खास चर्चा में युरोलॉजिस्ट ने साझा किया अपना अनुभव
सभी को जागरूकता और सतर्कता बरतने की विशेष सलाह
रायपुर(विश्व परिवार)। राजधानी के नवा रायपुर स्थित मेफेयर रिजॉर्ट में छत्तीसगढ़ यूरोलॉजी सोसाइटी के बैनर तले यूरोलॉजी सोसाइटी ऑफ़ इंडिया वेस्ट जोन के साथ 34वीं एनुअल कॉन्फ्रेंस WZUSICON 2024 का आयोजन 4,5 और 6 अक्टूबर को कर रही है। यूरोलॉजिस्ट के इस महाकुंभ में छत्तीसगढ़ सहित महाराष्ट्र, गुजरात, मध्यप्रदेश और गोवा के यूरोलॉजिस्ट एवं देश के अन्य जगहों से यूरोलॉजिस्ट तीन दिवसीय एनुअल कॉन्फ्रेंस में जुटे हैं। वीडियो प्रेजेंटेशन के माध्यम से यूरोलॉजी के क्षेत्र में सर्जिकल टेक्निक्स को साझा किया जाएगा। साथ ही नई टेक्नोलॉजी का विश्लेषण कर उपचार की चुनौतियां और आसानियों पर विश्लेषण मंथन होगा।
डॉ.प्रशांत भागवत ऑर्गेनाइजिंग प्रेसिडेंट WZUSICON 2024 ने
कहा कि यह नेशनल कांफ्रेंस साल में एक बार वेस्ट जोन के अंतर्गत आने वाले छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र,गुजरात, मध्यप्रदेश,गोवा राज्य में होती है। हर 5 साल में प्रति राज्य में एक बार कांफ्रेंस आयोजित की जाती है। यूरोलॉजी के अंतर्गत मूत्रशल्य चिकित्सा इसमें महिला-पुरुषों में अलग-अलग तरह की होने वाली बीमारियों को यूरोलॉजिस्ट के द्वारा उपचार किया जाता है। बेहतर उपचार के लिए आज नई-नई टेक्निक्स का इजात हो चुका है। इससे उपचार आसान हो गया है। बिना चीर फाड़ के आज इलाज संभव हो गया है।
खास चर्चा में डॉक्टर प्रशांत भागवत ने कहा कि आज पथरी की बीमारी सामान्य रूप से सामने आती है। कमर में दर्द, उल्टी,पेशाब में खून आना और असहनीय दर्द होना आदि लक्षण दिखने से तत्काल यूरोलोजिस्ट से सलाह लेना चाहिए। जब हमारे पास मरीज आते हैं तो हम जांच करते हैं,सोनोग्राफी करते हैं,सिटी स्कैन करते हैं और जब इस निष्कर्ष में पहुंचते हैं की पथरी है तो पथरी के आकार स्थिति को देखते हुए कि मरीज को दवाई दी जाए या ऑपरेशन किया जाए ये निर्णय करते हैं।
डॉ. गौरांश शाह मुंबई सेक्रेटरी वेस्ट जोन यूरोलॉजी सोसाइटी ऑफ़ इंडिया ने कहा कि पेशाब में रक्त बहना कैंसर की पहली निशानी है। उसके साथ में दर्द भी हो सकता है, बुखार भी आ सकता है, पेशाब में खून बहता है उसकी जांच करना बहुत जरूरी है। आजकल इसका इलाज दूरबीन और रोबोटिक पद्धति से होता है। पेशाब में खून आना इन्फेक्शन और पथरी से भी हो सकता है लेकिन सतर्कता पूर्वक जांच अवश्य करानी चाहिए।
डॉ. उल्हास साठये प्रेसिडेंट वेस्ट जोन यूरोलॉजी सोसाइटी ऑफ़ इंडिया (जामनगर-गुजरात) ने कहा कि प्रोस्टेड की बीमारी बुजुर्ग पुरूष में होती है। ज्यादातर पेशाब में रुकावट पेशाब बंद हो जाना यह लक्षण होते हैं। सही समय पर इलाज न होने पर गुर्दों पर असर हो सकता है। इसे हम सरल भाषा में किडनी फेल होना कहते हैं। प्रोस्टेड के ऑपरेशन का इलाज दूरबीन से,लेजर से, रोबोट से भी हो सकता है। नई-नई टेक्नोलॉजी के इजात होने से यह सरल हो गया है।
डॉ. ललित शाह प्रेसिडेंट यूरोलॉजी सोसाइटी ऑफ़ इंडिया रायपुर ने कहा कि 30-40 साल पहले की बात करें तो यूरोलॉजिस्ट बहुत कम हुआ करते थे तो लोग पहले नीम हकीम से ही उपचार कराते थे। कुछ लोग एमबीबीएस डॉक्टर से इलाज करते थे लेकिन यूरोलॉजिस्ट तक पहुंच नहीं पाते थे। वर्तमान में बहुत यूरोलॉजिस्ट है लेकिन 30 प्रतिशत मरीज ही यूरोलॉजिस्ट तक पहुंचते हैं। सभी को समझना होगा कि विशेषज्ञ डॉक्टर के पास ही जाना चाहिए। सर्वश्रेष्ठ उपचार उपलब्ध हो, वहां जाना चाहिए। इमरजेंसी में भले ही समीप के डॉक्टर के पास चले जाएं लेकिन लोगों में यह जागरूकता होनी चाहिए कि यूरोलॉजी से संबंधित बीमारी का इलाज यूरोलॉजिस्ट ही ठीक तरह कर सकता है।
डॉ. योगेश बारापात्रेऑर्गेनाइजिंग सेक्रेट्री WZUSICON 2024
ने कहा कि आज लोगों में सेक्स संबंधी कमजोरियां व नपुंसकता सामने आती है। इसके लिए यूरोलॉजिस्ट से सलाह लेकर बेहतर इलाज पाया जा सकता है। व्यक्ति को सेक्स संबंधी बीमारी में संकोच नहीं करना चाहिए। यूरोलॉजिस्ट से अवश्य सलाह लेनी चाहिए। जांच के बाद बीमारी का पता चलने पर इलाज संभव है। नपुसंकता, बांझपन का इलाज यूरोलोजिस्ट से परामर्श कर संभव हो सकता है।