट दाखिल करने के काम में तेज़ी लाने के लिए पुलिस अधिकारियों की responsibility fix करने की ज़रूरत पर बल दिया। उन्होंने कहा कि जम्मू और कश्मीर के हर पुलिस स्टेशन को NAFIS के अधिकतम उपयोग को व्यवहार में लाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जांच अधिकारियों (Investigating Officers) का नए कानूनों के प्रावधानों के बारे में शत-प्रतिशत प्रशिक्षण जल्द से जल्द सुनिश्चित किया जाए। श्री शाह ने कहा कि आतंकवाद और संगठित अपराध से संबंधित प्रावधानों का पुलिस अधीक्षक के स्तर पर पूर्ण विवेचन के उपरांत ही निर्णय करना चाहिए। इन प्रावधानों का गलत इस्तेमाल न हो, इसके लिए सख्त monitoring की आवश्यकता है।
अमित शाह ने कहा कि जम्मू और कश्मीर प्रशासन और सरकार ने कठिन परिस्थितियों के बावजूद नए कानूनों के कार्यान्वयन की दिशा में संतोषजनक काम किया है। उन्होंने कहा कि जम्मू और कश्मीर में तीन नए कानूनों के कार्यान्वयन की प्रगति की समीक्षा मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक के स्तर पर मासिक, पाक्षिक और साप्ताहिक रूप से होनी चाहिए।

 

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