वडनगर (विश्व परिवार)। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को वडनगर में 298 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित पुरातत्व अनुभव संग्रहालय, 72 करोड़ रुपए की लागत से तैयार ‘प्रेरणा संकुल’ और 33.50 करोड़ रुपए की लागत से विकसित स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स का उद्घाटन किया। इस अवसर पर केन्द्रीय मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान, मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल, सांसद हरिभाई पटेल समेत अन्य गणमान्य लोग मौजूद थे।
केन्द्रीय मंत्री अमित शाह ने वडनगर में आयोजित समारोह में कहा कि वडनगर के पुरातत्व अनुभव संग्रहालय के जरिए विरासत पर गौरव और गुलामी के अवशेषों का नाम शेष करना संभव हो पाएगा। यह म्यूजियम सात स्तर (परत) यानी हमारे आर्थिक, आध्यात्मिक, सामाजिक, नैतिक, भौतिक और सांस्कृतिक विकास का प्रतीक है, जिसे यहां संजोया गया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के पंच प्रण में युवाओं में विरासत के गौरव को अनुभूति कर भविष्य को आधुनिकता के आधार पर गढ़ने का साहस और गौरव लाने का संदेश निहित है।
केन्द्रीय मंत्री शाह ने कहा कि वडनगर पुरातन शहरों में से एक है। अपनी अक्षुण्ता और जीवंतता के कारण देश के हर काल की संस्कृति और संस्कार को प्रभावित किया है। हजारों साल से अनथक वडनगर की यात्रा चलती गई, 2500 साल पुराने इसके इतिहास का प्रमाण भी है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की परिकल्पना साकार हुई है जिसमें 300 करोड़ रुपये की लागत से पुरातात्विक अनुभवनात्मक संग्रहालय का निर्माण हुआ है। इसके जरिए उन्होंने न सिर्फ वडनगर बल्कि गुजरात और देश की संस्कृति को दुनिया के नक्शे पर रखा गया है। संग्रहालय भवन, उत्खनन स्थल के जरिए 2500 साल पुरानी यात्रा को जीवंत किया गया है। शाह ने कहा कि म्यूजियम न सिर्फ वडनगर के पुरातन होने का बोध देता है, बल्कि हर समय-समयांतर में संस्कृति, व्यापार, नगर रचना, शिक्षा और शासन के योगदान को उजागर करता है।
शाह ने कहा कि जिस स्कूल में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने प्राथमिक शिक्षा प्राप्त की है, उसे प्रेरणा संकुल के रूप में विकसित किया गया है। प्रेरणा संकुल देश के भविष्य में बड़े व्यक्तियों का निर्माण करेगा। खेल परिसर के उद्घाटन के संबंध में उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लक्ष्य रखा है कि 2036 का ओलंपिक अहमदाबाद में होगा, इस खेल परिसर में वडनगर के बच्चे तैयार होकर ओलंपिक में हिस्सा लेंगे।
शाह ने कहा कि वडनगर में सनातन संन्यासियों ने तप-साधना और ज्ञान की उपासना की है। जैन साधुओं ने जैन अगम-निगम की यहां तपश्चर्या की। सिर्फ जैन साधुओं के लिए पढ़ा जाने वाला जैन ग्रंथ कल्पसूत्र को पहली बार वडनगर में जनता के लिए पढ़ा गया। यह स्थान बौद्ध श्रमणों के लिए विहार स्थान रहा। तीन-तीन महान धर्मों की यह उपासना स्थली रही। स्कंदपुराण से लेकर आज तक आनर्तपुर, आनंदपुर, विप्रपुर, वृद्धनगर और वडनगर इसकी पूरी यात्रा म्यूजियम में उपलब्ध है। ह्वेनसांग ने 7वीं शताब्दी के वडनगर का वर्णन किया और ईसा के बाद के वडनगर की भी पूरी यात्रा यहां मौजूद वर्णन है।
केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश की विरासत को संरक्षित करने का खूब प्रयास हुआ है। हमने अपनी खोई हुई धरोहर को विश्व भर से संजो कर लाते हैं। देश की साढ़े तीन सौ कलाकृतियां लाई गई है। इसमें गुजरात की चोरी की गई महिसासुरमर्दिनी की प्रतिमा भी शामिल है, जिसे देश में लाया गया है।
इस अवसर पर केन्द्रीय मंत्री शाह ने गुजरात में मुख्यमंत्री रहते नरेन्द्र मोदी के शुरू की गई विभिन्न लोक कल्याणकारी योजनाओं का जिक्र किया। सभा को केन्द्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल ने भी संबोधित किया।